मोदी सरकार कर सकती है किसानों के लिए ये बड़ा ऐलान, 2019 पर नजर
वेब डेस्कः भारतीय जनता पार्टी और मोदी सरकार राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों में एंटी इनकंबेंसी से निबटने के लिए UPA-1 की कल्याणकारी योजनाओं से मदद लेने की योजना बना रही है। पार्टी ने बीजेपी शासित राज्यों से कहा है कि चुनावों से पहले केंद्र की कल्याणकारी योजनाओं को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाया जाए और उन्हें लाभान्वित किया जाए।
मोदी सरकार के चार साल पूरे होने पर बीजेपी की ओर से चलाया जा रहा ‘संपर्क फॉर समर्थन’ अभियान 11 जून को खत्म हो रहा है, जिसके बाद पार्टी 2019 की तैयारियों में जुट जाएगी। 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों में एकजुट विपक्ष की संभावना को देखते हुए शनिवार को बीजेपी और आरएसएस नेताओं की चुनौतियों से निपटने के लिए अहम बैठक हुई।
केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह के आवास पर हुई बैठक
गृह मंत्री राजनाथ सिंह के आवास पर आयोजित इस बैठक में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और आरएसएस के सहसरकार्यवाह डा. कृष्ण गोपाल के अलावा विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, महामंत्री रामलाल और पार्टी के उपाध्यक्ष वी सतीश ने हिस्सा लिया।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक गृह मंत्री के आवास पर बैठक आयोजित करने का मकसथ था कि राजनाथ सिंह के पार्टी अध्यक्ष रहने के दौरान ही बीजेपी ने राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में पूर्ण बहुमत से जीत हासिल की थी। लेकिन इस बार पार्टी की चिंता इन तीनों राज्यों में एंटी इनकंबेंसी फैक्टर से निपटने की है। एंटी इनकंबेंसी फैक्टर के लिर कारगार रणनीति बनाने के पार्टी नेता फ्रिकमंद हैं।
पार्टी ने राज्यों को दिया एंटी इनकंबेंसी से निपटने का मंत्र
सूत्रों के अनुसार एंटी इनकंबेंसी की चुनौतियों से निपटने के लिए पार्टी नेतृत्व ने इन राज्यों में सामाजिक कल्याण मंत्रालय की रिपोर्ट की मदद से कल्याणकारी योजनाओं को इन राज्यों में प्रभावकारी ढंग से पहुंचाने की रणनीति पर जोर दिया।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, आगामी आम चुनावों को लेकर एकजुट हो रहे विपक्ष को पटखनी देने के लिए पार्टी लोकप्रियतावाद और कल्याणवाद को जीत का मोहरा बना सकती है। बैठक में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने बीजेपी शासित इन राज्यों से केंद्र की कल्याणकारी योजनाओं के लाभान्वितों की संख्या बढ़ाने के लिए कहा है। वहीं पार्टी यूपीए-1 शासन के दौरान किए गए कृषि ऋण माफी योजना को भी जीत के तौर पर देख रही है।
मोदी सरकार कर सकती है 1 लाख तक का कर्ज माफ
सूत्रों के मुताबिक, साल 2008 में UPA-1 के शासनकाल के दौरान 63 हजार करोड़ की कृषि ऋण माफी योजना ने 2009 के चुनावों में कांग्रेस के लिए जीत का रास्ता खोल दिया था। कांग्रेस इसके दम पर अकेले उत्तर प्रदेश में 21 सीटें जीतने में सफल हुई थी। वहीं भाजपा भी 1 लाख रुपये तक की कृषि ऋण माफी की योजना पर विचार कर रही है। पार्टी की योजना है कि कृषि ऋण माफी योजना से किसान बहुल उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, पंजाब, और बिहार की करीब 300 लोकसभा सीटों को जीत में बदला जा सकता है।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, मोदी सरकार के कामकाज को तीन चरणों में सुधार आधारभूत ढांचे का विकास और जनहित कार्यों में विभाजित किया जा सकता है। वहीं विपक्ष जाति के आधार पर राजनीतिक दलों को एकजुट करने की कोशिशों में लगा हुआ है। वहीं बीजेपी की योजना है कि चुनावों से पहले केंद्र की कल्याणकारी योजनाओं को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचा कर लाभान्वितों की संख्या बढ़ाकर जाति आधारित राजनीति को टक्कर दी जा सके।
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