Constitution day 26 november: historical ऐतिहासिक होगा केवड़िया में पीठासीन अधिकारियों का सम्मेलन, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री भी करेंगे संबोधित
Constitution day 26 november: संविधान दिवस के मौके पर सरदार पटेल की विशालकाय प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी और नर्मदा के तट पर आयोजित हो रहा 80वां पीठासीन अधिकारियों का सम्मेलन शताब्दी वर्ष होने की वजह से ऐतिहासिक होगा। पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन की परंपरा 1921 मे शुरू हुई थी।

इसलिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने शताब्दी वर्ष के इस आयोजन को ऐतिहासिक बताया है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद इसका उद्घाटन 25 तारीख को करेंगे। अगले दिन 26 तारीख को संविधान दिवस पर समापन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कहा, केवड़िया की धरती स्वंत्रता आंदोलन के प्रणेता महात्मा गांधी की धरती है। सरदार वल्लभ भाई पटेल की भी धरती है, जिन्होंने देश का एकीकरण किया। यह नर्मदा का तट भी है और यहां सरदार पटेल की विश्व की सबसे बड़ी प्रतिमा है। कई बार स्थान का महत्व भी होता है। इसलिए तय किया गया कि संविधान दिवस केवड़िया में मनाया जाए। उन्होंने कहा, 1921 से पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन की परम्परा चल रही है। यह शताब्दी वर्ष है। इसलिए ये कार्यक्रम काफी अनूठा है।
संविधान लोकतंत्र की मजबूती का आधार
बिड़ला ने कहा कि हमारा संविधान हमारे लोकतंत्र को सुदृढ़ करता है और इसके जरिए संसदीय लोकतंत्र में लोगों की आस्था को मजबूती प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि विधानमंडल आम जनता को प्रभावित करने वाले मुद्दों को उठाने के लिए सर्वोच्च मंच है। इस रूप में जनप्रतिनिधियों की अपने-अपने सदनों में जनता की भावनाओं को व्यक्त करने की महती जिम्मेदारी होती है। लोकसभा अध्यक्ष ने इस बात पर जोर दिया कि विधानमंडलों में होने वाली चर्चाएं लोगों की आकांक्षाओं को दर्शाती हैं और इस कारण यह आवश्यक हो जाता है कि सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से बिना किसी व्यवधान के चलती रहे। सम्मेलन का समापन संविधान के प्रति आस्था जताने वाली एक घोषणा व संकल्प के साथ होगा।
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