LIVE:हैदराबाद नगर निगम की 150 सीटों पर वोटों की गिनती जारी; रुझानों में 88 पर भाजपा और 33 पर TRS आगे, ओवैसी 17 पर
हैदराबाद। ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (GHMC) चुनाव की मतगणना जारी है। अब तक के शुरुआती रुझानों में भाजपा 88 और सत्ताधारी तेलंगाना राष्ट्रवादी समिति (TRS) 31 सीटों पर आगे है। असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन (AIMIM) 17 और कांग्रेस 1 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। 1 दिसंबर को वोटिंग हुई थी।
GHMC की 150 वार्डों पर 1,122 प्रत्याशी मैदान में हैं। नगर निगम चुनाव इस बार बेहद खास माने जा रहे हैं, क्योंकि भाजपा ने चुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी।
2016 में भाजपा को मिली 3 सीटें
2016 में हुए GHMC चुनाव में 150 वार्डों में से 99 वार्ड में जीत हासिल की थी, जबकि असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM को 44 वार्ड में जीत मिली थी। भाजपा महज 3 और कांग्रेस को 2 वार्डों में ही जीत मिली थी। ग्रेटर हैदराबाद और पुराने हैदराबाद के निगम पर मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (KCR) और ओवैसी ने कब्जा जमाया था।
भाजपा की तरफ से शाह ने मोर्चा संभाला था
गृह मंत्री अमित शाह 29 नवंबर को हैदराबाद पहुंचे थे। उन्होंने सिकंदराबाद में रोड शो किया था। इसके बाद उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर TRS सरकार पर तीखा हमला बोला। शाह ने कहा- चंद्रशेखर राव (KCR) जी से पूछना चाहता हूं कि आप ओवैसी की पार्टी से समझौता करते हैं, इससे हमें कोई दिक्कत नहीं है। लोकतंत्र में किसी भी पार्टी से समझौता या गठबंधन किया जा सकता है। दिक्कत है कि आपने एक कमरे में ईलू-ईलू करके सीटें बांट लीं।

ओवैसी की तरफ से अवैध रोहिंग्या मुस्लिमों के शहर में होने के सवाल पर शाह ने कहा- जब मैं एक्शन लेता हूं, तो वे संसद में बवाल करते हैं। उनसे कहिए कि मुझे लिखकर दें कि रोहिंग्या और बांग्लादेशियों को निकाला जाना है।
इस बार भी 50% वोटिंग नहीं हई
इस बार GHMC चुनाव में 46.55% वोटिंग हुई। 2009 के 42.04% तो 2016 के चुनाव में 45.29% लोगों ने ही वोट डाला। हालांकि पिछले 2 चुनाव से ज्यादा इस बार मतदान हुआ।
GHMC में 24 विधानसभा, 5 लोकसभा सीटें
GHMC देश के सबसे बड़े नगर निगमों में से एक है। यह नगर निगम 4 जिलों में है, जिनमें हैदराबाद, मेडचल-मलकाजगिरी, रंगारेड्डी और संगारेड्डी शामिल हैं. पूरे इलाके में 24 विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं तो तेलंगाना की 5 लोकससभा सीटें आती हैं। यही वजह है कि GHMC चुनाव में KCR से लेकर भाजपा, कांग्रेस और ओवैसी तक की साख दांव पर लगी है।