चुनाव: जानिए कैसे कल कैसे बदल जाएगा राज्यसभा का सीन
राजनीतिक डेस्क। देश की सियासत के लिए 23 मार्च की तारीख बहुत अहम होने जा रही हैं, क्योंकि इसी दिन राज्यसभा की 58 सीटों के लिए चुनाव होंगे। भाजपा इसे राज्यसभा में अपना गणित दुरुस्त करने के मौके के रूप में देख रही है। यहां हम बताएंगे राज्यसभा का पूरा गणित और जानेंगे कि देश की राजनीति पर इन चुनावों का कितना असर होगा –
16 राज्यों से 58 सीटों के लिए सदस्य चुने जाने हैं, लेकिन 25 से ज्यादा उम्मीदवारों को पहले ही निर्विरोध चुन लिया गया है। इनमें बिहार से 6, महाराष्ट्र से 6, मध्यप्रदेश से 5, आंध्रप्रदेश, राजस्थान और ओडिशा से 3-3 तथा हरियाणा, उत्तराखंड से एक-एक सदस्य शामिल है।
राज्यसभा का मौजूदा गणित – राज्यसभा में कुल 245 सदस्य हैं। एनडीए के पास 77 सदस्य हैं। इनमें भी सबसे ज्यादा भाजपा के 58 सदस्य हैं। अन्य दलों में जेडीयू के 7, शिरोमणि अकाली दल और शिवसेना के 3-3 सदस्य, पीडीपी के 2 तथा वहीं चार अन्य दलों के एक-एक सदस्य हैं। राज्यसभा में विपक्ष व अन्य दलों के पास 168 सदस्यों का दम है। कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है, जिसके पास 54 सदस्य हैं
चुनाव के बाद क्या संभावना – सब कुछ उम्मीद के मुताबिक हुआ तो इन राज्यसभा चुनावों के बाद भाजपा सदस्यों की संख्या 58 से बढ़कर 68 और कांग्रेस सदस्यों की संख्या 54 से घटकर 48 हो सकती है।
सबकी नजर बहनजी के उम्मीदवार पर – यूपी में सबसे दिलचस्प मुकाबला होने जा रहा है। हर किसी की जुबां पर यही सवाल है कि क्या मायावती अपने एक सदस्य को राज्यसभा पहुंचा पाएंगी। दरअसल, यूपी से 10 सदस्य चुने जाने हैं। विधानसभा सदस्यों की संख्या हिसाब से यहां एक राज्यसभा सीट जीतने के लिए 37 विधायक होने चाहिए। भाजपा के पास 324 विधायक हैं यानी 8 सीट पक्की। इसके बाद भी 28 वोट शेष बचेंगे।
नौवीं सीट समाजवादी पार्टी के खाते में जाना तय है, क्योंकि उसके 47 विधायक हैं। यानी सपा के पास भी 10 वोट अतिरिक्त हैं। अब बात मायावती की। बसपा के 19 विधायक हैं। उसे अपने एक मात्र सदस्य को राज्यसभा में भेजने के लिए 18 और विधायकों का समर्थन चाहिए। इनमें सपा के 10 और कांग्रेस के 7 विधायक मिला दिए जाएं तो कुल वोट 36 हो जाते हैं। मायावती को उम्मीद है कि आरएलडी का एक मात्र वोट उसे मिलेगा और भीमराव आम्बेडकर राज्यसभा जा पाएंगे।
वहीं भाजपा ने इस उम्मीद के साथ नौवां उम्मीदवार उतारा है कि क्रॉस वोटिंग होगी और बसपा की जगह उसका एक और सदस्य राज्यसभा में बढ़ जाएगा। सपा के शिवपाल यादव और उनके समर्थक विधायकों पर सभी की नजरें होंगी। यदि वे पार्टी लाइन से हटकर वोटिंग करते हैं, तो भाजपा का रणनीति कामयाब हो सकती है।
भाजपा की इस रणनीति ने उड़ाई सभी की नींद – भाजपा की एक अतिरिक्त सदस्य को मैदान में उतारने की रणनीति ने विरोधियों को हैरान-परेशान कर रखा है। यूपी में जहां अनिल अग्रवाल को नवां उम्मीदवार बनाया है, वहीं गुजरात और महाराष्ट्र में भी ऐसा ही किया है। गुजरात में भाजपा ने तीसरे प्रत्याशी के रूप में पूर्व राज्यमंत्री किरीट सिंह राणा को उतारा है। कांग्रेस को दो सीटें जीतने का भरोसा है, लेकिन भाजपा को उम्मीद है कि कुछ क्रॉस वोटिंग होगी और कांग्रेस का एक ही सदस्य राज्यसभा जाएगा।
गुजरात में एक राज्यसभा सदस्य के लिए 38 वोट चाहिए। भाजपा के 99 विधायक हैं। इस तरह 76 विधायकों के वोट से दो राज्यसभा सदस्य आराम से चुन लिए जाएंगे। अब बचे 23 वोट। कुछ कांग्रेस के वोट मिलें तो भाजपा की रणनीति काम कर सकती है।
महाराष्ट्र में राज्यसभा सदस्य के लिए 42 वोट जरूरी हैं। भाजपा के पास 122 विधायक हैं। इस तरह उसके तीन सदस्यों का राज्यसभा जाना तय है। यहांं चौथे प्रत्याशी के रूप में राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष विजया राहाटकर को उतारा गया है।
दो दिलचस्प उम्मीदवार
- चौथी बार राज्यसभा सदस्य बनने जा रही अभिनेत्री और समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन देश की सबसे अमीर सांसद हो सकती हैं। राज्यसभा चुनाव के लिए भरे गए नामांकन में जया व उनके पति अमिताभ बच्चन के पास कुल 10.01 अरब रुपए की संपत्ति दर्शाई गई है।
- छत्तीसगढ़ से भाजपा ने सरोज पांडेय को उम्मीदवार बनाया है। महापौर, विधायक और सांसद रहीं सरोज की गाड़ी उतनी ही पुरानी है, जितनी प्रदेश में भाजपा की सरकार। इसलिए तो उन्होंने अपनी चारपहिया गाड़ी की वर्तमान कीमत महज 50 हजार रुपए आंकी है।
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