Jabalpur Highcourt News : स्टे वाले मामले छोड़कर सरकार 27 फीसद ओबीसी आरक्षण लागू करने स्वतंत्र
जबलपुर । मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने जिन मामलों में स्टे लगाया है, उनको छोड़कर शेष मामलों में सरकार 27 फीसद ओबीसी आरक्षण लागू करने स्वतंत्र है। यह अभिमत मध्य प्रदेश के महाधिवक्ता पुरुषेंद्र कौरव ने अतिरिक्त मुख्य सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग को भेज दिया है। महाधिवक्ता ने साफ किया है कि सिवाय उन मामलों के जिनमें स्पष्ट रूप से हाई कोर्ट द्वारा याचिकाओं की विषय वस्तुत पर स्टे दिया है या अंतरिम आदेश पारित किया है, उनके अतिरिक्त अन्य सभी नियुक्तियों में, प्रवेश परीक्षाओं या प्रवेश आदि में सरकार नियमानुसार आरक्षण लागू करने स्वतंत्र है।
जिन मामलों में स्टे है, वे इस प्रकार हैं : हाई कोर्ट ने पीजी नीट वर्ष-2019-20 में प्रवेश में 27 फीसद ओबीसी आरक्षण लागू न करने व मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा मेडिकल अधिकारी भर्ती से संबंधित याचिकाओं में 31 जनवरी, 2020 को अंतरिम आदेश पारित किया था। इसके तहत विज्ञापन के अनुसार भर्ती करने व परिणाम हाई कोर्ट की अनुमति के बिना घोषित न करने की व्यवस्था दी थी। 13 जुलाई, 2021 को यह आदेश संशोधित करते के अलावा शिक्षण भर्ती से संबंधित याचिकाओं में 20 जुलाई 2020 को 31 जनवरी 2020 के अंतरिम आदेश को लागू किया गया था। उपरोक्त प्रकरण के अलावा किसी भी भर्ती व अन्य शैक्षणिक संस्थानों व शासकीय संस्थानों में ओसीबी को 27 फीसद आरक्षण देने पर हाई कोर्ट द्वारा रोक नहीं लगाई गई है। उपरोक्त विषय वस्तु को छोड़कर राज्य के समस्त विभागों में 27 फीसद ओबीसी आरक्षण दिए जाने का अभिमत व 18 अगस्त, 2020 को अतिरिक्त महाधिवक्ता द्वारा एनएचएम की भर्ती से संबंधित अभिमत को स्पष्ट कर दिया गया है।