नागपुर DRM का निरीक्षण: जबलपुर-गोंदिया ब्रॉडगेज के गढ़ा व ग्वारीघाट स्टेशनों पर पहुंचे
Jabalpur news दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे नागपुर मंडल रेल प्रबंधक मनेन्दर उप्पल ने गुरुवार को जबलपुर-गोंदिया ब्रॉडगेज के ग्वारीघाट व गढ़ा स्टेशन का निरीक्षण किया। डीआरएम गढ़ा में मालगाड़ी की लोडिंग-अनलोडिंग देखी। कहा कि जल्द ही ट्रैक पर ट्रेनों का संचालन शुरू हाेगा। उन्होंने ग्वारीघाट से बिनैकी तक आरए विंडो से ट्रैक का भी निरीक्षण किया। प्लेटफाॅर्म पर यात्री सुविधाओं को और बेहतर करने के निर्देश दिए।

नागपुर डीआरएम मनेन्दर उप्पल के साथ सीनियर डीसीएम विकास कश्यप और सीनियर डीईएन (को) अक्षय कुमार भी थे। तीनों अधिकारी पहले गढ़ा और फिर ग्वारीघाट रेलवे स्टेशन का निरीक्षण करने पहुंचे। गढ़ा यार्ड, साइडिंग में फैली अव्यवस्था को देखा। वेंडरों और रेलकर्मियों से चर्चा कर समस्याओं को सुना। गढ़ा साइडिंग में मालगाड़ियों से हो रही लोडिंग,अनलोडिंग को देखा और व्यवस्था दुरुस्त करने का निर्देश दिया।
ग्वारीघाट से दोपहर तीन बजे रवाना
दोपहर तीन बजे ग्वारीघाट से डीआरएम स्पेशल ट्रेन से रवाना हुए। उन्होंने बिनैकी तक आरए विंडो से ट्रैक का निरीक्षण किया है। बिनैकी में प्लेटफाॅर्म पर जमी कोयले की परत देखकर नाराजगी जताई। प्लेटफाॅर्म पर कई खामी देख, वहां के स्टाफ की कार्यशैली पर नाराजगी जताई। डीआरएम उप्पल ने बताया कि रूटीन निरीक्षण करने आए थे। जबलपुर से गोंदिया ट्रैक तैयार है। रेलवे बोर्ड की हरी झंडी मिलते ही यात्री ट्रेनों का संचालन शुरू कर देंगे। अधूरे प्लेटफाॅर्म शेड के बारे में कहा कि यात्रियों की संख्या को देखकर इसे पूरा कराएंगे।

उधर, सीआरस ने कटनी-बीना की तीसरी लाइन पर ट्रेन चलाई
कटनी-बीना रेलखंड में लिधोरा खुर्द से मकरोनिया स्टेशन के बीच सीआरएस स्पेशल ने 110 किमी की स्पीड से ट्रेन चलाकर ट्रैक का ट्रायल किया। उन्होंने ट्रैक पर ट्रेनों के संचालन की अनुमति दी। पश्चिम मध्य रेल ने भोपाल-कटनी के बीच पटरियों पर ट्रेनों के बढ़ते दबाव और ट्रेनों की गति बढ़ाने के लिए तीसरी लाइन बिछाना शुरू किया है। इस रूट पर लिधोरा खुर्द से मकरोनिया स्टेशन के बीच तीसरी लाइन बिछाने का काम पूरा हो चुका है।
स्पेशल ट्रेन दौड़ाई
गुरुवार को कमिश्रर रेल सेफ्टी (सीआरएस) एके जैन स्पेशल ट्रेन दौड़ी। सात किलोमीटर के इस नए रेलमार्ग का सीआरएस ने बारीकी से निरीक्षण किया। रेल अधिकारी पहले ट्रॉली से पटरियों पर घूमें। मार्ग में जहां भी तकनीकी खामी मिली, उसे तुरंत दूर करने के निर्देश दिए। उसके बाद तीसरी लाइन में करीब सवा सौ किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से सीआरएस स्पेशल ट्रेन दौड़ाई गई।