Jammu Kashmir: सैनिक पति कहता था मैं रहूं या न रहूं फौज हमेशा ख्याल रखेगी, आतंक के गढ़ में वीरनारी के लिए उपहार लेकर पहुंचे सेना के जवान फिर …
सैनिक पति कहता था मैं रहूं या न रहूं फौज हमेशा ख्याल रखेगी। जब जरूरत होगी दरवाजे पर खड़ी होगी। सेना के जवान वीरनारी ताजा बेगम के 70वें जन्मदिन पर उपहार लेकर पहुंच गए और परिवार के संग केक काटा। सम्मान पाकर उसका चेहरा खुशियों से खिल उठा।
श्रीनगर : सैनिक पति कहता था, मैं रहूं या न रहूं, फौज हमेशा ख्याल रखेगी। सेना के जवान वीरनारी ताजा बेगम के 70वें जन्मदिन पर उपहार लेकर पहुंच गए और परिवार के संग केक काटा। कुछ देर पूर्व तक जन्मदिन पर आंगन में गुमसुम बैठी ताजा सेना से सम्मान पाकर खुशियों से खिल उठी।
पति के जाने के बाद ताजा बेगम कुछ एकांत में ही रहती थी। उम्र के इस पड़ाव पर सिर्फ बहू-बेटा और पोते-पोतियां के अलावा कोई उससे मिलने नहीं आता। शुक्रवार सुबह अचानक घर के बाहर फौज की जिप्सी आकर ठहरती है। गाड़ी के हार्न ने उसे ख्यालों की दुनिया से बाहर लाया। आतंकियों के गढ़ जिला बांडीपोरा के हाजिन इलाके की ताजा बेगम के लिए फौज कोई अजनबी नहीं है, लेकिन जिप्सी से निकले फौजी अफसर को घर में दाखिल होते देख वह हैरान हो गई।
फौजी अफसर को आते देख बेटे ने कहा जनाब यह पुराने फौजी का मकान है, मैं फौजी का बेटा हूं। यहां कोई आतंकी नहीं है। सैन्य अधिकारी ने हंसते हुए कहा कि हां,अच्छी तरह जानता हूं। कहां है आपकी मां जी। उसने बरामदे में बैठी अपनी मां की तरफ संकेत करते हुए कहा कि यहां बैठी हैं। ताजा खुद वीर नारी है। उसका पति मोहिउद्दीन डार जम्मू कश्मीर लाइट इनफैंटरी में लांसनायक था। उसका इंतकाल हुए कई बरस बीत चुके हैं।
सैन्य अधिकारी के पीछे पीछे तीन-चार सैन्यकर्मी कुछ सामान लिए घर में दाखिल हो गए। गेट पर पड़ोसी भी देखने लगे कि क्या हो रहा है। सेना की 13 आरआर के अधिकारी ने ताजा बेगम को सलाम किया। उनका हाल चाल जाना। ताजा बेगम और उसका बेटा-बहू परेशान थे कि आखिर हो क्या रहा है। सैन्याधिकारी ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है। हम तो यहां अम्मी ताजा बेगम का जन्म दिन मनाने आए हैं। वह हमारे पुराने साथी की पत्नी हैं। हम केक व उपहार लेकर आए हैं। कुछ ही देर में माहौल पूरी तरह बदल गया।
"ACTS OF KINDNESS"
Remembering sacrifices made by the #Gallants, #IndianArmy celebrated birthday of #VeerNaari; brief cake cutting ceremony with family members was organised as a token of respect & symbol of remembrance for the sacrifices towards #Nation.@ChinarcorpsIA @adgpi pic.twitter.com/14l3REsLOm
— NorthernComd.IA (@NorthernComd_IA) March 26, 2021
सैन्याधिकारी ने केक व उपहार ताजा बेगम को भेंट किए। ताजा बेगम का बेटा उसी समय एक मेज लेकर आया। फिर पोती, बहू और बेटे संग केक काटा और सभी में बांटा। गेट से अंदर झांक रहे पड़ोसियों ने भी केक से अपना मुंह मीठा किया और सभी ने मिलकर जन्मदिन मनाया। ताजा बेगम के बेटे ने कहा कि मैंने आज तक अपनी मां का जन्मदिन यूं नहीं मनाया। हमारे पड़ोसी भी हैरान रह गए।
उपहार लेकर आए 13 आरआर के कंपनी कमांडर ने कहा कि यह तो स्व लांसनायक मोहिउद्दीन डार के प्रति आभार जताने, उनकी पत्नी और बच्चों को यह बताने के लिए कि वह अकेले नहीं हैं। फौज किसी को नही भूलती, हम एक ही परिवार हैं और हम हमेशा सुख दुख में साथ रहेंगे।
बुजुर्गों के लिए भी केक काटा जा रहा : ताजा बेगम ने केक काटने के बाद हंसते हुए कहा कि मैं तो यही सोचती थी कि केक सिर्फ बच्चों के जन्मदिन पर ही काटा जाता है। यहां तो मुझ जैसे बुजुर्गों के लिए भी केक काटा जा रहा है। मुझे आज अपनी अहमियत का अहसास हुआ है। मेरा खाविंद कहता था कि मैं रहूं या न रहूं, फौज कभी भी आपको अकेला नहीं छोडेंगी। जब जरूरत होगी, घर के दरवाजे पर खड़ी होगी।
पूरी फौज हमारा परिवार
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि जहां भी वीरनारियां या पूर्व सैनिक हैं, हम लोग उनके साथ नियमित तौर पर संपर्क में रहते हैं। फौज का मतलब सिर्फ सेवारत फौजी नहीं है फौजी सेवारत हो या सेवानिवृत्त, वह फौजी ही है और पूरी फौज उसका परिवार है।
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