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‘जय श्रीराम’ लिखे पोस्टकार्ड ममता को भेजेगी भाजपा, नारे से भड़कने पर लिया निर्णय

न्यूज़ डेस्क। पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव में करारी हार झेलनी वाली तृणमूल कांग्रेस के जख्मों पर नमक छिड़कते हुए भाजपा ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को ‘जय श्रीराम’ लिखे हुए 10 लाख पोस्टकार्ड भेजने का निर्णय किया है। बंगाल से भाजपा के नवनिर्वाचित सांसद अर्जुन सिंह ने कहा- ‘हमने मुख्यमंत्री के आवास पर 10 लाख पोस्टकार्ड भेजने का निर्णय किया है जिनपर ‘जय श्रीराम’ लिखा होगा।’ पार्टी का कहना है कि नारे लगाने से ममता बनर्जी के भड़कने पर यह निर्णय लिया गया है।

तृणमूल कांग्रेस के विधायक रह चुके अर्जुन सिंह आम चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हुए थे। उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किए जाने के बाद कहा कि ममता बनर्जी को जय श्रीराम लिखे पोस्टकार्ड भेजे जाएंगे। उधर, भाजपा ने सवाल किया कि क्या राज्य में ‘जय श्रीराम’ का नारा लगाना अपराध है। गौरतलब है गुरुवार को ममता बनर्जी तब नाराज हो गई थीं, जब कुछ लोगों ने उनकी कार के सामने ‘जय श्रीराम’ के नारे लगाए थे। पिछले महीने के प्रथम सप्ताह में एक वीडियो में दिखाया गया था कि ममता बंगाल के पश्चिम मेदिनीपुर जिले में तब नाराज हो गईं थीं जब कुछ लोगों ने उनके काफिले के सामने ‘जय श्रीराम’ के नारे लगाए थे।

सोशल मीडिया पर भी ममता पर हमला
क्या ‘जय श्रीराम’ कहना अपराध है? क्या यह नारा लगाने पर किसी को असहज महसूस होना चाहिए? क्या यह नारा लगाने वालों की गिरफ्तारी अथवा उनपर कानूनी शिकंजा कसना चाहिए? इस तरह के अनगिनत सवाल इस समय पश्चिम बंगाल के लोगों के जेहन में चल रहे हैं। यही वजह है कि सोशल मीडिया पर भी ममता बनर्जी पर हमला किया जा रहा है।

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माकपा नेता ने दादा व मौसी की घटना का जिक्र कर किया कटाक्ष
माकपा के वरिष्ठ नेता श्यामल चक्रवर्ती ने इस वाकये को लेकर अपने फेसबुक पर बचपन की कुछ यादें साझा की हैं। उन्होंने लिखा कि मुझे बचपन की दो घटनाएं याद हैं। मैं दमदम के गोराबाजार के नल्ता कुमारपाड़ा में रहता था। 1950 के दशक में यह इलाका अर्ध शहरी था। तब इस इलाके में एक नशेड़ी बुजुर्ग रहते थे।

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हर कोई उन्हें दादा कहता था और जैसे ही लोग पीछे से उन्हें दादा कहकर पुकारते थे वह गाली देना शुरू करते थे। मां, मौसी, बहन किसी को नहीं छोड़ते थे। इसी तरह एक विधवा रहती थी। उन्हें बच्चे से लेकर बूढ़े तक मौसी कहते थे। जैसी ही उन्हें देखकर लोग मौसी कहना शुरू करते थे, वह साड़ी खूंटकर गाली बकना शुरू करती थी और तब तक नहीं रुकती थी जब तक थक ना जाए। उन्होंने कहा कि आज मुख्यमंत्री का वीडियो देखकर वे दोनों यानी दादा और मासी याद आ गए। आखिर बंगाल में कैसी परंपरा की शुरुआत ममता बनर्जी कर रहीं हैं, यह लोग तय करें।

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ममता को मनोवैज्ञानिक उपचार की जरूरत : विकास रंजन
कोलकाता के पूर्व मेयर व माकपा नेता विकास रंजन भट्टाचार्य ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा कि ममता को मनोवैज्ञानिक उपचार की जरूरत है। उन्होंने कहा-यह ममता का दु‌र्व्यवहार है जिसके चलते भाजपा व संघ के लिए यहां जगह बन रही है।

ममता का असली चेहरा सामने आया : अधीर
पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व वर्तमान सांसद अधीर रंजन चौधरी ने ममता का वीडियो साझा करते हुए फेसबुक पर लिखा कि यह प्रकृति का न्याय है। जो जैसा करता है वैसा उसके सामने आ जाता है। ममता का असली चेहरा और असली दशा अब सामने आ गए हैं।

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