Holkar Royal Family Indore: होलकर राजपरिवार में 25 साल बाद मिटीं दूरियां, प्रिंस रिचर्ड और पत्नी शालिनी के बीच टूटा अबोला
Holkar Royal Family इंदौर ।मध्य भारत के प्रसिद्ध होलकर राजघराने से सुखद संदेश आया है। रानी शालिनी देवी के कदम फिर पड़ने से खरगोन जिले के सुंदर महेश्वर किले की रौनक बढ़ गई है।
25 साल पहले प्रिंस रिचर्ड होलकर से अलग होकर उन्होंने किले से तीन किमी दूर नर्मदा नदी के तट पर अपना नया आशियाना बना लिया था। अब दोनों के बीच दूरियां मिट गई हैं।
कोरोना के कारण लगा लॉकडाउन दोनों के बीच की खाई पाटने में मददगार साबित हुआ। शालिनी लॉकडाउन के दौरान किले में रहने चली आईं।
इससे पहले जब वे किले से अपने नए आशियाने में गई थीं, इसके बाद उन्होंने किले की चौखट पर कदम तक नहीं रखा था। अब रिश्तों की बर्फ पिघलने लगी है और लगातार उनका आना-जाना लगा रहता है।
रिचर्ड (शिवाजी राव होलकर) और शालिनी होलकर राजवंश की चर्चित जोड़ियों में से एक हैं। रिचर्ड का ननिहाल फ्रांस में है। उनकी मुलाकात 38 साल पहले फ्रांस में ही शैली (शालिनी) से हुई थी।
मुलाकातें बढ़ती गईं और दोनों शादी के बंधन में बंध गए, लेकिन कुछ सालों में दोनों के बीच मतभेद इतने बढ़ गए कि शालिनी ने किला छोड़ने का फैसला ले लिया, हालांकि उन्होंने कभी देवी अहिल्याबाई की राजधानी रही महेश्वर के लोगों को नहीं छोड़ा। वे महेश्वर के समीप ही टूलिया गांव में अपने फार्म हाउस में रहने चली गईं।
लॉकडाउन के दौरान किले में वापस आने की एक बड़ी वजह उनका बेटा यशवंतराव होलकर (द्वितीय) भी है। हालांकि अभी भी उनका फार्म हाउस में आना-जाना लगा रहता है। राजपरिवार से जुड़े लोग भी दोनों के बीच नजदीकी को देखकर खुश हैं।
शालिनी ने एक मास्क सेना भी बनाई है और किले में ही शालिनी की अगुवाई में सेना की बैठकें होती हैं। यह सेना माहेश्वरी कपड़ों से बने मास्क बांटती है। रिचर्ड कहते हैं कि शालिनी लॉकडाउन के दौरान हमारे साथ थीं, उनका किले में स्थित पैलेस में आना-जाना जारी है।
बेटे यशवंत राव (द्वितीय) ने कहा कि यह परिवार का निजी मामला है। शालिनी से प्रतिक्रिया के लिए संपर्क किया, लेकिन उनसे चर्चा नहीं हो पाई।