yol kapanıevden eve nakliyatTikTok Takipçi Satın AlKepez haberhttps://listewp.com/keçiören evden eve nakliyatonline bebek mağazasıiqos tereaistanbul saç ekimiimplantizmir saç ekimiankara evden eve nakliyatgaziantep evden eve nakliyatSu Arıtma

Baba की पगड़ी बना रहे गयासुद्दीन: राजराजेश्वर शिव की नगरी में हर त्योहार और पर्व बाबा विश्वनाथ की अनुमति से ही मनाया जाता है

BaBa की पगड़ी बना रहे गयासुद्दीन-राजराजेश्वर शिव की नगरी में हर त्योहार और पर्व बाबा विश्वनाथ की अनुमति से ही मनाया जाता है गौरा का गौना कराने जब काशीपुराधिपति बाबा विश्वनाथ की रजत सिंहासन वाली डोली निकलती है तो आस्था का ओर-छोर नहीं रहता है। त्रिपुरारी की पालकी को स्पर्श करने की चाहत हर जन के मन में होती है। हर कोई बस काशीपुराधिपति के सिंहासन के स्पर्श से खुद को त्रिदोष मुक्त करने की कामना करता है।

तीन लोक से न्यारी काशी में रंगभरी एकादशी मजहबी एकता की मिसाल बनेगी। भोलेनाथ की नगरी के सबसे बड़े रंगोत्सव पर बाबा विश्वनाथ जिस शाही पगड़ी को बांध कर गौना कराने निकलेंगे, उसे बना रहे हैं लल्लापुरा के गयासुद्दीन। गयासुद्दीन का पूरा परिवार इन दिनों बाबा की शाही पगड़ी को चुन-चुन कर बनाने में जुटा है। माता पार्वती सोने की नथिया, मांगटीका और पटेरिया हार में दर्शन देंगी। रंगभरी एकादशी तीन मार्च को मनाई जाएगी।

इसे भी पढ़ें-  Karnataka Chunav कर्नाटक में 10 मई को एक चरण में मतदान, 13 मई को रिजल्ट

इस बार रंगोत्सव पर काशी के अधिपति बाबा विश्वनाथ के गौने की बारात अनूठे अंदाज में निकलेगी। चांदी के राजसी सिंहासन पर बाबा जब गौना कराने निकलेंगे, तब विश्वनाथ गली अबीर-गुलाल की बौछार से सराबोर हो जाएगी।

हर मन में त्रिपुरारी की पालकी का स्पर्श करने की चाह रहेगी। उन क्षणों के साक्षी देश के कोने-कोने से आए भक्तों के साथ ही तमाम विदेशी मेहमान भी बनेंगे। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में रंगभरी एकादशी पर दिव्य, भव्य और नव्य स्वर्णिम गर्भगृह में बाबा विश्वनाथ सपरिवार विराजेंगे।

राजराजेश्वर शिव की नगरी में हर त्योहार और पर्व बाबा विश्वनाथ की अनुमति से ही मनाया जाता है। बात जब रंगोत्सव की हो तो और जरूरी हो जाता है। काशीवासी औघड़दानी से अनुमति लेकर ही होली की तरंग में डूब जाते हैं। बाबा के मंदिर से लेकर काशी की गलियों में रंगों का यह उत्साह रंगभरी एकादशी से आरंभ होकर होली के बाद बुढ़वा मंगल तक चलता है।

इसे भी पढ़ें-  NPCI के सर्कुलर से UPI ट्रांजेक्शन करने वालों हो गई टेंशन, NPCI ने दी सफाई, कहा- नो टेंशन

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत डॉ. कुलपति तिवारी बताते हैं कि रंगभरी एकादशी पर ही रजत सिंहासन पर विराजमान होकर काशी विश्वनाथ मां पार्वती व प्रथमेश के साथ काशी की गलियों में निकलते हैं। शिवभक्त बाबा की अगवानी में काशी की गलियों में गुलाल की होली खेलते हैं।

रजत सिंहासन वाली डोली पर जब बाबा सपरिवार सवार होकर निकलते हैं तो गलियां अबीर-गुलाल से लाल हो जाती हैं। स्वर्ण शिखर वाले मुक्तांगन का हर कोना लाल-गुलाल से पट जाता है। गर्भगृह में महाआरती के बाद बाबा का श्रृंगार होता है।

जनता बाबा के दिव्य स्वरूप के दर्शन को उमड़ पड़ती है। यह सिलसिला बहुत पहले से चल रहा है। अब भी उत्साह से होली खेली जाती है। भक्तिभाव झलकता है।

इसे भी पढ़ें-  सहारा निवेशकों के लौटेंगे पैसे! सुप्रीम कोर्ट ने जमाकर्ताओं को भुगतान के लिए सहारा समूह की याचिका स्वीकार की, 5000 करोड़ का होगा आवंटन

गयासुद्दीन के पूर्वज भी बाबा की पगड़ी बनाकर धन्य होते थे। अब इस जिम्मेदारी को गयासुद्दीन ने संभाल लिया है। इस रंगोत्सव में बाबा की शाही पगड़ी के जरिए तहजीब के शहर में कौमी एकता और आपसी सौहार्द का संदेश दिया जाएगा।

 

izmir escortporno izleYalova escortizmir escortpornokartal escortankara escortonline escortizmir escortizmir escortbodrum escortAntalya escortonwin girişHacklink satın alKastamonu escortMuğla EscortIsparta escorthttps://escortonline.organkara escortkayseri escortçankaya escortkızılay escortetlik escort