Bipin Rawat Real Hero Of India: बिपिन रावत को नहीं पहचान पाया था एक सैनिक, तो कहा था- मैं तो COAS हूं
अब हमारे बीच इस अफसरों के किस्से कहानियां हैं. ऐसी ही एक कहानी है सीडीएस बिपिन रावत की. तब जनरल बिपिन रावत देश के आर्मी चीफ थे. दिल्ली में एक बार देर रात उन्हें अपने आर्मी दोस्त के यहां जाना था.
जनरल रावत को एक बार रात को अपने दोस्त के घर जाना था. उनका दोस्त भी आर्मी में ही था।
उस रात को 11 बजे जनरल रावत अपनी पत्नी मधुलिका रावत के साथ निकले। दिन भर की ड्यूटी के बाद जनरल रावत सादी पोशाक में थे, यानी कि एक आम शहरी की तरह थे।
उस रात उन्होंने तय किया था कि वे सरकारी गाड़ी की जगह निजी कार से ही अपने दोस्त के यहां जाएंगे
आर्मी चीफ बिपिन रावत गैर सैन्य वेशभूषा में ही अपनी निजी कार से दोस्त के घर पहुचें थे. लेकिन आर्मी एरिया में उनके पहुंचते ही जो कुछ हुआ, वो किस्सा बड़ा रोचक है।
ये कहानी हमें बताती है कि आर्मी चीफ बिपिन रावत अपनी ड्यूटी निभाने वाले एक छोटे सैन्य स्टाफ की कितनी इज्जत करते थे।
‘मैं चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ बिपिन रावत हूं’
गार्ड पर तैनात जवान अपने सामने मौजूद आर्मी चीफ बिपिन रावत को कहना है कि प्लीज आप अपनी कार गेट के किनारे पार्क करें. इसके बाद वो पूछता है कि आप कौन हैं? इतनी रात आर्मी एरिया में क्या कर रहे हैं? बिपिन रावत आखिरकार उन्हें अपनी पहचान बताते हैं और कहते हैं कि वो भारत के आर्मी चीफ बिपिन रावत हैं।
‘आप अपने मित्र को गेट पर मिलाइए’
असली कहानी अभी बाकी है. गार्ड बिपिन रावत को पहचानने से इनकार कर देता है. बता दें कि इस वक्त बिपिन रावत सिविल यूनिफॉर्म में थे. अब गेट पर तैनात सिक्योरिटी ऑफिसर बिपिन रावत से कहता है कि कृपया करके वो अपने उस दोस्त को गेट पर बुलाएं, जिनसे मिलने वो यहां आए हैं. बिपिन रावत आखिरकार अपने दोस्त को फोन करते हैं और उन्हें गेट पर बुलाते हैं।
जब तक जनरल बिपिन रावत का दोस्त गेट पर आया, वो इंतजार करते रहे. आखिरकार उनका दोस्त वहां आया और उन्हें रिसीव किया. उन्होंने गेट पर तैनात सिक्योरिटी ऑफिसर से पूछा क्या तुम इन्हें नहीं पहचानते हो? तुम्हारे सामने मौजूद व्यक्ति भारत का थल सेनाध्यक्ष है।
तभी जनरल रावत अपना रास्ता रोकने वाले सिक्योरिटी ऑफिसर का मुस्कुराते हुए पीठ थपथपाते हैं और उसकी तारीफ करते हुए कहते हैं कि ये तो अपना काम कर रहा था जो सेना के जवान का सबसे बड़ा फर्ज है।
अगली सुबह जनरल रावत ने जवान की प्रशंसा में पत्र लिखा