मध्यप्रदेश

मंदसौर की मासूम को कर सकते हैं डिस्चार्ज, पिता ने जताई दिल्ली एम्स भेजने की इच्छा

इंदौर। एमवाय अस्पताल में भर्ती मंदसौर दुष्कर्म कांड की पीड़ित बच्ची के स्वास्थ्य में लगातार सुधार हो रहा है। सोमवार सुबह जांच के लिए पहुंचे डॉक्टर ने पिता से कहा कि वे छुट्टी कराना चाहें तो करा सकते हैं। पिता ने छुट्टी के बजाय बच्ची को एम्स दिल्ली रेफर करने की इच्छा जताई।

बच्ची के पिता ने ‘नईदुनिया’ से चर्चा में कहा कि वे इलाज से संतुष्ट हैं, फिर भी एक बार दिल्ली जाकर एम्स में दिखाना चाहते हैं। अस्पताल में 13 दिनों से भर्ती बच्ची की छुट्टी करने या एम्स भेजने पर निर्णय के लिए डॉक्टरों की पैनल बनाई जाएगी। सोमवार को अधीक्षक वीएस पाल ने मेडिकल बुलेटिन जारी कर बच्ची के स्वस्थ होने की जानकारी दी।

बच्ची का एक माह बाद होगा एक और ऑपरेशन

बच्ची का एक माह बाद एक और ऑपरेशन होगा। अभी वह वीडियो गेम्स खेलने के साथ टीवी पर पसंद के कार्यक्रम देखती है। सोमवार को अधीक्षक वीएस पाल ने मेडिकल बुलेटिन जारी करते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बच्ची की आंख की लगातार जांच हो रही है। उसमें कोई परेशानी नहीं है।

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जरूरत पड़ी तो बाहर से भी विशेषज्ञ बुलाकर जांच कराएंगे। बच्ची को रविवार से दलिया, चावल, रोटी-सब्जी देना शुरू किया गया है। उसे जूस सहित गुलाबजामुन, चॉकलेट आदि भी दिए जा रहे हैं। कमरे में एक नर्स की ड्यूटी रहती है। बच्ची के कुछ खाने का मांगने पर क्या आया, किसने मंगवाया, बच्ची ने कितना खाया व छोड़ा, कितने एमएल पानी पीया, इसका भी लिखित रिकॉर्ड मंदसौर पुलिस रख रही है।

चार दिनों में तीन बार बयान : मंदसौर पुलिस ने चार दिनों में तीन बार बच्ची के बयान लिए हैं। शुक्रवार को मजिस्ट्रेट, जबकि शनिवार को मंदसौर डीएसपी ने बयान दर्ज किए। शनिवार को भी मंदसौर से आए मजिस्ट्रेट बयान दर्ज करके ले गए। बच्ची का डीएनए कराने के लिए फॉरेंसिक एक्सपर्ट खून के सैंपल लेकर गए हैं, जिसकी रिपोर्ट 7 दिनों में आएगी।

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अनजान भी पहुंच रहे मिलने : बच्ची से मिलने के लिए वीआईपी व रिश्तेदारों के साथ कई अनजान लोग भी पहुंच रहे हैं, लेकिन पुलिस व अस्पताल प्रबंधन माता-पिता की अनुमति के बगैर किसी को भी नहीं मिलने देते। कई लोग खुद को बच्ची का रिश्तेदार बताते हैं, जिन्हें माता-पिता नहीं जानते। ऐसे में वही उनसे मिलने से मना कर रहे हैं। उधर बच्ची के पिता ने स्कूल प्रबंधन पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि अस्पताल से छुट्टी होने के बाद वे स्कूल प्रबंधन की लापरवाही की शिकायत करेंगे।

10 पुलिसकर्मी 24 घंटे रहते हैं तैनात

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बच्ची के रूम के बाहर 10 पुलिस जवान 24 घंटे तैनात रहते हैं। प्राइवेट रूम के बाहर गलियारे में चार जवान बैठते हैं। गलियारे के अंदर टीन शेड लगा दिया गया है, जहां दो जवान पहरा देते हैं। रूम से थोड़ा दूर एक महिला पुलिसकर्मी को बैठाया गया है। इसके बाद मंदसौर से आई डीएसपी बैठती हैं। रूम के बाहर दरवाजे के पास व अंदर भी एक-एक महिला पुलिसकर्मी बैठती है। ड्यूटी नर्स का नाम नोट कर उसका मोबाइल बाहर रखवाया जाता है। यहां तक कि जांच के लिए आने वाले डॉक्टर भी बाहर ही मोबाइल रखते हैं। इन 13 दिनों में मंदसौर से आई डीएसपी रात को सोई भी नहीं। आसपास से गुजरने वाले से भी पूछताछ की जाती है।

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