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Jabalpur एंटी एयरक्राफ्ट बम: जबलपुर में बनेगा डेस्‍ट्रायर एंटी एयरक्राफ्ट बम, ‘नमो’ का मिला सहयोग

Jabalpur एंटी एयरक्राफ्ट बम: जबलपुर में बनेगा डेस्‍ट्रायर ‘ब्रेड-बटर’ बम, ‘नमो’ का मिला सहयोग  आर्डनेंस फैक्ट्री खमरिया में एल/70 बमों का अपडेट वर्जन तैयार हो रहा है जबलपुर में बनेगा डेस्‍ट्रायर ‘ब्रेड-बटर’ बम, ‘नमो’ का मिला सहयोग : फिलहाल नमो-एल/70 का उत्पादन और सप्लाई पायलट प्रोजेक्ट के रूप में की जा रही है। इस उत्पाद को स्थानीय स्तर पर हरी झंडी मिल चुकी है। पायलट-प्रोजेक्ट की सफलता इस पर वैश्विक स्वीकार्यता की मोहर लगाएगी। इसके बाद उम्‍मीद है कि भारतीय सेना की ओर से भी इन बमों की मांग फिर से की जाने लगे।

सेना को सप्लाई किए जाने वाले इन बमों को स्वीडन की ‘नमो’ कंपनी के तकनीकी सहयोग से तैयार किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि एक हजार बमों के लाट का आर्डर भी ओएफके को मिल चुका है।

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एल/70 एक अत्याधुनिक फील्ड-गन है। इसमें लगने वाले बमों का उत्पादन ओएफके में होता रहा। सेना को बड़े पैमाने पर इस बम की आपूर्ति की जाती रहीँ लेकिन 2018 से ओएफके में इन बमों का उत्पादन बंद पड़ा है।

 

पहला चरण पायलट प्रोजेक्ट के रूप में

 

फिलहाल नमो-एल/70 का उत्पादन और सप्लाई पायलट प्रोजेक्ट के रूप में की जा रही है। इस उत्पाद को स्थानीय स्तर पर हरी झंडी मिल चुकी है। पायलट-प्रोजेक्ट की सफलता इस पर वैश्विक स्वीकार्यता की मोहर लगाएगी। इसके बाद उम्‍मीद है कि भारतीय सेना की ओर से भी इन बमों की मांग फिर से की जाने लगे।

नमो के साथ मिलकर काम शुरू

आर्डनेंस फैक्ट्री खमरिया ने स्वीडिश कंपनी ‘नमो’ से तकनीकी सहयोग लिया और इन बमों का नए सिरे से उत्पादन शुरू कर दिया है। नए उत्पाद को नमो-एल/70 नाम दिया गया है। इन बमों का निर्माण शुरू हो चुका है। इसी सत्र में 31 मार्च के पहले नमो-एल/70 बमों की सप्लाई की जानी है। यह खेप स्वीडन ही भेजी जाएगी।

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ओएफके का ‘ब्रेड-बटर’ उत्पाद

एल/70 बम ओएफके के लिए ‘ब्रेड-बटर’ उत्पाद रहा। इससे निर्माणी को बड़े पैमाने पर फायदा होता रहा। लेकिन, उत्पादन बंद होने से निर्माणी को सहजता से मिलने वाला लाभ बंद हो गया। समझा जाता है कि नमो-एल/70 के माध्यम से आयुध निर्माणी खमरिया के दिन फिर बहुरेंगे।

ये हैं बम की खासियत

इस बम को एल-70 फील्डगन से जमीन और हवा दोनों जगहों से फायर किया जा सकता है। यह एंटी एयरक्राफ्ट बम है जो हवा में उड़ते विमानों को निशाना बना सकता है। इसे मल्टी परपस यूटिलिटी वाहन से लोडेड गन के माध्यम से इसे दागा भी जा सकता है। आटोमेटिक ग्रेनेड लांचर में भी इसका उपयोग किया जा सकता है। यह बम अत्यंत विध्वंसकारी है, जसकी मारक क्षमता 40 किलोमीटर तक है। इसकी एक्यूरेसी और टाइमिंग भी गजब की है।

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एल/70 के बमों का उत्पादन फिर से शुरू करने की तैयारी है। 2018 से बंद पड़े इस प्रोडक्ट के उत्पादन के लिए स्वीडन की नमो कंपनी से सहयोग लिया जा रहा है। निर्माणी का प्रयास है कि जल्द से जल्द नमो-एल/70 की सेना को फिर से आपूर्ति प्रारंभ की जा सके।

-अशोक कुमार, जीएम-ओएफके

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