पाकिस्तान में आज भी राज बेनजीर भुट्टो की हत्या, दो बार बनी थीं प्रधानमंत्री
नई दिल्ली। पाकिस्तान में आए दिन आतंकी हरकतें होती रहती है। ये देश धर्म के मामले में काफी कट्टर माना जाता है। पहली बार इस देश की राजनीतिक कमान एक महिला बेनजीर भुट्टो ने संभाली थी। उनकी हत्या को अब लंबा समय हो चुका है मगर उसके बाद भी वहां की एजेंसियां ये तक नहीं पता कर पाईं कि आखिर उनकी हत्या के पीछे क्या कारण था। 27 दिसंबर को ही उनकी हत्या की गई थी। बेनजीर भुट्टो पाकिस्तान में लोकतांत्रिक तरीके से चुने गए पहले प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो की बेटी थीं। जनरल जिया-उल-हक के जमाने में उनके पिता का सियासी सफर वक्त के पहले खत्म हो गया, जब उन्हें फांसी दे दी गई।
जीवन परिचय
बेनजीर भुट्टो का जन्म 21 जून 1953 को हुआ था। उनकी मृत्यु 27 दिसम्बर 2007, रावलपिंडी में हुई थी। वो पाकिस्तान की 12 वीं (1988 में) व 16 वीं (1993 में) प्रधानमंत्री थीं। उनकी मृत्यु रावलपिंडी में एक राजनैतिक रैली के बाद आत्मघाती बम और गोलीबारी से दोहरा हमला कर की गई थी। वो पूरब की बेटी के नाम से जानी जाती थीं। वे पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की प्रतिनिधि तथा मुस्लिम धर्म की शिया शाखा की अनुयायी थीं। उनका जन्म पाकिस्तान के धनी जमींदार परिवार में हुआ था। वे पाकिस्तान के भूतपूर्व प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो, जो सिंध प्रांत के पाकिस्तानी थे तथा बेगम नुसरत भुट्टो, जो मूल रूप से ईरान और कुर्द देश से संबंधित पाकिस्तानी थीं, की पहली संतान थीं। 18 दिसम्बर 1987 में उनका विवाह आसिफ अली जरदारी के साथ हुआ। बेनजीर भुट्टो के तीन बच्चे हैं। पहला बेटा बिलावल और दो बेटियां बख़्तावर और और असीफा।
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