50 सालों से कृषि भूमि पर काबिज किसानों को पट्टे देगी शिवराज सरकार
भोपाल। प्रदेश में एक-दो एकड़ कृषि भूमि पर काबिज परिवारों को पट्टे दिए जाएंगे। भूमि संबंधी सभी रिकॉर्ड ऑनलाइन होगा। पटवारी को हर सोमवार और गुरुवार मुख्यालय पर रहेंगे। इसमें लापरवाही मिली तो कलेक्टर जिम्मेदार होंगे। फसलों का आकलन भी मशीन से होगा, जिससे किसानों को नुकसान का वास्तविक लाभ मिल सके। यह बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को सीहोर के नसरुल्लागंज में आयोजित किसान कल्याण योजना के तहत प्रदेश के पांच लाख किसानों को सौ करोड़ रुपये की राशि सिंगल क्लिक पर ट्रांसफर करने के बाद सभा में कही।
मुख्यमंत्री ने साफ किया कि मंडियों और समर्थन मूल्य व्यवस्था को बंद करने वाली बातें भ्रामक और असत्य हैं। जब तक मैं जिंदा हूं तब तक समर्थन मूल्य बंद नहीं होगा। अब किसानों को आादी होगी कि वे अपनी उपज कहीं भी बेच सकें। इस दौरान उन्होंने कृषि कानूनों पर किसानों से चर्चा की। किसानों ने दोनों हाथ उठाकर कानूनों का समर्थन किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार जताया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन कानूनों से किसानों की जीवन में क्रांतिकारी बदलाव आएगा। खसरा सहित अन्य कृषि कार्य में लगने वाले दस्तावेज अब ऑनलाइन मिलेंगे। गांवों में आवासीय भूमि का मालिकाना देने के लिए सर्वे किया जा रहा है। इससे उन्हें बैंकों से कर्ज मिलने के साथ अन्य योजनाओं का फायदा भी मिल पाएगा।
कांग्रेस सरकार पर जनहितैषी योजनाओं को बंद करने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि गरीबों के कल्याण की जिन योजनाओं को बंद किया गया था, उन्हें फिर से प्रारंभ किया गया है। अब प्रदेश में गरीबों की आबादी के हिसाब से योजनाओं के लिए बजट दिया जाएगा। दूध उत्पादन और मछली पालन करने वालों को भी के्रडिट कार्ड दिए जाएंगे।
इस दौरान सागर, रायसेन, खंडवा, ग्वालियर और इंदौर के एक-एक किसान से उन्होंने संवाद किया और कहा कि अब मंडी शुल्क प्रति सौ रुपये की खरीद पर पचास पैसे लगेगा। सब्जी मंडी में भी कमीशन दो प्रतिशत कर दिया है। पिछली सरकार के कर्जमाफी के फेर में कई किसान कर्जदार हो गए हैं और उन पर कर्ज की गठरी लद गई है पर किसी को चिंता करने की जरूरत नहीं है। उस अवधि का ब्याज प्रदेश सरकार भरेगी।