सीधे जनता ही चुनेगी महापौर अध्यक्ष, शिवराज केबिनेट की मंजूरी
भोपाल. मध्य प्रदेश (MP) में नगरीय निकाय चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से ही होंगे. यानी महापौर (Mayor) और अध्यक्ष का सीधे चुनाव कराया जाएगा. जनता सीधे अपना महापौर और अध्यक्ष चुनेगी. आज हुई शिवराज कैबिनेट में ये फैसला लिया गया. हालांकि सरकार इस मामले में पहले ही अध्यादेश ला चुकी है. अब विधानसभा के आगामी सत्र में सरकार ये बिल लेकर आएगी.
शिवराज कैबिनेट की आज भोपाल में हुई बैठक में नगरीय निकाय चुनाव सीधे तौर पर कराने का फैसला लिया गया. नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा, सरकार की मंशा है कि नगरीय निकाय चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से हो ताकि लोग सीधे अपनी पसंद के निकाय अध्यक्ष और महापौर का चुनाव कर सकें.
सरकार इस संबंध में अध्यादेश ला चुकी है. आगामी विधानसभा सत्र में बिल पेश कर दिया जाएगा. भूपेंद्र सिंह ने कहा जहां वॉर्ड आरक्षण की प्रक्रिया पूरी हो गई है वहां पर उसी के तहत चुनाव होगा. जहां पर आरक्षण की प्रक्रिया बाकी है उसे भी जल्द पूरा कर लिया जाएगा.
कमलनाथ सरकार का फैसला बदला
भूपेंद्र सिंह ने कहा-9 दिसंबर को प्रदेश के नगर निगम और नगरीय निकाय में महापौर और अध्यक्ष के आरक्षण की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी. सरकार चाहती है कि नगरीय निकाय चुनाव पूरी पारदर्शिता के साथ हों और इसी कारण से पिछली सरकार के फैसले को बदला गया है.EVM या बैलेट पेपर?
प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव ईवीएम के जरिए होंगे या फिर बैलेट पेपर का इस्तेमाल होगा इसका फैसला राज्य निर्वाचन आयोग करेगा. भूपेंद्र सिंह ने कहा चुनाव की प्रक्रिया पर फैसला राज्य निर्वाचन आयोग को लेना है. उसी के तहत चुनाव संपन्न कराए जाएंगे.
कांग्रेस की तोहमत
पूर्व महापौर और कांग्रेस नेता विभा पटेल ने कहा चुनाव किसी भी प्रणाली से हों, कांग्रेस चुनाव लड़ेगी.हालांकि विभा पटेल ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा यह बीजेपी सरकार लोकतंत्र पर भरोसा नहीं करती है. यही कारण है कि उसने अप्रत्यक्ष प्रणाली से महापौर और अध्यक्ष का चुनाव कराने का पिछली सरकार का फैसल पलट दिया.
जनता ही जनार्दन
प्रदेश में जल्दी नगरीय निकाय चुनाव की तारीखों का ऐलान हो सकता है. चुनाव प्रक्रिया को लेकर प्रदेश में जारी सियासत के बीच सरकार ने साफ कर दिया है कि नगरीय निकाय चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से ही होंगे. जनता सीधे पार्षद और महापौर का चुनाव करेगी.