Climate Change Fever In MP: में नए प्रकार का मियादी बुखार, ठीक होने में लग रहा 1 माह
Climate Change Fever In MP: में नए प्रकार का मियादी बुखार, ठीक होने में लग रहा 1 माह । MP में मरीजों की संख्या अचानक बढ़ गई है। इनमें बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ, फेफड़ों में इंफेक्शन तथा लंबे समय तक खांसी रहने की परेशानी देखने को मिल रही है।
वायरल फीवर के नेचर में जो बदलाव आया है वह काफी घातक है। इसमें मरीज के सीने में कफ जमा हाेने के साथ-साथ गले दर्द, सांस की नली में सिकुड़न आना और कफ अधिक बनना जैसी परेशानी देखने को मिल रही है। इसके साथ ही वायरल फीवर के नेचर में भी बदलाव देखने को मिल रहा है।
आमतौर पर वायरल फीवर 4 से 7 दिन में ठीक हो जाता है, लेकिन इस बार वायरल फीवर को ठीक होने में 3 से 4 सप्ताह का समय लग रहा है। कुछ मरीजों को तो एक माह से अधिक का समय लग रहा है। जीआरएमसी के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर ने बताया कि ओपीडी में आने वाले मरीजों में 60 फीसदी मरीज वायरल फीवर के हैं।
इनमें बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ, फेफड़ों में इंफेक्शन तथा लंबे समय तक खांसी रहने की परेशानी देखने को मिल रही है। वरिष्ठ चेस्ट फिजीशियन डॉ. उज्जवल शर्मा ने बताया कि वायरल फीवर के नेचर में जो बदलाव आया है वह काफी घातक है। इसमें मरीज के सीने में कफ जमा हाेने के साथ-साथ गले दर्द, सांस की नली में सिकुड़न आना और कफ अधिक बनना जैसी परेशानी देखने को मिल रही है।
कई मरीजों में कफ इतना अधिक बन रहा है कि उन्हें उल्टी तक हो जाती है। इसके अलावा कुछ मरीजों में सांस लेने में दिक्कत तथा गला बैठना जैसी परेशानी हो रही है। इसलिए अगर किसी व्यक्ति को वायरल के लक्षण आ रहे हैं तो उसे तुरंत ही विशेषज्ञ से सलाह लेकर इलाज शुरू कर देना चाहिए।