yol kapanıevden eve nakliyatTikTok Takipçi Satın AlKepez haberhttps://listewp.com/keçiören evden eve nakliyatonline bebek mağazasıiqos tereaistanbul saç ekimiimplantizmir saç ekimiyol kapanıevden eve nakliyatTikTok Takipçi Satın AlKepez haberhttps://listewp.com/keçiören evden eve nakliyatonline bebek mağazasıiqos tereaistanbul saç ekimiimplantizmir saç ekimi

RBI Monetary Policy: EMI घटने की आशाओं पर फिरा पानी, Loan Moratorium के साथ रेपो रेट का आम आदमी पर असर

नई दिल्‍ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास द्विमासिक मौद्रिक नीति के बारे में जानकारी दे रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक चार अगस्त से 6 अगस्त, 2020 के बीच हुई। MPC ने रेपो रेट को चार फीसद पर यथावत रखा है। दास ने कहा कि क्रेडिट ग्रोथ 6 फीसद पर है, जो पिछले 6 दशक में सबसे निचले स्तर पर है।

RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि कोविड-19 की मौजूदा परिस्थितियों के मद्देनजर केंद्रीय बैंक की तरफ से कर्जदाताओं (बैंक/NBFCs) को इस बात की अनुमति है कि वे कॉरपोरेट और व्‍यक्तिगत कर्ज लेने वालों के लोन्‍स रीस्‍ट्रक्‍चर करें। हालांकि, उन्‍होंने यह स्‍पष्‍ट नहीं कहा कि लोन मोरेटोरियम की अवधि में इजाफा किया गया है या नहीं। इस पर स्‍पष्‍टता का अभी इंतजार है।

चेक भुगतान की सुरक्षा बढ़ाने के लिए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि 50,000 रुपये और उससे अधिक मूल्य के सभी चेक के लिए सकारात्मक वेतन का एक मेकेनिज्म शुरू करने का निर्णय लिया गया है। यह मूल्य के कुल चेक का लगभग 20 फीसद और 80 फीसद क्रमशः कवर करेगा। इस संबंध में परिचालन संबंधी दिशानिर्देश अलग से जारी किए जाएंगे।

आपको बता दें कि हाल की मौद्रिक नीति समीक्षाओं में रिजर्व बैंक ने वित्‍तीय स्थिरता पर ज्‍यादा फोकस किया है। साथ ही ग्रोथ को आगे बढ़ाने की दिशा में काम किया है। फरवरी 2020 से अबतक RBI ने रेपो रेट में 1.15 फीसद की कटौती की है।


RBI Monetary Policy August 2020 की खास बातें

रिजर्व बैंक द्वारा द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा से पहले शेयर बाजार में तेजी का रुख दिखा। 11.56 बजे एनएसई का निफ्टी 63 अंकों की बढ़त के साथ 11,164.65 के स्‍तर पर कारोबार कर रहा था। वहीं, बैंक निफ्टी 0.03 फीसद की गिरावट के साथ 21502.80 के स्‍तर पर कारोबार करता नजर आया।
Repo Rate में नहीं हुआ बदलाव। मौद्रिक नीति कमेटी ने इसे 4 फीसद पर रखा बरकरार।
दास ने कहा कि जुलाई में कई प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में कोविड-19 के मामलों में तेजी आने से अर्थव्यवस्था में रिकवरी की उम्मीदों को झटका लगा है।
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि कोविड-19 की वजह से इस साल की दूसरी तिमाही में भी महंगाई दर में वृद्धि की उम्मीद है। हालांकि, दूसरी छमाही में इसमें कमी आने की उम्मीद है।
12.12 बजे बैंक निफ्टी 0.24 की गिरावट के साथ 21458.15 के स्‍तर पर कारोबार करता नजर आया।
केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने इकोनॉमी को लेकर अपने रुख को ‘एकोमोडेटिव’ रखा है।
आरबीआई गवर्नर दास का कहना है कि आर्थिक गतिविधियों में सुधार होना शुरू हो गया था, लेकिन संक्रमण में वृद्धि ने लॉकडाउन के लिए मजबूर कर दिया
क्रेडिट ग्रोथ 6 दशक के निचले स्तर पर : हाल में केंद्रीय बैंक ने कई चरण में सिस्टम में जबरदस्त नकदी डालने का काम किया है। वहीं, सरकार ने भी कई तरह के प्रयास किए हैं। हालांकि, किसी भी तरह की कोशिश से बॉरोइंग गतिविधियों को मजबूती नहीं मिली है। क्रेडिट ग्रोथ 6 फीसद पर है, जो पिछले 6 दशक में सबसे निचले स्तर पर है।
केंद्रीय बैंक के गवर्नर ने कहा कि मुद्रास्फीति पर दबाव होने की वजह से रेपो रेट में कटौती पर किसी तरह की सहमति नहीं बन पाई। खुदरा महंगाई दर जून में 6.09 फीसद के स्तर तक पहुंच गई। यह रिजर्व बैंक के 2-6 फीसद के लक्ष्य से अधिक है।

इसे भी पढ़ें-  Exam News कक्षा 9th तथा 11th परीक्षा टाइमटेबल में फिर संशोधन

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि सबसे कम निवेश ग्रेड बांड के भी प्रसार में काफी कमी आई है।
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 में वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर नकारात्मक अंक में रहने का अनुमान है। हालांकि, कोविड-19 को लेकर किसी भी तरह की सकारात्मक खबर से परिदृश्य बदल जाएगा।

अतिरिक्त विशेष लिक्विडिटीः दास ने सिस्टम में अतिरिक्त 10,000 करोड़ रुपये डालने की घोषणा की। ये अतिरिक्त लिक्विडिटी नाबार्ड और नेशनल हाउसिंग बैंक को उपलब्ध करायी जाएगी। इससे एनबीएफसी और हाउसिंग सेक्टर को मौजूदा संकट से निकलने में मदद मिलेगी।

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक ने समाधान योजना के लिए दिग्गज बैंकर केवी कामत की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञता समिति का गठन किया है।
दास ने कहा कि प्राथमकिता वाले क्षेत्र को लेंडिंग से जुड़े दिशा-निर्देशों की समीक्षा की गई है। उन्होंने कहा कि बैंकों के लिए जल्द ही एक प्रोत्साहन योजना लाई जाएगी।
दास ने कहा कि RBI ने कोविड-19 के प्रभावों को कम करने के लिए बैंकों को कॉरपोरेट और व्यक्तिगत लेनदारों के कर्ज के पुनर्गठन का मौका देने की अनुमति दे दी है।
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक आने वाले समय में एक इनोवेशन हब की स्थापना करेगा। वहीं, डिजिटल भुगतान को लेकर एक ऑनलाइन डिस्प्यूट मैकेनिज्म भी लाया जाएगा।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि प्रायरिटी सेक्टर लेंडिंग स्टेटस का लाभ स्टार्टअप कंपनियों को देने का भी फैसला किया गया है।
कोविड-19 की वजह से लोगों को पेश आ रही दिक्कतों को कम करने के लिए सोने के बदले लोन की सीमा को 75 फीसद से बढ़ाकर 90 फीसद करने का फैसला किया गया है।
Gold Loan की सीमा बढ़ाने की खबर के बाद 1.10 मिनट पर MANAPPURAM FINANCE LIMITED के शेयरों में 2.10 फीसद की तेजी देखी जा रही है और यह 162.65 रुपये पर कारोबार करता नजर आया। इसी प्रकार, MUTHOOT FINANCE LIMITED भी 1.50 फीसद की तेजी के साथ 1276.70 रुपये प्रति शेयर पर कारोबार कर रहा था।
गवर्नर ने कहा कि जिन MSMEs का अकाउंट क्लासिफाइड मानकों के हिसाब से होगा, वे कर्ज के रिस्ट्रक्चरिंग के पात्र होंगे।

इसे भी पढ़ें-  Kalash Sthapana Chaitra Navratri 2023: चैत्र नवरात्रि 2023: कलश स्थापना, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और दुर्गासप्तशती के पाठ का महत्व

अर्थव्‍यवस्‍था पर कोरोना वायरस के प्रभावों को देखते हुए रिजर्व बैंक ने मार्च में तीन महीने के लिए लोन मोरेटोरियम (कर्ज की किस्‍तों के भुगतान के लिए मोहलत) की सुविधा दी कर्ज लेने वालों को दी थी। यह सुविधा शुरू में मार्च से 31 मई तक तीन महीने के लिए दी गई थी। बाद में रिजर्व बैंक ने इसे 3 महीनों के लिए और बढ़ाते हुए 31 अगस्त तक के लिए लागू कर दिया था। उम्‍मीद की जा रही है कि हालात को देखते हुए इसकी मोहलत आज बढ़ाई जा सकती है।

क्‍या होता है रेपो रेट (Repurchase Rate or Repo Rate)?

Repo Rate को कुछ इस तरह समझिए कि बैंक हमें कर्ज देते हैं और उस कर्ज पर हमें ब्याज देना पड़ता है। ठीक इसी प्रकार बैंकों को भी अपने लोन देने के इस काम के लिए भारी-भरकम राशि की जरूरत होती है और इसके लिए वे भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से उधार लेते हैं। बैंकों द्वारा लिए जाने वाले इस लोन पर RBI जिस दर से ब्याज वसूलता है, उसे रेपो रेट कहते हैं।

इसे भी पढ़ें-  टीचर द्वारा नाबालिग छात्रा के साथ छेड़छाड़, भड़के हिन्दू संगठनों का प्रदर्शन

रेपो रेट का आम आदमी पर असर
जब बैंकों को RBI कम ब्याज दर पर कर्ज उपलब्‍ध कराएगा, मतलब जब रेपो रेट कम होगा तो बैंक भी अपने ग्राहकों को सस्ता लोन दे सकते हैं। इसी प्रकार, यदि RBI रेपो रेट बढ़ाता है तो बैंकों के लिए कर्ज लेना महंगा हो जाता है और बैंक अपने ग्राहकों के लिए कर्ज महंगा कर देते हैं।

izmir escortporno izleYalova escortizmir escortpornokartal escortankara escortonline escortizmir escortizmir escortbodrum escortAntalya escortonwin girişHacklink satın alKastamonu escortMuğla EscortIsparta escorthttps://escortonline.orgizmir escortporno izleYalova escortizmir escortpornokartal escortankara escortonline escortizmir escortizmir escortbodrum escortAntalya escortonwin girişHacklink satın alKastamonu escortMuğla EscortIsparta escorthttps://escortonline.org