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मेयर शशांक श्रीवास्तव बोले- जनता से वोट का अधिकार छीन कांग्रेस ने की लोकतंत्र की हत्या

पार्षदों द्वारा मेयर और पालिका अध्यक्ष चुने जाने के फैसले पर महापौर शशांक श्रीवास्तव ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है।

कटनी । नगर के महापौर तथा अखिल भारतीय मेयर काउंसिल के राष्ट्रीय सचिव सीए शशांक श्रीवास्तव ने मध्यप्रदेश सरकार कैबिनेट के उस फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है जिसमे निकाय चुनावों में अब महापौर और नगरपालिका अध्यक्ष सीधे जनता से चुनने के अधिकार को वापस लेते हुये यह अधिकार पार्षदों को देने का निर्णय पास किया गया है।

महापौर शशांक श्रीवास्तव ने इसे लोकतंत्र की हत्या करार देते हुए कहा है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने केवल अपने राजनीतिक हितों को साधने की खातिर जनता से निकाय चुनाव में एक साथ दो वोट देने के अधिकार को छीन लिया है। इसके दूरगामी परिणाम बेहद घातक होंगे।

श्री श्रीवास्तव ने कहा कि इससे सीधे तौर पर खरीद फरोख्त को बढ़ावा मिलेगा। जनता जिसे शहर का प्रथम नागरिक बनाना चाहती है उसकी जगह सत्ता बल, धनबल, बाहुबल का निर्णय थोपा जाएगा। उन्होंने कहा कि एक तरफ विभिन्न राज्यों में निकायों को स्वायत्तता देने संविधान के 74 वे संसोधन को लागू करने के लिए देश भर के महापौर दलगत राजनीति से परे एक हो रहे हैं, वही मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार लोकतंत्र के संवैधानिक दायित्व पर ऐसे बेतुके निर्णय का अतिक्रमण कर रही है।

जनता अब तक वार्ड और शहर के हित को ध्यान में रखकर अपना नेतृत्व चुनती थी किंतु अब उस पर नेतृत्व थोपा जाएगा। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि इससे सीधे तौर पर मेयर या फिर अध्य्क्ष की स्वतंत्रता समाप्त होगी और विकास के कार्य प्रभावित होंगे।

उन्होंने कहा कि दुनिया मे शहर के मेयर के चुनने के लिए जनता को सीधे चुनाव के अधिकार देकर स्थानीय निकायों को जनाकांक्षाओं के आधार पर फैसले का अधिकार दिया जा रहा है वहीं हमारे प्रदेश में सिर्फ सत्ता के हितों की खातिर इस अधिकार को जनता से वापस लिया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि आज इस फैसले से भारतीय मेयर काउंसिल को भी अवगत कराया गया। अधिकांश सदस्यों ने मध्यप्रदेश सरकार के इस निर्णय की निंदा की है। उन्होंने कहा कि जल्द ही प्रदेश नेतृत्व से चर्चा के बाद सरकार के इस निर्णय के विरोध की रूपरेखा तैयार की जाएगी। महापौर शशांक श्रीवास्तव ने यह भी आरोप लगाया कि जनता कांग्रेस को पूरी तरह से नकार चुकी है। सँख्यागणित और समर्थन से बैसाखी पर चल रही सरकार को यह पता है कि जनता द्वारा सीधे मेयर का निर्वाचन होता है तो प्रदेश भर के निगमों में फिर से उसे मुंह की खानी पड़ेगी इसी के चलते जनता से मतदान का अधिकार छीन कर इस गैरजिम्मेदाराना निर्णय को थोपा जा रहा है। जिसका जनता भी विरोध करेगी।

उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में सत्ता के ही तीन चार केंद्र हैं आये दिन आपसी विरोध की खबरे सरे आम होती हैं अब एक एक दो दो वर्ष के लिए मेयर भी सत्ता की कठपुतली बन कर बदले जाएंगे। कुलमिलाकर मध्यप्रदेश में निकायों में खुलेआम लोकतंत्र की हत्या होगी जनता अपने वोट के अधिकार से भी वंचित बन जाएगी।

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