चर्चित मर्डर मिस्ट्री का खुलासा- ससुर, साढ़ू भाई व उसके दोस्त ने दिया था वारदात काे अंजाम
कटनी। कोतवाली के मिशन चौक क्षेत्र स्थित बस स्टॉप में कार्टून व बोरे में बंद मिली महिला की लाश के मामले की अहम कड़ी रिक्शा चालक शैलेन्द्र सिंह से पूछताछ करते हुए पुलिस ने वारदात में शामिल सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस अधीक्षक मिथिलेश शुक्ला, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विवेक कुमार लाल व उपपुलिस अधीक्षक मनोज वर्मा के दिशा निर्देश व नगर पुलिस अधीक्षक एम.पी.प्रजापति के मार्गदर्शन में मामले की गंभीरता से विवेचना करते हुए कोतवाली प्रभारी शैलेष मिश्रा व उनकी टीम ने शहरवासियों के लिए पूरी तरह से अनजान महिला की न केवल शिनाख्त कर ली बल्कि शिनाख्त होने के तत्काल बाद उसकी मर्डर मिस्ट्री से भी पर्दा उठा दिया है।
इस मामले में महिला के कथित ससुर गांधीगंज निवासी संतोष सरावगी, ससुर के साढू भाई गोंदिया निवासी संपत अग्रवाल व साढू भाई के एक सहयोगी अनिल सेंडे को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों से हुई पूछताछ के मुताबिक महिला समीपस्थ ग्राम टिकरिया की रहने वाली सुमन पटेल थी। जिससे संतोष सरागवी के पुत्र सतीश सरावगी( बलात्कार के केश में जेल में बंद है) से बांदकपुर में प्रेम विवाह किया था। सुमन पटेल टिकरिया में ही रहती थी लेकिन वह सतीश सरावगी के जेल जाने के बाद गांधीगंज में ही अपनी कथित ससुराल के पास आकर किराए के मकान में रहने लगी और संतोष सरावगी पर संपत्ति में मालिकाना हक पाने दबाव बनाने लगी। इस दौरान सुमन ने कथित ससुर संतोष सरावगी पर समझौते के रूप में 25 लाख रूपए की भी मांग की। जिसके बाद ही संतोष सरावगी ने सुमन को रास्ते से हटाने की योजना बनाई।
योजना में मोहर्रम पर्व की पुलिस व्यवस्था बनी रोड़ा
योजना के तहत ससुर संतोष सरावगी ने सुमन पटेल के द्धारा 25 लाख रूपए की मांग करने वाली बात अपने साढ़ू भाई गोंदिया निवासी संपत अग्रवाल को बताई। जिसके बाद साढ़ू भाई संपत अग्रवाल गोंदिया से अपने एक साथी अनिल सेंडे के साथ कटनी आया। घटनावाले दिन पड़ोस में कहीं गमी हो गई थी। जिसका बहाना बनाकर संतोष सरावगी ने अपनी पत्नी को गमी वाले घर पर भेज दिया। इसके बाद संतोष सरावगी ने बातचीत करने के लिए सुमन पटेल को घर पर बुलाया। जहां सुमन से समझौते पर बातचीत शुरू हुई लेकिन सुमन 25 लाख रूपए नगद व संपत्ति में हिस्सा देने की मांग पर अड़ी रही। इसी दौरान आक्रोशित होकर सुमन पटेल के पेट में जोरदार लाग मार दिया। जिससे वह कमरे के अंदर फर्श में गिर गई। जिसके बाद साढ़ू भाई संपत अग्रवाल व उसके साथी अनिल सेंडे ने गला घोंटकर सुमन को मौत के घाट उतार दिया और उसकी लाश को कार्टून में पैक कर पहले मिशन चौक व फिर किसी बस में रखकर कहीं अनियत्र छोड़ देते लेकिन मोहर्रम पर्व के कारण मिशन चौक से बसों का परिचालन बंद होने व पुलिस की सक्रियता अधिक होने के कारण वो सुमन की लाश को मिशन चौक में ही छोड़कर भाग गए।
राजा सरावगी से मांगी थी स्कूटी
इस वारदात में जिस स्कूटी का उपयोग किया गया। वह संतोष सरावगी के पड़ोसी कोयला कारोबारी संतोष सरावगी की थी। जिसे संतोष सरावगी ने व्यापार से संबंधित काम होने के कारण मांगा था। इस स्कूटी में पहले सुमन की कार्टून बंद लाश को संपत अग्रवाल व अनिल काकड़े घर से घंटाघर तक लेकर आए। इसके बाद यहां रिक्शा चालक विलायतकला निवासी शैलेन्द्र सिंह को 100 रूपए देकर मिशन चौक तक लेकर पहुंचे और रिक्शा चालक के पहुंचने के पूर्व स्कूटी से मिशन चौक पहुंच गए और रिक्शा से लाश उतार कर वहां से भाग गए।
सतीश सरावगी से जेल भी मिलने गए थे आरोपी
साढृू भाई संपत अग्रवाल व उसके साथी अनिल सेंडे के कटनी आने बाद संतोष सरावगी उनको लेकर पुत्र सतीश सरावगी से मिलने जेल भी गए तथा उसे सुमन के दबाव बनाने की बात भी बताई लेकिन बातचीत में सतीश सरावगी ने सिर्फ इतना कहा कि उसे जमानत कराकर बाहर निकलवा दो। वह सब ठीक कर देगा। इस दौरान उसने सुमन के गर्भवती होने पर उसकी चिंता भी जताई तथा पिता संतोष सरावगी से उसका ध्यान रखने भी कहा था लेकिन संतोष सरावगी के मन में तो कुछ और ही चल रहा था।
साढ़ू को 15 हजार रूपए दिए थे
वैसे तो सुमन को रास्ते से हटाने संतोष सरावगी का साढ़ू भाई संपत अग्रवाल से कोई सौदा रिश्तेदारी के कारण नहीं हुआ था लेकिन वारदात को अंजाम देकर जब साढ़ू भाई व उसका साथी अनिल सेंडे वापस गोंदिया जाने लगे तो उनको संतोष सरावगी ने बतौर 15 हजार रूपए खर्चे के लिए साढ़ू भाई संपत अग्रवाल को दिए थे। जिसमेंं से कुछ रकम पुलिस ने जप्त भी कर ली है।
सेंट्रल स्कवाड ने भी की कोतवाली पुलिस की मदद
सुमन पटेल की इस मर्डर मिस्ट्री का पर्दाफाश करने में वैसे तो कोतवाली पुलिस की भूमिका सराहनीय रही लेकिन इस अंधे हत्याकांड का पर्दाफाश करने में कोतवाली पुलिस की मदद सेंट्रल स्कवाड की टीम ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पुलिस अधीक्षक मिथिलेश शुक्ला ने इस अंधे हत्याकांड का पर्दाफाश करने वाले सभी पुलिस अधिकारियों व पुलिस टीम को पुरूस्कृत करने की घोषणा की है।
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