CG : चुनाव के दौरान 35 दिन में खर्च होंगे 2000 करोड़ रुपए से ज्यादा
रायपुर। राज्य में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है। 16 अक्टूबर से प्रथम चरण के नामांकन से 20 नवंबर तक की कुल 35 दिन की अवधि में दो हजार करोड़ से अधिक रुपया बाजार में आने का अनुमान है। इसमें निर्वाचन आयोग द्वारा खर्च किए जाने वाले 280 करोड़ तथा उम्मीदवार व राजनीतिक दलों का खर्च भी शामिल है। पिछले चुनाव में राज्य में 986 उम्मीदवार मैदान में थे। इस बार अगर औसत उम्मीदवारों की संख्या एक हजार मानें तो आयोग का अनुमानित खर्च पिछली बार जितना ही होगा।
इसके अतिरिक्त राजनीतिक दलों की रैलियों और अन्य खर्च को जोड़ दें तो यह रकम दो हजार करोड़ के आस-पास पहुंच सकती है। निर्वाचन आयोग ने खर्च की सीमा 28 लाख तय की है। उम्मीदवार यदि आयोग के मानक के अनुसार ही खर्च करता है तो एक हजार उम्मीदवारों का खर्च 280 करोड़ के आस-पास होगा।
वहीं भाजपा कांग्रेस, जकांछ, बसपा, शिवसेना, आप, सीपीआई सहित अन्य छोटे बड़े दलों में पार्टी के कार्यक्रमों का हिसाब लगाया जाए तो वह भी एक हजार करोड़ से कम न होगा। इस तरह कुल रकम 16 सौ करोड़ के आसपास हो जाती है।
वैसे यह सभी मानते हैं कि चुनाव जीतने के लिए हर पैंतरा आजमाने वाले उम्मीदवार चोरी-छिपे तय सीमा से काफी ज्यादा रकम भी खर्च कर जाते हैं। ऐसे में यह अनुमान लगाना फिलहाल मुश्किल है कि छत्तीसढ़ का चुनाव इस बार कितने हजार करोड़ तक पहुंचेगा।
एक लाख को मिलेगा रोजगार
लोकतंत्र के इस पर्व में राज्य के लगभग एक लाख लोगों को रोजगार भी मिलेगा। बड़े पैमाने पर भोजन के कारोबार से जुड़े हलवाई, मजदूर, ट्रांसपोर्टर, बैनर, पोस्टर होर्डिंग्स बनाने वाले, टेंट हाउस, लाइट एंड साउंड, आइटी सहित अन्य क्षेत्रों के लोगों को काम मिलेगा। एक उम्मीदवार चुनाव के दौरान सौ को रोजगार देता है। राज्य में एक हजार उम्मीदवार होंगे तो एक लाख लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है।
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