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कमलनाथ के 28 में से 18 मंत्रियों ने इस्तीफा सौंपा, 17 विधायक बेंगलुरु में, आज विधायक दल की बैठक

भोपाल. मध्य प्रदेश में 7 दिन से चल रहे सियासी ड्रामे में सोमवार को बड़ा मोड़ आया। देर रात हुई कैबिनेट की बैठक में 18 मंत्रियों ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को अपना इस्तीफा सौंप दिया। 4 अन्य मंत्री मंगलवार को अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री को दे सकते हैं। दरअसल, कमलनाथ ने कैबिनेट बैठक सरकार पर आए उस संकट का समाधान निकालने के लिए बुलाई थी, जो सिंधिया गुट के 6 मंत्रियों के बेंगलुरु जाने के बाद खड़ा हुआ। इन मंत्रियों के साथ 11 विधायक भी बेंगलुरु चले गए हैं। इस्तीफा देने के बाद मंत्रियों ने कहा कि उनकी आस्था कमलनाथ में है और वे अब अपने विवेक से कैबिनेट विस्तार कर सकते हैं। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि यह माफिया की मदद से सरकार को अस्थिर करने की साजिश है।

दिल्ली में ही रहे सिंधिया, सचिन पायलट से मुलाकात की
ज्योतिरादित्य सिंधिया अभी दिल्ली में हैं। वे आधे घंटे के लिए अपने आवास से अकेले बाहर निकले थे। सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने सचिन पायलट से मुलाकात की। कमलनाथ के मंत्रियों इस्तीफे के बाद राहुल गांधी रात 12 बजे सोनिया गांधी से मिलने पहुंचे। सूत्रों का कहना है कि मध्य प्रदेश में सरकार का संकट टालने के लिए सिंधिया को मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाया जा सकता है। कमलनाथ ने भी मंगलवार शाम 5 बजे विधायकों की बैठक बुलाई है।

इस्तीफे क्यों, विस्तार के आसार क्यों?
इस्तीफे क्यों: सिंधिया गुट की नाराजगी के बाद सरकार के अस्थिर होने का खतरा था। कमलनाथ के प्रति भरोसा जाहिर करते हुए मंत्रियों ने इस्तीफे दिए ताकि आलाकमान को किसी भी तरह के दबाव में न आने का साफ संकेत पहुंचाया जा सके।
विस्तार के आसार क्यों: मंत्रियों ने इस्तीफे सौंपने के साथ ही कमलनाथ को अपनी मर्जी के अनुसार कैबिनेट विस्तार की आजादी दे दी है। इसके जरिए कमलनाथ असंतुष्टों को मनाकर सरकार को मजबूती से कायम रख सकते हैं। असंतुष्टों में सिंधिया गुट के साथ ही हाल ही में बगावत करने वाले सपा, बसपा और निर्दलीय विधायक भी हैं।

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शाह ने सोमवार देर रात शिवराज-तोमर के साथ बैठक की
तेजी से बदलते सियासी घटनाक्रम के बीच गृह मंत्री अमित शाह ने भी दिल्ली स्थित आवास पर भाजपा नेताओं शिवराज सिंह चौहान और नरेंद्र सिंह तोमर के साथ बैठक की। मंगलवार को भोपाल में भाजपा ने विधायक दल की बैठक बुलाई है। कहा जा रहा है कि इस बैठक में शिवराज को गोपाल भार्गव की जगह विधायक दल का नेता चुना जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक, भाजपा 16 मार्च से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में अविश्वास प्रस्ताव ला सकती है।

राज्यपाल लालजी टंडन ने छुट्टियां कैंसल कीं
मध्य प्रदेश के सियासी हालात को देखते हुए राज्यपाल लालजी टंडन ने छुट्टियां कैंसल कर दी हैं। वे मंगलवार को भोपाल लौट रहे हैं। वे 5 दिन के लिए लखनऊ गए हुए थे।

इन मंत्रियों-विधायकों के फोन बंद

मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, महेंद्र सिंह सिसोदिया, तुलसी सिलावट, इमरती देवी, गोविंद सिंह राजपूत और प्रभुराम चौधरी बेंगलुरु गए हैं। भास्कर ने जब सभी को फोन लगाया तो इनके फोन बंद मिले। राजवर्धन सिंह, ओपीएस भदौरिया, जसवंत जाटव, बिजेंद्र यादव, जसपाल जज्जी, रणवीर जाटव, कमलेश जाटव, रक्षा सिरोनिया, मुन्ना लाल गोयल, रघुराज कंसाना और सुरेश धाकड़ से भी संपर्क नहीं हो पा रहा है। बेंगलुरु के बाहरी इलाके में स्थित एक रिसॉर्ट में विधायकों को ठहराया गया है। यहां 400 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। सूत्रों के मुताबिक, कुछ विधायक दिल्ली में हैं।

मध्य प्रदेश में 26 मार्च को राज्यसभा की 3 सीटों का चुनाव
26 मार्च को मध्य प्रदेश में राज्यसभा की तीन सीटों के लिए चुनाव होना है। किसी भी पार्टी के प्रत्याशी को जीतने के लिए 58 विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी। कांग्रेस के पास अपने 114 विधायकों के अलावा सपा-बसपा और निर्दलियों समेत 121 विधायक हैं। ऐसे में कांग्रेस को दो सीट मिल सकती हैं। 107 सीट वाली भाजपा का एक सीट पर जीतना तय है। भाजपा दो सीटों पर उम्मीदवार उतारने की बात कर रही है। वोटिंग होना तय है, जिसमें कुछ विधायकों की क्रॉस वोटिंग से दोनों पार्टियों का खेल बन या बिगड़ सकता है।

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पिछले महीने बढ़ी कमलनाथ और सिंधिया के बीच तल्खी
कमलनाथ और सिंधिया के बीच फरवरी में वचनपत्र को लेकर सिंधिया के बयान के बाद तकरार बढ़ गई थी। जब सिंधिया ने कहा था कि वचन पत्र के वादे पूरे नहीं हुए तो सड़कों पर उतरूंगा। इस बयान के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा था- उतर जाएं…। उस वक्त भी मुख्यमंत्री कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिले थे। बताया जा रहा था कि कमलनाथ ने सरकार पर सिंधिया के हमलों को लेकर नाराजगी जाहिर की थी।

मध्य प्रदेश विधानसभा की स्थिति

कुल सीटें: 230
वर्तमान सदस्य संख्या: 228
बहुमत के लिए जरूरी: 114 (विधानसभा अध्यक्ष को छोड़कर)
कांग्रेस+: 120
भाजपा: 107

सिंधिया समर्थक 17 विधायकों को हटाने पर स्थिति
कांग्रेस+: 103
भाजपा: 107

9 मार्च को इस तरह बदले सियासी हालात
दोपहर 2.30 बजे : कमलनाथ नई दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने उनके निवास 10 जनपथ पहुंचे। 15 मिनट तक चर्चा की।
दोपहर 2.45 बजे : कांग्रेस अध्यक्ष से मिलने के बाद सिंधिया को राज्यसभा भेजे जाने के मीडिया के सवाल पर कमलनाथ ने कोई जवाब नहीं दिया।
शाम 5.30 बजे : सिंधिया खेमे के छह मंत्रियों समेत 17 विधायक बेंगलुरू ले जाए गए, मंत्री-विधायकों के फोन बंद।
शाम 6.00 बजे : दिल्ली दौरा बीच में छोड़कर मुख्यमंत्री कमलनाथ भोपाल पहुंचे, सीएम हाउस में मंत्री-विधायकों के साथ बैठक की। उन्हें 11 मार्च को भोपाल लौटना था।
शाम 6.20 बजे : मंत्री संसदीय कार्य मंत्री डॉ. गोविंद सिंह और लाखन सिंह ग्वालियर से भोपाल बुलाए गए।
शाम 6.40 बजे : कमलनाथ ने मंत्रियों को सीएम हाउस बुलाया। दिग्विजय सिंह भी पहुंचे। विधायकों को भी बुलाया गया। मंत्री उमंग सिंघार भी मौजूद रहे।
शाम 7.00 बजे : भाजपा ने मंगलवार को 7:00 बजे भाजपा प्रदेश मुख्यालय में विधायकों की बैठक बुलाई।
रात 8.00 बजे : दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिले शिवराज सिंह चौहान। उन्हें सुबह की फ्लाइट से भोपाल लौटना है।
रात 8.20 बजे : बताया गया कि बेंगलुरु में विधायकों को तीन जगह पर रखा गया है। उनके साथ सिंधिया के पीए भी मौजूद हैं।
रात 8.30 बजे : ज्योतिरादित्य सिंधिया दिल्ली के अपने निवास 46 आनंद विलास में देखे गए। वह खुद गाड़ी चलाकर आए थे।
रात 8.45 बजे : शिवराज सिंह चौहान ने गृहमंत्री अमित शाह से नई दिल्ली में मुलाकात की।
रात 9.30 बजे : ज्योतिरादित्य फिर से निवास के दूसरे दरवाजे से निकले, उसके बाद वह नहीं दिखे।
रात 10.00 बजे : कांग्रेस विधायक दल की बैठक सुबह 11 बजे सीएम हाउस में बुलाई गई।
रात 10.10 बजे : कैबिनेट की आपात बैठक शुरू हुई, इसमें सभी 20 मंत्री मौजूद थे। डीजीपी और मुख्य सचिव भी मौजूद रहे।
रात 10.20 बजे : राज्यपाल लालजी टंडन का दौरा निरस्त। वह मंगलवार सुबह भोपाल पहुंचेंगे। वे छुटटी पर लखनऊ गए थे।
रात 11.00 बजे: कमलनाथ का बयान : भाजपा माफिया के साथ मिलकर अनैतिक तरीके से सरकार को अस्थिर करना चाहती है। मैं इसे सफल नहीं होने दूंगा।
रात 11.10 बजे : कैबिनेट की आपात बैठक में 20 मंत्रियों ने मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सौंपे इस्तीफे। नए मंत्रिमंडल के गठन का अधिकार दिया।

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मध्य प्रदेश में सियासी ड्रामे के 6 दिन
3 मार्च: सुबह दिग्विजय सिंह के ट्वीट कर भाजपा पर हॉर्स ट्रेडिंग के आरोप लगाए और कहा कि कांग्रेस विधायकों को दिल्ली ले जाया गया। शाम को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह दिल्ली पहुंचे। कांग्रेस ने देर रात दावा किया कि भाजपा ने कांग्रेस के 6, बसपा के 2 और एक निर्दलीय विधायक को गुड़गांव के आईटीसी मराठा होटल में बंधक बनाया। भोपाल से मंत्री जीतू पटवारी और जयवर्धन सिंह को दिल्ली भेजा गया।