यहां कुत्ते बने चुनावी मुद्दा : जानिए वोटर्स का खुला ऐलान
भोपाल। शायद ही यह किसी ने सोचा होगा कि राजनीति का केंद्र भोपाल में कुत्ते भी कभी चुनावी मुद्दा बनेंगे। लेकिन इस बार मूलभूल सुविधाओं में शामिल सड़क, चिकिस्ता व शिक्षा सुविधा, पेयजल की समस्या, बेरोजगारी के साथ कुत्ते की समस्या से निजात भी जनता की मांग में शामिल हो गए है।
हूजुर, गोविंदपुरा, उत्तर, मध्य विधानसभा सीटों के मतदाताओं ने बताया कि इस बार उम्मीदवारों को इस बड़ी समस्या से अवगत कराया जाएगा। लिखित में आश्वासन के बाद ही पार्टी को वोट दिया जाएगा।
वैसे यह मुद्दा नगरीय निकाय चुनावों में शामिल होता था। निगम के बजट में भी कुत्तों की नसबंदी, शेल्डर होम्स, टीकाकरण जैसे प्रावधान भी किए जाते हैं। लेकिन बीते चार सालों में कुत्तों की समस्या को लेकर जनता में नाराजगी है। दो साल में कई ऐसे मामले हुए जहां आवारा कुत्तों के शिकार हुए मासूमों ने दम तक तोड़ दिया तो कई घायल भी हुए।
लोगों ने बताया कि अब तक सैकड़ों शिकायतें अलग-अलग क्षेत्रों से कुत्तों की आबादी के साथ बढ़ते आतंक के कारण की गई। नतीजा हर बार की तरह सिफर ही निकाला। लिहाजा अब आम चुनावों में राजधानी की सात में से तीन सीटों पर बड़ी आबादी वाले मतदाताओं ने इसे क्षेत्रीय मुद्दा बना लिया है।
हमने तो कुत्तों को भी माला पहनाई..
गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्र में आने वाले बागमुगालिया क्षेत्र में कुत्तों का बड़ा आतंक है। लिहाजा यहां कई आंदोलन भी हुए। इस क्षेत्र के मतदाताओं ने तय किया है कि कुत्तों की समस्या से समाधान की जो पार्टी बात करेगी उसी को वोट दिया जाएगा। क्षेत्र के मतदाता और जागरूक नागरिक उमाशंकर तिवारी कहते हैं कि क्षेत्र में कुत्तों को लेकर कई शिकायतें की गई। हल नहीं निकाला। बच्चे-बुजूर्गों का निकल पाना भी मुश्किल होता है।
दो माह पहले आंदोलन के दौरान कुत्तों को माला पहना कर विरोध दर्ज कराया था। अब उस जन प्रतिनिधि को माला पहनाएंगे जो हमारी बात सुनेगा। उधर, मिसरोद में भी सामाजिक कार्यकर्ता अजय पाटीदार कुत्तों की समस्या को लेकर लोगों को मतदाताओं को जागरूक कर रहे हैं।
मासूम की चली गई जान पर कुछ नहीं हुआ
उत्तर विधानसभा क्षेत्र में आने वाले फतेहगढ़ क्षेत्र के मतदाताओं ने अपना विरोध शुरू कर दिया है। सोशल मीडिया और व्हाट्सएप ग्रुप पर कुत्तों की समस्या को लेकर मेसेज किए जा रहे हैं। क्षेत्र के मतदाता जुबेर फारूकी ने बताया कि क्षेत्र में छह वर्षीय मासूम को उस वक्त हालत गंभीर हो गई थी जब कुत्तों ने शिकार बनाया था। ऐसी कई घटनाएं क्षेत्र में हो चुकी है। इनसे हमारी सुरक्षा की जिम्मेदारी भी नेताओं की है। उन्होंने कहा कि यदि इस समस्या से निजात नहीं तो वोट भी नहीं दिया जाएगा।
जान जाते-जाते गई थी, लेकिन फिर क्या किया..
हुजूर विधानसभा के एयरपोर्ट रोड स्थित एक दर्जन से अधिक कॉलोनियों में कुत्तों को लेकर मतदाताओं में रोष है। दरअसल, बीते 20 सितंबर को एयरपोर्ट रोड स्थित गोकुल धाम कॉलोनी में खेल रहे छह वर्षीय आदित्य पर कुत्तों ने हमला कर दिया था उसे 80 से ज्यादा टांके लगे थे। उधर, लोगों भी लगातार क्षेत्र में कुत्तों की बढ़ती तादाद से परेशान है। क्षेत्र के मतदाता धर्मेश गुप्ता ने बताया कि अमूमन रोज ही कुत्तों के काटने के शिकार लोग होते हैं। रात में रोड पर निकलपाना भी मुश्किल है। वोट मांगने से पहले नेताओं को इस समस्या से निराकरण का आश्वासन देना होगा।
इन क्षेत्रों में मतदाता कुत्तों से त्रस्त
नगर निगम में पुराने शहर से कुत्तों को लेकर सर्वाधिक शिकायतें की जा रही है। इसमें बागमुगलिया, होशंगाबाद रोड, अवधपुरी, पिपलानी, जहांगीराबाद, एमपी नगर, छह नंबर, 11 नंबर, 10 नंबर, बिट्ठल मार्केट, नेहरू नगर, आनंद नगर, तलैया, अशोका गार्डन, करोंद, जुमेराती, हमीदिया रोड, कांजी कैंप, सलैया, बरखेड़ी पठानी, निशातपुरा, कोलार, राजीव नगर, अंबेडकर नगर, आसाराम नगर, एमपी नगर, करोंद, चांदबड़, जैसे अन्य कई क्षेत्रों में कुत्तों का आतंक है।
शहर के कुत्तों का यह है आतंक
-15 दिन पहले अवधपुरी में एक ही दिन में 8 लोगों को कुत्तों ने काटा
-29 मार्च को एक ही दिन में शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में 150 लोग को कुत्तों ने काटा था।
-बीती 2 फरवरी में गौतम नगर थाना क्षेत्र में डेढ़ वर्षीय बच्चों को कुत्तों ने नोच-नोच कर मार डाला था।
-20 सितंबर को एयरपोर्ट रोड स्थित गोकुल धाम कॉलोनी में खेल रहे छह वर्षीय आदित्य पर कुत्तों ने हमला कर दिया और 100 से ज्यादा कांटे लगे।
8 मार्च कजलीखेड़ा निवासी कैलाशीबाई तोमर की मौत हुई। उनको आवारा कुत्तों ने काट लिया था।
अरेरा हिल्स राजीव नगर में 8 वर्षीय बच्चे को कुत्तों के झुंड ने अपना शिकार बनाया था।
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