उपसभापति चुनाव: अमित शाह के मास्टर स्ट्रोक से बैकफुट पर विपक्ष, जानिए पूरा गणित
वेब डेस्क। अगस्त को होने वाले राज्यसभा के उपसभापति का चुनाव एनडीए और विपक्ष के बीच शक्ति परिक्षण का मैदान बन गया है। चुनाव से पहले ही विपक्ष की गिनती गड़बड़ाने लग गई है। जेडीयू सांसद हरिवंश नारायण सिंह और कांग्रेस सांसद बीके हरी प्रसाद ने आज नामांकन पत्र भरा। इससे पहले विपक्ष ने एनसीपी सांसद वंदना चव्हाण का नाम पेश किया था।
अमित शाह का मास्टरस्ट्रोक
- बीजेपी की बजाय जेडीयू का उम्मीदवार खड़ा किया।
- नितीश कुमार के कारण बीजेडी का समर्थन मिला।
- क्षेत्रीय दलों को जेडीयू को समर्थन देने में कोई एतराज नहीं।
- शिरोमणि अकाली दल और शिव सेना को मजबूरन झुकना पड़ा।
विपक्ष के लिए उम्मीदवार चुनना बनाना परेशानी का सबब
वहीँ दूसरी तरफ विपक्ष के लिएउम्मीदवार चुनना परेशानी का सबब बन गया। पहले उन्होंने एनसीपी की सांसद वंदना चव्हाण को उम्मीदवार प्रस्तावित था। उम्मीद थी बीजेडी और शिवसेना का वोट मिलेगा। पर यहां विपक्ष ने बीजेडी अध्यक्ष नवीन पटनायक से संपर्क साधने में देर कर दी। उनके फ़ोन करने से पहले ही नीतीश कुमार ने बीजेडी से समर्थन मांग लिया था। उसके बाद एनसीपी ने नाम वापिस ले लिया। कांग्रेस ने तेलगु देशम पार्टी और तृणमूल कांग्रेस को उम्मीदवार खड़ा करने के लिए कहा पर हार के डर से उन्होंने इसमें रूचि नहीं दिखाई।
राज्य सभा में किसके पक्ष में होंगे आंकड़े
कुल सीटें | 245 |
बहुमत | 123 |
सरकार की ताक़त
एनडीए | 89 |
बीजेडी | 9 |
तेलंगाना राष्ट्रिय समिति | 4 |
एआईडीएमके | 13 |
अन्य | 10 |
कुल | 125 |
विपक्ष का गणित
कांग्रेस | 50 |
बसपा | 4 |
टीएमसी | 13 |
सपा | 13 |
लेफ्ट | 7 |
टीडीपी | 6 |
एनसीपी | 4 |
राष्ट्रिय जनता दल | 5 |
अन्य | 11 |
कुल | 113 |
अनुपस्थित रह सकते हैं
आम आदमी पार्टी | 3 |
डीएमके | 4 |
एक महीने में दूसरी बार ऐसा हुआ है जब विपक्ष को मुह की खानी पड़ी है। अविश्वास प्रस्ताव में भी सरकार को कोई मुश्किल का सामना नहीं करना पड़ा था। एनडीए ने विपक्ष को आंकड़ों के जाल में बुरी तरह से उलझा दिया है। विपक्ष को मात देने के लिए इसे बीजेपी का मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है
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