Katni Breaking कटनी की बरही तहसील न्यायालय में रिश्वत लेते पकड़ा गया लिपिक, पढ़ें पूरी खबर
katni जिले की बरही तहसील में लोकायुक्त की कार्यवाही हुई है। तहसील न्यायालय में रिश्वत लेते एक लिपिक को पकड़ा गया। लिपिक का नाम उमेश निगम है। लोकायुक्त छापे की खबर से विभाग में हड़कंप है।
यह रिश्वत नामांतरण को लेकर ली जा रही थी। फरियादी दिलराज अग्रवाल से रिश्वत की मांग की गई थी। जिसने नामांतरण के एक प्रकरण में आपत्ति लगाई थी। जिसे निपटाने के लिए मांगी रिश्वत मांगी गई थी।
लोकायुक्त टीम को देख तहसीलदार सहित राजस्व महकमा गायब हो गया। लोकायुक्त जबलपुर ने यह कार्यवाई की
मामले के अनुसार दिलराज अग्रवाल ने सिजहरा गांव की जमीन बेची थी, क्रेता ने पूरे रुपए नही दिए थे, जिसका नामांतरण रुकवाने के एवज में उमेश ने रुपये मांगे गए थे :
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कटनी जिले के बरही तहसील न्यायालय में तहसीलदार का रीडर उमेश निगम 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते दबोचा गया। यह कार्यवाही जबलपुर की लोकायुक्त की टीम ने अंजाम दिया। लोकायुक्त टीम का नेतृत्व कर रहे निरीक्षक स्वप्निल दास ने बताया कि पीड़ित दिलराज अग्रावल से नामांतरण रुकवाने के एवज में डेढ़ लाख रुपए की मांग तहसीलदार के रीडर उमेश निगम और सिरौजा के पटवारी शिवप्रसाद पाठक ने की थी। रीडर उमेश निगम को तहसील न्यायालय बरही से 50 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया है।
बरही निवासी दिलराज अग्रवाल पिता रामप्रसाद अग्रवाल ने ग्राम सिरौजा स्थित अपनी पौने 4 एकड़ जमीन कटनी निवासी सोनम उपाध्यय पति तरुण उपाध्यय पति को 2 माह पूर्व 20 लाख में बिक्रय किया था, क्रेता ने उसे फर्जी चेक दिए थे, जो बाउंस हो गया। करीब 10 लाख रुपए देने से मना कर दिया गया था। दिलराज के साथ हुई धोखा-धड़ी की शिकायत की गई थी, लेकिन नामांतरण रोकने के लिए तहसीलदार बरही का रीडर उमेश निगम ने डेढ़ लाख की मांग की थी, जिसका मोबाइल में हुई पीड़ित के साथ बात व रुपए मांगने का आडियो भी टेप किया था, जिसके बाद गुरुवार की दोपहर कार्यवाई को अंजाम दिया गया।
लोकायुक्त टीम में निरीक्षक स्वप्निल दास, मंजू तिर्की, कमल उइके शामिल रहे। लोकायुक्त की टीम को देखते ही हड़कंप मच गया। तहसीलदार सहित राजस्व महकमा गायब हो गया। पीड़ित दिलराज ने बताया कि 10 हजार रुपए पटवारी शिवप्रसाद पाठक ने ले लिए थे, डेढ़ लाख की मांग की गई थी, रीडर और पटवारी ने कहा था कि डेढ़ लाख दो , हमारे यहां सब कुछ हो जाता है, और गुरुवार की सुबह 50 हजार रुपए के साथ उमेश निगम को दबोच लिया गया। हालांकि लोकायुक्त की गिरफ्त में आए रीडर का कहना था कि उसने रुपए को हाथ भी नही लगाए और न ही उसे कुछ जानकारी थी।
गौरतलब है दिसम्बर 2015 में बरही के तात्कालीन तहसीलदार मनोज कुमार सिंह भी 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते पकड़ा गया था, जिसे विगत माह ही 5 साल की जेल हो चुकी है। बरही तहसील का 7 साल बाद यह दूसरा मामला है।