Good News: गुफा में फंसे 2 बच्चों को बाहर लेकर आ रहा बचाव दल
थाईलैंड (माई साई)।
बीते दो हफ्तों से थाईलैंड की गुफा में फंसे 12 जूनियर फुटबॉल खिलाड़ियों और उनके कोच को रविवार रात तक आजादी मिल सकती है। मिशन पर 13 विदेशी गोताखोर और पांच थाई नेवी सील के गोताखोरों को भेजा गया है। दो बच्चों को गोताखोर गुफा से बाहर निकाल लाए हैं।या जा रहा है कि मिशन अच्छी तरह से चल रहा है और अगर सबकुछ ठीक रहा, तो जल्द ही सभी को गुफा से जल्द ही निकाल लिया जाएगा।
बचाव दल के प्रमुख से मिली जानकारी के मुताबिक, गोताखोर दो बच्चों को बाहर लेकर आ चुके हैं। सभी बच्चे एक साथ बाहर नहीं आ पाएंगे, लेकिन एक-एक करके उन्हें तेजी से निकालने की कोशिश की जा रही है।
बच्चों को पहला लिखित संदेश
इससे पहले शनिवार को गुफा में फंसे अपने बच्चों के लिखित संदेश को पढ़कर उनके माता-पिता भावुक हो गए। पिछले दो सप्ताह से गुफा में फंसे इन बच्चों का यह पहला लिखित संदेश था। माता-पिता को लिखे अपने भावुक पत्र में एक बच्चे ने लिखा कि गुफा में हवा थोड़ी ठंडी है, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है।
मेरे जन्मदिन की पार्टी देना मत भूलना। हम सब ठीक हैं। बता दें कि जिस दिन ये बच्चे गुफा में लापता हुए थे, उसी दिन उनमें से एक बच्चे का जन्मदिन था। वे उसका जन्मदिन मनाने के लिए गुफा में गए थे, लेकिन अचानक भारी बारिश होने से वे गुफा में फंस गए।
शनिवार सुबह थाईलैंड नेवी के गोताखोरों का एक दल गुफा से ये लिखित संदेश लेकर लौटा था। जहां तुन नाम के एक अन्य बच्चे ने लिखा, ‘मम्मी और पापा चिंता मत करो। मैं ठीक हूं। मेरे लिए फ्राइड चिकन तैयार रखना।’ बच्चों ने यह भी लिखा कि यहां पर खाने-पीने की बहुत सी चीजें हैं, जबकि कुछ ने लिखा, ‘टीचर बहुत होमवर्क मत देना।’ बच्चों द्वारा नोटबुक पर लिखे गए सभी पत्रों में लगभग इसी तरह की बातें हैं।
गुफा में बिछाई गई ऑक्सीजन लाइन
इस बीच बचाव दल के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि गुफा में ऑक्सीजन की लाइन बिछा दी गई है। बच्चों को सांस लेने में कोई दिक्कत न हो, इस बात का खास ख्याल रखा जा रहा है। ये बच्चे और उनके कोच 23 जून की शाम फुटबॉल का अभ्यास करने के बाद इस गुफा को देखने गए थे। मगर, बाढ़ के पानी के अचानक भर जाने की वजह से सभी गुफा में फंस गए। नौ दिन बाद बचावकर्ताओं के एक दल ने इन्हें खोज निकाला था।
थाईलैंड की बाढ़ प्रभावित गुफा में पिछले दो सप्ताह से फंसे बच्चों तक पहुंचने के लिए दूसरे रास्ते भी तलाशे जा रहे हैं। इस प्रयास में पहाड़ में 100 से ज्यादा सुराख कर चिमनी बनाई जा रही हैं। जलमग्न गुफा से गोताखोरी के जरिये बच्चों को निकालने में कोई खतरा होने पर उन्हें नए रास्ते से निकाला जा सकता है।
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