Solar Electricity: छतों से बिजली बनाने में इंदौर के उपभोक्ताओं की बढ़ी रूचि
Solar Electricity: छतों से बिजली बनाने में इंदौर के उपभोक्ताओं की बढ़ी रूचि मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी इंदौर के प्रबंध निदेशक अमित तोमर ने बताया कि इंदौर मध्य शहर, बायपास, सुपर कॉरिडोर और आसपास के क्षेत्रों में सौर ऊर्जा के प्रति रूझान में उत्तरोत्तर बढोत्तरी हो रही है। नए वर्ष के पैंतालीस दिनों में इंदौर शहर के करीब 150 उपभोक्ताओं ने अपने परिसर, छत पर सौर पैनल्स लगाए है।
अब इंदौर शहर, सुपर कॉरिडर, बायपास आदि क्षेत्रों में अपने परिसर से बिजली बनाने वालों की संख्या 4300 के करीब हो गई है। वहीं कंपनी क्षेत्र में यह संख्या बढ़कर 7250 के पार पहुंच गई है।
इंदौर इस तरह सौर ऊर्जा के क्षेत्र में मप्र में सबसे ज्यादा स्थानों के उपयोग वाला शहर बना हुआ है। इंदौर के बाद उज्जैन जिले में 900, धार जिले में 400, रतलाम जिले में 305, खरगोन जिले में 245 इमारतों की छतों, परिसरों पर सौर ऊर्जा से बिजली तैयार की जा रही है। तोमर ने बताया कि बिजली कंपनी क्षेत्र में छतों, परिसरों से बिजली तैयार करने वालें मौजूदा उपभोक्ताओं की पैनल्स स्थापना क्षमता अब 80 मैगावाट होने को है। पांच वर्षों के दौरान यह क्षमता लगभग कई गुना बढ़ी है।
उन्होंने बताया कि शासकीय इमारतों, कचरा स्टेशनों, दुकानों, कार्यालयों, विद्यालयों, महाविद्यालयों, अस्पतालों की छतों, परिसरों में भी इस तरह सौलर पैनल्स कार्य कर रहे हैं, यह बिल राशि में कमी के अलावा ग्रीन एनर्जी को प्रोत्साहन एवं कार्बन उत्सर्जन में कमी के लिए अच्छे संकेत है।
इस कारण बढ़ रही रूचि
ग्रीन एनर्जी के प्रति रूझान बढ़ने का कारण बिजली के मौजूदा बिल में कमी के साथ ही परिसर में ही अपनी छत, अपनी बिजली की भावना को बढ़ावा देना भी है। उपभोक्ता सोलर पैनल्स लगाने में जितनी राशि खर्च करते है, वह राशि लगभग साढ़े तीन से चार वर्ष में वापस मिल जाती है।
इंदौर के उपभोक्ताओं का अभिमत
-इंदौर के रायल कृष्णा के रहने वाले शुभम मोय का कहना हैं कि चार किलो वाट की पैनल्स लगाई है, पहले बिल औसत साढ़े तीन हजार आता था, अब काफी कम आ रहा है।
-सिलिकॉन सिटी के निवासी सचिन कुमार साहू ने कहा कि दो मंजिला घर है, गर्मी में एयर कंडीशनर भी चलते है, बिल पहले की तुलना में आधा भी नहीं आता। बचत तो हुई है।