UN में पाक को आइना दिखाने वाली पॉलोमी हैं सबसे जूनियर अधिकारी
नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारतीय मिशन की प्रथम सचिव पॉलोमी त्रिपाठी ने सोमवार को कहा कि पाकिस्तान ने फर्जी तस्वीर के जरिये संयुक्त राष्ट्र आम सभा के सामने भारत को फिजूल में बदनाम करने के लिए किया।
इसके साथ ही उन्होंने पाक द्वारा दिखाई गई झूठी तस्वीर के साथ ही कश्मीर में शहीद हुए लेफ्टिनेंट उमर फयाज की तस्वीर भी दिखाई। उन्होंने कहा कि उमर फयाज की फोटो कश्मीर की उस असलियत को बयान कर रही है, जहां पाकिस्तान की मदद के चलते आतंकवादी ऐसी बर्बरता कर रहे हैं।
इसके साथ ही आम लोगों के जेहन में यह सवाल कौंधने लगा कि आखिर ये महिला कौन है जो इस तरह से संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की धज्जियां उड़ा रही है।
पॉलोमी से पहले शनिवार को भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा था कि भारत और पाकिस्तान एक साथ आजाद हुए थे। भारत ने वैज्ञानिक और इंजीनियर बनाए जबकि पाकिस्तान ने आतंकी पैदा किए हैं।
भारतीय मिशन की सबसे जूनियर अधिकारी हैं पॉलोमी त्रिपाठी –
संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की सबसे वरिष्ठ अधिकारी मलीहा लोधी को तगड़ा जवाब देने वाली भारत की पॉलोमी त्रिपाठी 2007 बैच की आईएफएस अधिकारी हैं। वह संयुक्त राष्ट्र के भारत के स्थायी मिशन की सबसे जूनियर अधिकारी हैं। मिशन का नेतृत्व वरिष्ठ अधिकारी सैयद अकबरुद्दीन करते हैं।
जेएनयू से किया है एमए और एमफिल –
पॉलोमी त्रिपाठी ने जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी से एमए और एमफ़िल किया है। वो सेंटर फॉर स्टडी ऑफ़ रीजनल डेवलपमेंट में पढ़ाई किया करती थीं। मूल रूप से कोलकाता की रहने वालीं पॉलोमी का विवाह साल 2007 में हुआ और उनके पति दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ाते हैं। वो शुरू से ही फॉरेन सर्विस में जाना चाहती थीं। उनका परिवार इस बात पर काफ़ी गर्व महसूस कर रहा है लेकिन उनका कहना है कि ये टीम वर्क है। पॉलोमी इसी साल जून में यूएन में गई और उन्हें मौजूदा ज़िम्मेदारी संभाले हुए कुछ ही महीने हुए हैं।
पाक को जवाब देने के लिए काफी सोच-समझकर हुआ था चुनाव –
पाकिस्तान को जवाब देने के लिए भारत ने पॉलोमी त्रिपाठी को काफी सोच समझकर चुना। संयुक्त राष्ट्र महासभा में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अपने भाषण में पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर जमकर लताड़ा था। उन्होंने कहा था कि भारत ने युवाओं को आगे बढ़ाया, बड़े-बड़े संस्थान बनाए लेकिन, पाकिस्तान ने आतंकवादी संगठन बनाए। सुषमा की बात को आगे बढ़ाने के मकसद से पाकिस्तान को जवाब देने के लिए सबसे युवा अधिकारी को चुना गया। त्रिपाठी भारत के स्थायी मिशन में मानवाधिकार का विषय देखती हैं।
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