सर्कुलर जारी करके हिदायत- नहीं चाहिए तोंद वाले कमांडोज-NSG
ब्लैक कैट कमांडो भले ही वर्दी में सबसे फिट माने जाते हों, लेकिन इस वक्त उन्हें खुद के भीतर के ही दुश्मन ने दो-चार होना पड़ रहा है। वह दुश्मन है उनका फैट।
नेशनल सिक्योरिटी गार्ड्स (एनएसजी) के कुछ कमांडो इस वक्त अपने बढ़े हुए वजन से परेशान हैं, जिसमें बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) और बढ़ता कोलेस्ट्रॉल शामिल है। एनएसजी ने इसी बाबत सभी रैंकों के लिए एक सर्कुलर जारी कहा था कि उन्हें बढ़े वजन वाले कमांडोज नहीं चाहिए। एनएसजी सिर्फ फिट लोगों के लिए है। ऐसे में कमांडोज वजन कम करें या वे एनएसजी छोड़ दें। वरिष्ठ अधिकारी अधिक वजन वाले कमांडोज की संख्या दस फीसद से भी कम बताते हैं। एनएसजी के महानिदेशक सुरेंद्र प्रताप सिंह ने एक अंग्रेजी टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में बताया, एनएसजी सिर्फ फिट लोगों के लिए है। सैनिक अपना वजन घटाएं अन्यथा वे बाहर का रास्ता देखें। हालांकि, सूत्रों ने इस बारे में कहा कि जो लोग फिटनेस के मामले में अयोग्य पाए गए हैं, उन्हें बैठने वाले कामों में लगाया गया है। जैसे ड्राइवर और कुक आदि।
उन्होंने बताया, मानेसर में एक मिला-जुला अस्पताल भी है, जहां सेना के कई अधिकारी सेना के अस्पताल भी जाते हैं। वहां बीएमआई कम किया जाता है, ताकि वे फिट हो सकें। लेकिन कुछ स्वास्थ्य महानिदेश के सामने इस मामले में सवाल करते हैं। सूत्रों ने आगे कहा, पैरामिलिट्री और सेना में ऐसा आसमान्य नहीं है। यहां कई उदाहरण हैं, जिनमें मेडिकल बोर्ड चुनौती दी गई। वहीं एक अन्य अधिकारी की मानें तो, सर्कुलर जारी होने के बाद से कई कमांडोज का वजन बढ़ा है और अभी भी उनमें से कई का बीएमआई 25 से अधिक है, जिसमें एक का 30 से भी ज्यादा बीएमआई है।