QR Code से होगा ट्रेन का सफर आसान, डिजिटल इंटीग्रेशन की दिशा में एक कदम आगे भारत
QR Code से होगा ट्रेन का सफर आसान, डिजिटल इंटीग्रेशन की दिशा में एक कदम आगे भारत। देश के पहले रीजनल रैपिड ट्रांज़िट सिस्टम (आरआरटीएस) का आटोमेटिक फेयर कलेक्शन सिस्टम पूरी तरह आधुनिक तकनीकों से लैस होगा। केंद्र सरकार के सभी परिवहन साधनों में नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (एनसीएमसी) मानक लागू करने के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए ही इस एएफसी सिस्टम का चयन किया गया है, जिससे यात्रियों को निर्बाध एवं सुगम यात्रा की सुविधा मिले।
रैपिड ट्रेन में सफर करने के लिए मेट्रो की तरह टोकन नहीं मिलेगा। यहां पर यात्रा की सुविधा क्यूआर कोड स्कैन से होगी। हवाई अड्डों की तर्ज पर क्यूआर कोड स्कैन करने पर आटोमैटिक फेयर कलेक्शन (एएफसी) गेट खुल जाएंगे।
रैपिड ट्रेन में सफर करने के लिए मेट्रो की तरह टोकन नहीं मिलेगा। यहां पर यात्रा की सुविधा क्यूआर कोड स्कैन से होगी। हवाई अड्डों की तर्ज पर क्यूआर कोड स्कैन करने पर आटोमैटिक फेयर कलेक्शन (एएफसी) गेट खुल जाएंगे। इतना ही नहीं, रैपिड कार्ड का इस्तेमाल भी रिटेल कार्ड की तरह हो सकेगा। इससे खरीदारी भी की जा सकेगी।
देश के पहले रीजनल रैपिड ट्रांज़िट सिस्टम (आरआरटीएस) का आटोमेटिक फेयर कलेक्शन सिस्टम पूरी तरह आधुनिक तकनीकों से लैस होगा। केंद्र सरकार के सभी परिवहन साधनों में नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (एनसीएमसी) मानक लागू करने के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए ही इस एएफसी सिस्टम का चयन किया गया है, जिससे यात्रियों को निर्बाध एवं सुगम यात्रा की सुविधा मिले।
एनसीएमसी कार्ड एवं क्यूआर-कोड आधारित टिकटिंग सिस्टम का क्रियान्वयन डिजिटल इंटीग्रेशन की दिशा में ही बढ़ाया गया एक कदम है।
जानकारी के अनुसार, एनसीआर परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) टिकटिंग सिस्टम के लिए एक एप भी तैयार कर रहा है। यह एप कोई भी यात्री अपने मोबाइल डाउनलोड कर सकेगा। एप का इस्तेमाल कर टिकट भी बन जाएगा और उसका क्यूआर कोड भी आ जाएगा।
यात्री चाहे तो उस टिकट को डिजिटल रूप में भी इस्तेमाल कर सकते हैं या फिर उसका प्रिंट भी निकाल सकते हैं। एएफसी गेट पर क्यूआर कोड स्कैन करना है और अंदर जाना है। दूसरी तरफ मेट्रो के स्मार्ट कार्ड की तरह रैपिड ट्रेन में जो कार्ड तैयार करवाया जा रहा है, वह भी बहु उपयोगी होगा।
मतलब, इस कार्ड का इस्तेमाल कर एएफसी गेट तो खुलेंगे ही, इसे स्वाइप कर खरीदारी भी की जा सकेगी। दरअसल, एनसीआरटीसी के लिए यह कार्ड पेटीम ने ही तैयार किया है। इस कार्ड में जितना रिचार्ज होगा, उतना ही उसका इस्तेमाल किया जा सकेगा।
एनसीआरटीसी अधिकारियों ने बताया कि मेट्रो का टोकन बहुत बार यात्रियों से खो जाता है, टूट जाता है, गिर जाता है। कई बार कुछ लोग चालाकी कर टोकन अपने साथ भी ले जाते हैं। ऐसे में क्यूआर कोड के स्कैन वाला सिस्टम अधिक बेहतर रहेगा। चूंकि इस सिस्टम को भी एप से जोड़ा जा रहा है, अत: यात्रियों को रैपिड स्टेशन पर लाइन में लगकर टिकट खरीदने की जरूरत भी नहीं रहेगी। रैपिड कार्ड को भी इस तरह से इसीलिए डिजाइन किया गया है ताकि यात्रियों को कहीं ज्यादा सुविधाएं मिल सकें।
एनसीआरटीसी के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पूनीत वत्स ने बताया कि देश में पहली बार हाइब्रिड एन्यूयिटी माडल (एचएएम) के आधार पर एएफसी सिस्टम अपनाया जा रहा है। इसमें अपने विशिष्ट क्षेत्रों में सर्वोत्तम सेवाएं प्रदान करने वाली कंपनियां आरआरटीएस के लिए भी अपना योगदान देंगी। इसका सीधा फायदा जनता को मिलेगा।