हॉस्टल में रैगिंग: 3 सीनियर स्टूडेंट्स को 2 साल के लिए निकाला, हाईप्रोफाइल मामला फिर भी 20 दिन बाद कार्रवाई पर सवाल
हॉस्टल में रैगिंग: 3 सीनियर स्टूडेंट्स को 2 साल के लिए निकाला, हाईप्रोफाइल मामला फिर भी 20 दिन बाद कार्रवाई पर सवाल यूजीसी की एंटी रैगिंग हेल्पलाइन में विधिवत शिकायत की गई थी। शिकायतकर्ता छात्र ने बताया था कि सीनियर स्टूडेंट्स ने उससे शराब की मांग की और उनके साथ शराब पीने के लिए दबाव बनाया। जब जूनियर स्टूडेंट ने शराब पीने से मना किया तो उसके साथ मारपीट की गई।
इस शिकायत की प्रॉक्टोरियल बोर्ड द्वारा 3 दिन के भीतर जांच पूरी करके दिनांक 25 फरवरी 2023 को कुलपति डॉ विजय कुमार को रिपोर्ट सौंप दी गई थी। नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी यूनिवर्सिटी के चीफ वार्डन प्रोफेसर उदय प्रताप सिंह ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि सीसीटीवी कैमरे की रिकॉर्डिंग के आधार पर 3 छात्रों को दोषी पाया गया है और उन्हें अगले 2 साल के लिए हॉस्टल से बाहर निकाल दिया गया है।
हाईप्रोफाइल मामला फिर भी 20 दिन बाद कार्रवाई पर सवाल
इस मामले में पीड़ित स्टूडेंट, इंदौर पुलिस कमिश्नर का बेटा है। विधिवत शिकायत की गई। नियमानुसार 24 घंटे के भीतर कार्यवाही निर्धारित होनी चाहिए थी परंतु 25 फरवरी को जांच रिपोर्ट मिल जाने के बाद भी कार्रवाई में लंबा समय लगा। सवाल उठाया जा रहा है कि जब इतने ताकतवर व्यक्ति के बेटे के साथ रैगिंग के मामले में नियत समय पर कार्रवाई नहीं हो रही है तो आम स्टूडेंट्स के साथ कैसा व्यवहार होता होगा।