सरकार ने माना- अपराध रोकने में डीआईजी व्यवस्था नाकाम
भोपाल। प्रदेश में बढ़ रहे महिला अपराध और बिगड़ती कानून व्यवस्था को सुधारने में जुटी शिवराज सरकार ने माना कि भोपाल और इंदौर में डीआईजी यानी एसएसपी व्यवस्था कारगर साबित नहीं हो पाई। अब लगभग दस साल के प्रयोग के बाद राज्य सरकार बड़े शहरों के लिए फिर नए सिरे से नई व्यवस्था बनाने की कवायद कर रही है। इसमें कई तरह के प्रस्ताव विचाराधीन हैं, जिनमें भोपाल और इंदौर की कमान आईजी को सौंपने का प्रस्ताव भी अहम है। सरकार ने बदलाव की प्रक्रिया पर काम शुरू कर दिया है।
सूत्रों के मताबिक पिछले कुछ समय में लगातार बढ़ी आपराधिक घटनाओं ने राज्य सरकार के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है। भौंरी पुलिस अकादमी में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह की मौजूदगी में हुई कार्यशाला में भी कानून व्यवस्था सुधारने को लेकर दो दिन तक मंथन चला। इसके अलावा भी सीएम ने सभी जिलों के एसपी और आईजी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की घटनाओं में सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए।
सूत्रों के मुताबिक सरकार ने भी भोपाल-इंदौर की कानून व्यवस्था को लेकर समीक्षा की। समीक्षा में सरकार ने माना कि जिस मकसद को लेकर डीआईजी व्यवस्था भोपाल और इंदौर में कायम की गई थी, वे लक्ष्य हासिल नहीं हो पा रहे हैं। महिला अपराध नियंत्रित होने के बजाय बढ़ रहा है। इसमें इंदौर और भोपाल में पुलिस कप्तान की कमान सीधे आईजी को सौंपने पर भी विचार किया जा रहा है। ऐसे हालात में रेंज की कमान आईजी के बजाय एडीजी को सौंपी जा सकती है। फिलहाल सरकार की तैयारी ये है कि इंदौर और भोपाल में आईजी तैनात कर परिणामों की समीक्षा की जाए। इसके साथ ही सरकार ने पुलिस कमिश्नर सिस्टम पर भी विचार पर शुरू किया है। सरकार इसे प्रयोग के तौर पर लेने से पहले उन राज्यों का अध्ययन करवाना चाहती है, जिन राज्यों में पहले से पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू है।
विचार किया गया
पुलिस की कार्यशाला में इन सारे विषयों पर गंभीरता से विचार किया गया है, जिन पर सरकार को अब फैसला करना है – भूपेंद्र सिंह, गृह मंत्री
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