बुजुर्गों पर भी एकसमान रूप से कारगर है ऑक्सफॉर्ड एस्ट्राजेनेका की बनाई कोविड-19 वैक्सीन
ऑक्सफॉर्ड और एस्ट्राजेनेका की विकसित की गई कोरोना वैक्सीन को लेकर इसके ट्रायल चीफ ने बड़ा बयान दिया है। उनका कहना है कि ये वैक्सीन बुजुर्गों पर उतनी ही कारगर है जितनी की अन्य आयु वर्ग पर है।
लंदन (रॉयटर्स)। ऑक्सफॉर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका की संयुक्त प्रयास से बनाई गई कोविड-19 बुजुर्गों के इम्यून सिस्टम को मजबूती प्रदान करने में पूरी तरह से सफल है। ये शरीर को बीमारी या वायरस से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता को विकसित करती है। ये कहना है ऑक्सफॉर्ड वैक्सीन के ट्रायल प्रमुख एंड्रयू पोलार्ड का। हालांकि उन्होंने ये भी कहा है कि अभी इसको लेकर पूरे डाटा उनके सामने नहीं आए हैं। उनका ये बयान ऐसे समय में सामने आया है जब कुछ ही दिन पहले फ्रांस के राष्ट्रपति ने इस वैक्सीन को बुजुर्गों को न देने की बात कही थी। राष्ट्रपति मैक्रोन ने यहां तक कहा था कि ये वैक्सीन बुजुर्गों पर प्रभावशाली नहीं है। इसलिए उन्होंने इस वैक्सीन को बुजुर्गों को न देने की सलाह दी थी। पत्रकारों से मैक्रोन के बयान के बारे में पूछे जाने पर पोलार्ड ने कहा कि वो उनके इस बयान का अर्थ नहीं समझ पाए हैं कि वो क्या कहना चाहते हैं।
पोलार्ड ने कहा कि अहम बात ये है कि हमारे पास में वैक्सीन के बुजुर्गों पर नतीजे के कम आंकड़े मौजूद हैं। रॉयटर्स ने बीबीसी के हवाले से बताया है कि वैक्सीन के बुजुर्गों पर वही नतीजे देखने को मिले हैं जो किसी युवा में दिखाई देते हैं। इनका स्तर पर लगभग एक समान ही है। पोलार्ड ने ये भी कहा है कि फ्रांस के राष्ट्रपति के बयान और वहां पर स्वास्थ्य सेवा को लेकर बनी प्रमुख बॉडी के इस वैक्सीन को बुजुर्गों को न देने के आदेश के बाद विभिन्न देशों ने इस वैक्सीन को विभिन्न स्तर पर लगाने की मंजूरी दी है। उन्होंने ये भी कहा है कि फ्रांस के इस फैसले के बावजूद यूरोपीय संघ ने इसको हर उम्र के लोगों को लगाने के लिए मंजूरी दी है।
आपको यहां पर ये भी बता दें कि 31 दिसंबर 2020 को ब्रिटेन ने विश्व में पहली बार ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका की विकसित की गई कोरोना वैक्सीन को अपने यहां पर इस्तेमाल की मंजूरी दी थी। इससे पहले ब्रिटेन ने फाइजर और बायोएनटेक की बनाई कोविड-19 के आपात सेवा के तौर पर इस्तेमाल की इजाजत दी थी।