ड्यूटी में देरी पर होता है एक्शन, पर 3 अप्रैल से लापता होने पर सरकार चुप, CRPF जवान की पत्नी का सवाल
बीजापुर। बीती 3 अप्रैल को छत्तीसगढ़ के बीजापुर-सुकमा बॉर्डर पर नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ के बाद से ही लापता सीआरपीएफ जवान राकेश्वर सिंह मनहास की पत्नी ने अब व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े किए हैं।
Jammu & Kashmir: Family of CRPF jawan Rakeshwar Singh Manhas, who was part of the party that was attacked by naxals in Chhattisgarh & has been held captive by naxals, requests the government to take action & ensure his release. pic.twitter.com/9rcBzNKIvi
— ANI (@ANI) April 7, 2021
राकेश्वर सिंह की पत्नी मीनू ने कहा है कि अगर एक जवान ड्यूटी पर पहुंचने में देरी कर दे तो उसके खिलाफ कार्रवाई होती है लेकिन अब जब एक जवान 3 अप्रैल से लापता है तो सरकार चुप बैठी है।
जवान की पत्नी ने कहा, ‘अगर कोई जवान अपनी छुट्टियां खत्म होने के एक दिन बाद ड्यूटी जॉइन करता है तो उसके खिलाफ ऐक्शन होता है।
अब जब 3 अप्रैल से जवान लापता है तो सरकार की ओर से कोई ऐक्शन नहीं लिया गया है। हम चाहते हैं कि सरकार कोई मध्यस्थ खोजे ताकि वह (राकेश्वर सिंह) जल्द से जल्द रिहा हों।’
बता दें कि 3 अप्रैल को हुए एनकाउंटर में 22 जवान शहीद हो गए थे और 31 घायलों का इलाज चल रहा है। मुठभेड़ के दिन से ही सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन का एक जवान राकेश्वर सिंह मनहास लापता है। नक्सलियों ने चिट्ठी लिखकर यह बताया है कि जवान उनके कब्जे में है। हालांकि, नक्सलियों ने यह शर्त भी रखी है कि सरकार एक मध्यस्थ नियुक्त करे जिसके बाद जवान को वे रिहा करेंगे।
अब राकेश्वसर सिंह के परिवार ने सरकार से इस मामले में कार्रवाई करने की अपील की है और जवान की सुरक्षित रिहाई सुनिश्चित करने को कहा है।
नक्सलियों ने मंगलवार को एक बयान जारी कर कहा थाा कि तीन अप्रैल को सुरक्षा बल के दो हजार जवान हमला करने जीरागुडेम गांव के पास पहुंचे थे, इसे रोकने के लिए पीएलजीए ने हमला किया है। इस कार्रवाई में 24 जवान मारे गए और 31 घायल हो गए। नक्सलियों ने बयान में कहा है कि एक जवान को बंदी बनाया गया है जबकि अन्य जवान वहां से भाग गए। उन्होंने कहा है कि सरकार पहले मध्यस्थों के नाम की घोषणा करे इसके बाद बंदी जवान को सौंप दिया जाएगा, तब तक वह जनताना सरकार की सुरक्षा में रहेगा।