Katni के निजी अस्पताल नें महिला की मौत का मामला, पोस्टमार्टम के बाद शव लेकर फिर मंगतराम अस्पताल पहुंचे परिजनों के मचाया हंगामा
कटनी। कोतवाली के नई बस्ती क्षेत्र डॉक्टर मंगतराम हास्पिटल में गब्बर इज बैक फिल्म की पटकथा दोहराए जाने का मामला प्रकाश में आया है। आज फिर अस्पताल के सामने परिजनों ने शव रखकर प्रदर्शन किया। रविवार की शाम से शुरू हुआ परिजनों का हंगामा आज सोमवार की सुबह भी जारी रहा। परिजनों ने शव को बीच सड़क पर रखकर विरोध जताया, खबर के बाद टी आई अजय सिंह ने मौके पर पहुँच कर कार्यवाही का आश्वासन दिया। तब कहीं जाकर पीड़ित माने।
क्या था मामला
हास्पिटल में एक गर्भवती महिला की मौत के बाद भी उसको भर्ती कर उपचार किया जा रहा था। इस बात का खुलासा होने के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा मचाया। परिजनों ने मरीज की मौत के बाद भी अस्पताल प्रबंधन पर मरीज को भर्ती रखकर उपचार करने का आरोप लगाया। हंगामे की सूचना पाकर कोतवाली प्रभारी अजय बहादुर सिंह पुलिस बल के साथ अस्पताल पहुंचे लेकिन पुलिस जांच से बचने के लिए अस्पताल प्रबंधन ने गेट पर ताला लगा दिया। लगभग एक घंटे तक इंतजार के बाद डॉक्टर व स्टॉफ न मिलने पर कोतवाली पुलिस ने पंचनामा कार्रवाई कर शव कब्जे में लेकर जिला अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए रखवाया। जहां आज सुबह पीएम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले को जांच में लिया है। इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार पड़ोसी जिला उमरिया के चंदिया क्षेत्र निवासी 25 वर्षीय लक्ष्मी पति प्रदीप विश्वकर्मा को उपचार के लिए उमरिया शासकीय अस्पताल से कटनी जिला अस्पताल रिफर किया गया था। शासकीय अस्पताल में उचित उपचार न मिलने के बाद परिजनों ने लक्ष्मी को रविवार सुबह नई बस्ती क्षेत्र स्थित डॉक्टर मंगतराम हास्पिटल में भर्ती कराया। जहां महिला चिकित्सक रूपा लालवानी ने उपचार शुरू किया। बताया जाता है कि दिनभर उपचार के बाद रात करीब 8 बजे अस्पताल प्रबंधन ने लक्ष्मी की हालत गंभीर होना बताकर उसे रिफर कर दिया। परिजन मरीज को उपचार के लिए आधा किलोमीटर दूर स्थित धर्मलोक अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने जांच कर उसे मृत घोषित कर दिया। मरीज की मौत की खबर सुनते ही परिजन आक्रोशित हो गए और लक्ष्मी का शव लेकर डॉक्टर मंगतराम हास्पिटल पहुंचे और अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा मचाया।
अस्पताल के सामने शव रखकर प्रदर्शन
रविवार की शाम से शुरू हुआ परिजनों का हंगामा आज सोमवार की सुबह भी जारी रहा। बताया जाता है कि पीएम के बाद परिजन अपने समर्थकों सहित पुन: नईबस्ती क्षेत्र स्थित डॉक्टर मंगतराम हास्पिटल लक्ष्मी का शव लेकर पहुंचे।
जहां हास्पिटल के सामने स्ट्रेचर पर शव रखकर जमकर नारेबाजी व प्रदर्शन किया। परिजन व प्रदर्शनकारी आरोपी डॉक्टर पर कार्रवाई की मांग कर रहे थे। बाद में पुलिस ने समझा बुझाकर मामला शांत कराया।
नहीं खुला हास्पिटल का ताला
एक जानकारी में बताया जाता है कि हंगामे की सूचना पाकर कोतवाली प्रभारी अजय बहादुर सिंह बल के साथ अस्पताल पहुंचे। यहां अस्पताल में अंदर से ताला बंद था। काफी जद्दोजहद के बाद भी पुलिस बल ताला नहीं खुलवा सका और फिर रात में पुलिस बैरंग वापस लौट आई।
मर्ग कायम कर मामले की जांच शुरू
कोतवाली प्रभारी अजय बहादुर सिंह ने बताया कि अस्पताल का गेट अंदर से बंद होने व डॉक्टरों से संपर्क न होने के कारण पुलिस रात में वापस लौट आई थी और लक्ष्मी के शव को भी पीएम के लिए जिला अस्पताल में रखवा दिया था। जहां आज सुबह पीएम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया।.
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.=0=0=======0कोतवाली प्रभारी का कहना है कि परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। मामले में मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी गई है।
लक्ष्मी की जान बचाने किए गए हरसंभव प्रयास
ऊधर डॉक्टर मंगतराम हास्पिटल के संचालक डॉक्टर विशंभर लालवानी का कहना है कि लक्ष्मी को बेहद गंभीर हालत में अस्पताल लाया गया था। डॉक्टर लालवानी ने बताया कि लक्ष्मी की पहली डिलेवरी आपरेशन से हुई थी। यह उसकी दूसरी डिलेवरी थी लेकिन उसके पूर्व ही उसे ब्लीडिंग होने लगी। महिला चिकित्सक डॉक्टर रूपा लालवानी ने उसका उपचार शुरू किया और उसकी जान बचाने के हरसंभव प्रयास किए। परिजनों के द्धारा लगाए जा रहे आरोप निराधार व बेबुनियाद हैं।