Coronavirus & Flu: कॉमन फ्लू और कोरोना वायरस के लक्षणों में आखिर क्या है अंतर?
नई दिल्ली। Coronavirus & Flu: कोरोना वायरस यानी कोविड-19 है, 11 महीनों बाद भी रुकने का नाम नहीं ले रहा है, ये अब भी दुनियाभर में तेज़ी से फैलता जा रहा है।

अभी तक करीब 6 करोड़ 82 लाख से ज़्यादा लोग इस ख़तरनाक बीमारी की चपेट में आ चुके हैं, जबकि 15 लाख 57 हज़ार से ज़्यादा लोगों की कोरोना वायरस के चलते जान जा चुकी है।
इसमें कोई शक नहीं कि ये वायरल इंफेक्शन बेहद ख़तरनाक है, लेकिन इसके साथ ही ऐसे कई मिथक फैल रहे हैं जिनकी वजह से लोगों के बीच घबराहट बढ़ रही है। इनमें सबसे बड़ा मुद्दा है कि कोरोना वायरस और फ्लू के बीच के फर्क को कैसे समझें?
दुनियाभर में कोहराम मचा रहे कोरोना वायरस के इंफेक्शन के शुरुआती लक्षण खांसी, ज़ुकाम और तेज़ बुखार हैं, जो आम फ्लू इंफेक्शन के भी लक्षण हैं। इसलिए, घबराहट भरी जानकारी और व्हाट्सएप के फॉरवर्डेड मैसेज के बीच ये समझना बेहद मुश्किल हो जाता है कि आपको फ्लू के लक्षण हैं या फिर कोरोना वायरस के।
COVID-19 और फ्लू, दोनों ही वायरल इंफेक्शन हैं और एक इंसान से दूसरे में फैल सकते हैं। ये वायरल इंफेक्शन अक्सर खांसने और छींकने से फैलते हैं। WHO के अनुसार, दोनों COVID-19 और फ्लू, फैलने वाले वायरस हैं। इनकी वजह से सांस की बीमारी से लेकर मतली, सांस लेने में तकलीफ, कंजेशन, बुखार जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। अगर इसका इलाज समय पर न हो तो ये निमोनिया में भी तबदील हो जाता है।
क्या है फर्क
हालांकि, कोरोना वायरस और फ्लू के लक्षण देखने में एक जैसे लगते हैं, लेकिन ये दो अलग वायरस के परिवार से आते हैं। COVID-19, एक नोवेल कोरोनावायरस है, जिसके बारे में साल 2019 में पता चला, जो पहले कभी भी मनुष्यों में नहीं देखा गया था। वहीं, इंफ्लूएंज़ा वायरस यानी फ्लू के बारे में कई सालों पहले पता चल गया था। विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना वायरस इंफ्लूएंज़ा और दूसरे ऐसे ही वायरस की तुलना में कई तेज़ी से फैलता है।
कफ और कोल्ड के साथ तेज़ बुखार, बुरी तरह थकावट, पूरे शरीर में दर्द और ठंड लगना कॉमन फ्लू के लक्षण हैं। यही वजह है कि कोरोना वायरस के शुरुआती लक्षण और फ्लू के बीच अंतर को बताना मुश्किल है। लेकिन कोरोना वायरस के कुछ ऐसे लक्षण भी हैं, जो फ्लू में देखने को नहीं मिलते। जैसे सूंघने और स्वाद की शक्ति का ख़त्म होना, भ्रम की स्थिति, पैरों की उंगलियों का लाल पड़ना और सजून जिसे कोविड-टोज़ भी कहा जाता है, आंखों में इंफेक्शन जैसे लक्षण आम फ्लू में नहीं दिखते। इसके अलावा टेस्ट से पता लग सकता है।
क्या है ज़्यादा ख़तरनाक फ्लू या कोरोना वायरस?
एक तरफ डॉक्टर्स और वैज्ञानिक नोवेल कोरोना वायरस के बारे में अभी भी रिसर्च कर रहे हैं, वहीं फ्लू अब भी दुनिया में सबसे बड़े स्वास्थ्य जोखिमों में से एक है। इसके इलाज के तरीकों में भी काफी फर्क होता है। एक तरफ जहां फ्लू के वैक्सीन और दवाइयां उपलब्ध हैं, वहीं कोरोना वायरस का अभी तक कोई इलाज नहीं है।
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