कठिन है MP की यह रात, अब आगे क्या-क्या होने की संभावना
भोपाल, नई दिल्ली
। मध्यप्रदेश के बदलते घटनाक्रम के बीच बड़ी खबर यह है कि कमलनाथ केबिनेट ने इस्तीफा देकर सरकार बचाने का रणनीतिक दांव चल दिया है। इसके बाद अब कोई विधायक मंत्री नहीं रह गया लिहाजा वो भी जो कतिथ तौर पर गायब हैं या फिर ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ हैं।इधर सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि कमलनाथ को मजबूती देने के लिए इस्तीफे दिए गए।
उन्होंने फिर से दोहराया कि पूरे 5 साल सरकार चलेगी।
सीएम हाउस मैं इस्तीफा के साथ अब चर्चा है कि
- यदि सिंधिया नहीं माने तो व्हिप जारी कर विशेष सत्र बुलाकर सिंधिया समर्थक विधायकों को अयोग्य घोषित किया जा सकता है।
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ऐसे में 105 विधायकों के साथ सरकार को बहुमत साबित करना पड़ेगा
सरकार अब भाजपा के विधायकों को शामिल करने पर सरकार फोकस कर सकती है।
- कुछ भाजपा विधायकों के इस्तीफे लेकर सरकार बचाई जा सकती है।
इसके साथ कमलनाथ कर सकते हैं मंत्रिमंडल विस्तार तथा नाराज विधायकों को शामिल किया जा सकता है।
उधर भाजपा के नजरिये से सूत्रों के अनुसार
-अमित शाह के घर बैठक में शिवराज सिंह चौहान, नरेंद्र सिंह तोमर, डॉ.नरोत्तम मिश्रा ने रणनीति तैयार की है। इसके अनुसार
-ज्योतिरादित्य सिंधिया को राज्यसभा में भेजकर केंद्रीय मंत्री पद देगी भाजपा
इधर सिंधिया समर्थक विधायकों के इस्तीफे फिर
-सिंधिया समर्थकों को एक उप मुख्यमंत्री और 6 से 7 मंत्री पद देेेेकर भाजपा सरकार बना सकती है।
सूत्रो के अनुसार
-ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दो दर्जन से ज़्यादा विधायकों के समर्थन का दावा किया है।
अब देखना है कि अगले 24 घण्टे मध्यप्रदेश की राजनीति में कौन सा रंग चढ़ता है।