MP राज्य उपभोक्ता आयोग का फैसला, कोचिंग संस्थान को करीब 24 हजार फीस छात्र को लौटानी होगी
भोपाल । एक छात्र ने इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए कोचिंग में एडमिशन लिया। इसके लिए उसके पिता ने 83 हजार रुपये जमा किए। दस माह बाद छात्र गंभीर बीमारी से पीड़ित हो गया और कोचिंग जाना बंद कर दिया।
छात्र के पिता ने जब फीस की आधी राशि की मांग की तो कोचिंग संस्थान ने देने से इंकार कर दिया। मामले में जिला उपभोक्ता आयोग ने छात्र के पक्ष में फैसला सुनाया। दरअसल, इंदौर के एक उपभोक्ता सुनील कुमार जैन ने स्टार्ट फोर्ड एकेडमी प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ राज्य उपभोक्ता आयोग में अपील लगाई थी।
उपभोक्ता ने अपने बेटे का आईआईटी कोचिंग के लिए सत्र 2011-13 के लिए एकेडमी में 5 जून को प्रवेश लिया। दो साल के कोर्स के लिए जून में 83 हजार रुपये जमा किए। अप्रैल 2012 में छात्र को स्लीप डिस्क की बीमारी हो गई, जिससे वह बैठने में असमर्थ हो गया।
छात्र के पिता ने बताया कि उनका बेटा अचानक बीमार होने से कोचिंग जाने में असमर्थ था। उन्होंने एकेडमी से आधी फीस 48,460 रुपये की मांग की, लेकिन एकेडमी ने देने से इंकार कर दिया। आयोग ने छात्र के पक्ष में फैसला सुनाया। कोचिंग संस्थान को आधी फीस यानि 24,230 रुपये लौटाने का आदेश दिया।