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370 खत्म करने के खिलाफ याचिकाओं पर आज से सुनवाई

जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को खत्म करने के खिलाफ दायर सभी याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट मंगलवार से सुनवाई करेगा। इसके लिए पांच जजों की सांविधानिक पीठ बनाई गई है। इसकी अध्यक्षता जस्टिस एनवी रमन को दी गई है। सांविधानिक पीठ में जस्टिस एसके कौल, जस्टिस आर सुभाष रेड्डी, जस्टिस बीआर गवई, और जस्टिस सूर्यकांत भी शामिल हैं।

 

 

 

इससे पहले 14 नवंबर को पीठ ने याचिकाओं पर कोई अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार कर दिया था। साथ ही कहा था कि ऐसा करने पर सुनवाई में देरी हो सकती है, और बताया था कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले से जुड़े सभी मुद्दों पर सभी पार्टियों को सुनने के बाद एक साथ निर्णय देगी।

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वहीं जस्टिस एनवी रमन ने सोमवार को सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता व वरिष्ठ अधिवक्ता राजू रामचंद्रन को मामले पर तैयारी के साथ आने के निर्देश दिए। याचीगणों से भी सभी याचिकाओं व इनमें दिए जा रहे दस्तावेजों को एक साथ प्रस्तुत करने के लिए कहा गया था। इससे सुनवाई में आसानी होगी।

मेहता ने बताया कि सभी याचिकाओं को एक साथ कर लिया गया है, लेकिन कुछ नए दस्तावेज भी दिए जाते हैं तो उन्हें बाद में जोड़ा जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को इसी मामले पर दायर दो अन्य याचिकाओं पर भी जवाब देने के लिए कहा था। वहीं इन दो को छोड़कर नई याचिकाओं को दायर करने पर रोक लगाई थी।

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कौन हैं याचिकाकर्ता

– नेशनल कॉन्फ्रेंस की ओर से लोकसभा सांसद मोहम्मद अकबर लोन और जस्टिस (सेवानिवृत्त) हसनैन मसूदी, जे एंड के पीपल्स कॉन्फ्रेंस की ओर से सज्जाद लोन, माकपा नेता मोहम्मद यूसुफ ने याचिका में पांच अगस्त के सरकार के निर्णय पर आपत्ति जताई है। 2015 में सेवानिवृत्त हुए जस्टिस मसूदी ने अनुच्छेद 370 को संविधान का स्थायी अंग बताया था।

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– एक याचिका पूर्व रक्षा अधिकारियों व नौकरशाहों ने दायर की है। इनमें 2010-11 में गृहमंत्रालय के वार्ताकार समूह में शामिल रहे प्रो. राधा कुमार, जम्मू-कश्मीर काडर के पूर्व आईएएस अधिकारी हिंदल हैदर तैयबजी, एयर वाइस मार्शल (सेवानिवृत्त) कपिल काक, मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) अशोक कुमार मेहता, पंजाब काडर के पूर्व आईएएस अधिकारी अमिताभ पांडा और केरल काडर के पूर्व आईएएस अधिकारी गोपाल पिल्लई शामिल हैं।

– एक याचिका नौकरशाह से राजनीतिज्ञ बने शाह फैजल और उनकी पार्टी में शामिल शहला रशीद की है।