Katni: ठंड में उपभोक्ताओं का पसीना छुड़ा रहा बिजली बिल
कटनी। मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी की मनमानी से इन दिनों जिले के अधिकांश उपभोक्ता खासे परेशान हैं। कई-कई महीने तक मीटर रीडिंग नहीं हो रही है। इसके बाद भी अनाप-शनाप बिजली बिल भेजा रहा रहा है। सुधार के लिए उपभोक्ता बिजली ऑफिस के चक्कर लगाने को मजबूर हैं।
उपभोक्ताओं को आफिस पहुंचने पर जिम्मेदार अधिकारी के नहीं मिलने से खासी परेशनियों का सामना करना पड़ रहा है।
अधिकारियों के छुट्टी पर होने के कारण लोगों का काम होना तो दूर कोई उनका दुखड़ा सुनने वाला तक नहीं मिल रहा। बिजली बिल में गड़बड़ी की उपभोक्ताओं की यह परेशानी लंबे समय से बनी हुई है।
शहर व ग्रामीण क्षेत्र में लोगों की एक जैसी शिकायत है। कई महीने बाद अचानक रीडिंग दिखाकर अनाप शनाप बिजली बिल भुगतान करने के लिए कहा जा रहा है जो उपभोक्ताओं के समझ से परे है।
बिजली बिल को देखकर उपभोक्ताओं का माथा ठनका हुआ है। विभाग के कई दावे के बावजूद व्यवस्था में सुधार नजर नहीं आ रहा है। बिजली का बिल में लगातार गलत रीडिंग बिजली बिल ज्यादा की शिकायत लेकर उपभोक्ता बिजली आफिस पहुंच रहें लेकिन उनकी समस्या सुनने वाला कोई जिम्मेदार अधिकारी नहीं मिल रहा है।
घरेलू उपभोक्ता को भेजा 97 हजार रूपए का बिल
ठंड के मौसम में बिजली का बिल उपभोक्ताओं का पसीना निकाल रहा है। घरो और संस्थाओं में पहुंचने वाले बिल में गड़बड़ी से उपभोक्ता खासा परेशान हैं। गांधीगंज निवासी स्वर्गीय मोहन लाल चौरसिया के मकान में लगे घरेलू मीटर का दिसंबर माह में बिजली बिल विद्युत विभाग ने 97,017 रूपए भेजा है। स्वर्गीय मोहन लाल चौरसिया के पुत्र घनश्याम चौरसिया ने बताया कि वह पुराना बस स्टेण्ड क्षेत्र में पान दुकान चलाकर अपना व अपने परिवार का भरण पोषण करता है। उसके मकान में पिताजी के नाम से लगे मीटर का बिल पहले 200 से 300 रूपए तक आता था लेकिन दिसंबर माह में भेजे गए बिजली बिल ने ठंड में उसका पसीना छुड़ा दिया। घनश्याम ने बताया कि अगस्त माह में उसके मीटर का डिसप्ले खराब हो गया था।
जिसकी शिकायत उसने की तो नवंबर माह में उसका मीटर बदल कर नया लगाया गया। नया मीटर एक माह में कुल 54 यूनिट चला है। इसके बावजूद उसे 97 हजार रूपए का बिजली बिल विद्युत विभाग द्धारा भेजा गया है। घनश्याम ने विद्युत अधिकारियों से बिल में सुधार करते हुए सही बिल भेजने की मांग की है।
मीटर रीडिंग में लापरवाही
विभाग जिले में मीटर रीडिंग का काम आउटसोर्सिंग के माध्यम से करता है। ठेका माध्यम से मीटर रीडिंग व बिल वितरण का काम किया जाता है। बिजली बिल में गड़बड़ी का मुख्य कारण हर महीने रेग्युलर मीटर रीडिंग नहीं होना है।
aमीटर रीडरों की मनमानी के कारण इस तरह की स्थिति निर्मित हो रही है। विभागीय मानीटरिंग के अभाव में मीटर रीडरों की मनमानी जारी है। इसका खामियाजा सामान्य बिजली उपभोक्ता को भुगतना पड़ रहा है।
मीटर ठीक तो एवरेज बिल क्यों
शहर के ही कई बिजली उपभोक्ताओं की यह भी शिकायत है कि अगर उनके घर लगा बिजली मीटर ठीक है तो क्यों नियमित तौर पर हर महीने उनके यहां मीटर की रीडिंग नहीं होती है। उपभोक्ताओं के अनुसार एवरेज आधार पर विभाग कैसे बिजली बिल का निर्धारण करता है यह भी समझ से परे है। क्योंकि एवरेज बिल के तौर पर भी विभाग हर महीने अलग-अलग राशि चार्ज करता है। लोग इसके जांच की मांग भी कर रहे हैं।