26 Jan 2021 Republic Day Special: गैस चैम्बर में रखी गई है संविधान की मूल प्रति, जानिए कारण और इसकी खूबियां
26 Jan 2021 Republic Day Special: देश में गणतंत्र दिवस का उत्साह है। हालांकि इस पर कोरोना महामारी का असर इस आयोजन पर देखा जा सकता है, लेकिन छोटे स्तर पर ही सही हर गांव, हर शहर में आयोजन जरूर होंगे। 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है, क्योंकि 1930 में इसी दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारत को पूर्ण स्वराज घोषित किया था। इस बीच, यह जानकारी भी कम दिलचस्प नहीं है कि अभी हमारे संविधान की मूल प्रति कहां और किस स्थिति में है। भारत का संविधान दुनिया में इसलिए सबसे अलग है क्योंकि यह हाथ से बने कागज पर लिखा गया है। इसकी मूल प्रति को गैस चैम्बर में रखा गया है ताकि किसी भी तरह के नुकसान से बचाया जा सके। इसे नाइट्रोजन गैस के चैम्बर में रखा गया है। कारण यह है कि संविधान की यह मूल प्रति काली स्याही से लिखी है और आशंका है कि यह काली स्याही समय के साथ उड़ सकती है, इसीलिए इसे नाइट्रोजन गैस में रखा गया है।
संविधान की इस मूल प्रति को बचाना के लिए शुरू से कोशिश होती रही है। पहले वैज्ञानिकों की सलाह पर इसे फलालेन के कपड़े में रखा गया था। हालांकि बाद में पता चला कि इसमें भी संविधान की प्रति पूरी तरह सुरक्षित नहीं है। इसे अभी संसद की लायब्रेरी में बनी विशेष कक्ष में रखा गया है जहां सीसीटीवी कैमरों से लगातार निगरानी की जाती है। हर दो माह में इसकी जांच होती है।
संविधान सभा कुल 11 सत्रों के लिए बैठी थी। 11वां सत्र 14-26 नवंबर 1949 के बीच आयोजित किया गया था। 26 नवंबर 1949 को संविधान का अंतिम मसौदा तैयार हुआ था। पहले ड्राफ्ट और अंतिम ड्राफ्ट में 2000 बदलाव किए गए। 24 जनवरी 1950 को संविधान सभा के 284 सदस्यों ने नई दिल्ली में संसद के सेंट्रल हॉल में भारतीय संविधान पर हस्ताक्षर किए थे। इसके बाद 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा द्वारा पारित यह संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था।
भारतीय संविधान को अक्सर ‘उधार का संविधान’ कहा जाता है। कहा जाता है कि हमने विभिन्न देशों के संविधानों की नकल की है। यह बात पूरी तरह सच नहीं है, क्योंकि हमारे संविधान निर्माताओं ने इसमें कई नई चीजें भी जोड़ी हैं।