MP में अब नहीं हो पाएगी तस्करी, जानवरों का बनेगा आई कार्ड
जानवरों के गले में एक माइक्रोचिप वाली बेल्ट होगी जिसमें उसके मालिक की जानकारी के साथ ही पूरा डाटा होगा

प्रदेश सरकार ने सभी जानवरों के परिचय पत्र बनाने का फैसला किया है
दरअसल, इसके लिए जानवरों के गले में एक माइक्रोचिप वाली बेल्ट होगी जिसमें उसके मालिक की जानकारी के साथ ही पूरा डाटा होगा. गायों के आधार कार्ड के बाद अब प्रदेश सरकार ने सभी जानवरों के परिचय पत्र बनाने का फैसला किया है.
शहरों में लोग आमतौर पर अपने पशुओं को आवारा छोड़ देते हैं और ये पालतू पशु लोगों के लिए मुसीबत का सबब बने जाते हैं. सड़कों पर इन पशुओं के घूमने से यातायात तो प्रभावित होता ही है दुर्घटनाएं भी बढ़ जाती हैं. यही कारण है कि सरकार ने अब पशुओं के लिए परिचय पत्र बनाने का फैसला किया जिसमें कोई पालतू पशु जैसे गाय, बैल, भैंस, बकरी, स्वान, बिल्ली, खरगोश, तोता और कबूतर जैसे पालतू पशु पक्षियों का बाकायदा परिचय पत्र बनेगा जिसका पूरा रिकार्ड कम्प्यूटराइज्ड होगा.
पशुओं के गले में एक विशेष चिप का बेल्ट रहेगा जिसमें उसके मालिक के साथ ही उसकी पूरी जानकारी रहेगी. वहीं पशु मालिकों को एक एनिमल हेल्थ कार्ड भी दिया जाएगा, जिससे पशु मालिकों को जानवर की स्वास्थ्य संबंधी सुविधा के साथ ही टीकाकरण में मदद मिलेगी.आइडेंटी कार्ड से जानवर का जन्म कब हुआ, वो कितने साल का है, कौन सी बीमारी हुई, कहां से लाया गया है और उसके माता-पिता कौन हैं, सब पता लग जाएगा.
माइक्रो चिप लगने से जानवरों की हर मूमेंट पर पशुपालन विभाग की नजर रहेगी. पशुपालक भी इसे अच्छा कदम बता रहे हैं इससे उनके जानवरों एक अलग पहचान मिलेगी औऱ एक्सीडेंट होने पर वो इसका क्लेम भी कर पाएंगे.
उनका कहना है कि अभी तक किसी भी पालतू पशु की मौत होने पर उनकी जानकारी देना जरूरी नहीं होता था, लेकिन अब कोई पालतू पशु की मौत हो जाती है तो उसकी जानकारी देनी होगी कि उसकी मौत किस कारण से हुई है. अधिकतर ये देखने में आया है कि डेयरी संचालक जानवरों को तब तक अपने पास रखते है जब तक वो दूध देता है इसके बाद वो उसे या आवारा छोड़ देते है या कसाई के पास काटने के लिए बेच देते है. पशुओं के साथ इस तरह का अमानवीय व्यवहार पशु मालिक अब नहीं कर पाएंगे.
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