मंत्रीमंडल गठन में हो रहे विलंब से बढ़ रही दावेदारों की बेचैनी
जबलपुर, मुनप्र। मध्यप्रदेश में विधानसभा के चुनाव हो गये नतीजे भी सामने आ गये और बड़ी पार्टी के रूप में आने पर कांग्रेस की सरकार भी बन गयी तथा मुख्यमंत्री के रूप में कमलनाथ ने शपथ भी ग्रहण कर ली लेकिन मुख्यमंत्री ने शपथग्रहण समारोह में वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में अकेले ही शपथ ली और मंत्री मंडल गठन जल्द करने का वादा भी किया। लेकिन मुख्यमंत्री के शपथ लेने के बाद पांच दिन बीत चुके हैं लेकिन अभी तक प्रदेश मंत्रीमंडल का गठन संभव नहीं हो पाया है। निर्वाचित कांग्रेस विधायक मंत्रीमंडल गठन में हो रहे विलंब के कारण अब बैचेन नजर आने लगे हैं। चूंकि रोजाना मंत्री पद को लेकर नये नये नाम सामने आ जाते हैं जो दावेदारों की चिंता बढ़ा देते हैं। हालांकि मुख्यमंत्री श्री नाथ मंत्री मंडल की सूची लेकर दिल्ली में हैं और आशा की जा रही है कि वरिष्ठ नेताओं से विचार विमर्श के बाद मंत्रियों की सूची को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के द्वारा फाइनल कर दिया जाएगा। आज शाम या कल तक मंत्री मंडल की स्थिति स्पष्ट हो सकती है इसके अलावा मंत्रियों के शपथ ग्रहण की तारीख भी घोषित की जा सकती है। अब किसे मंत्री पद मिलता है और कौन इस दौड़ में पीछे रह जाता है यह तो मंत्री मंडल गठन के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा। आम जनता में भी मंत्री मंडल को लेकर चर्चाएं सरगर्म हैं। यदि जबलपुर की बात की जाए तो यहां से जीते चार कांग्रेस विधायक लखन घनघोरिया, तरुण भानोट, विनय सक्सेना संजय यादव के समर्थक और चाहने वाले कुछ ज्यादा ही बैचेन नजर आ रहे हैं। मंत्री मंडल को लेकर आम जनता में भी उत्सुकता है। अब मंत्रीमंडल का गठन कब तक संभव हो सकता है यह शायद आज शाम तक स्पष्ट हो सकता है। मंत्रीमंडल के अलावा प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष, विधानसभा अध्यक्ष, विधानसभा उपाध्यक्ष जैसे पदों को लेकर भी उत्सुकता का माहौल निर्मित है।
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