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PPF Investment: PPF या FD में से क्‍या बेहतर? समर्थित टैक्‍स सेव‍िंग स्‍कीम, यहां आपको मि‍लेगा अच्‍छा र‍िटर्न

PPF Investment: PPF या FD में से क्‍या बेहतर? समर्थित टैक्‍स सेव‍िंग स्‍कीम, यहां आपको मि‍लेगा अच्‍छा र‍िटर्न।  अपने और पर‍िवार के फ्यूचर को ध्‍यान में रखकर हर कोई प्‍लान‍िंग करता है. लेक‍िन आपकी यह प्‍लान‍िंग तब ज्‍यादा कामयाब होती है जब आप ऐसे योजना में न‍िवेश करते हैं, जहां आपको अच्‍छा र‍िटर्न म‍िलता है. प‍िछले कुछ सालों में एफडी पर बैंकों की तरफ से तेजी से ब्‍याज दर बढ़ाई गई है. ऐसे में सवाल यह है क‍ि अगर आप न‍िवेश की प्‍लान‍िंग कर रहे हैं तो पीपीएफ (PPF) और एफडी (FD) में से क्‍या बेहतर रहेगा?

पीपीएफ सरकार समर्थित टैक्‍स सेव‍िंग स्‍कीम है. इसमें न‍िवेश से आप टैक्‍स की देनदारी कम करने के साथ ही र‍िटायरमेंट के ल‍िए भी फंड जमा करने का ऑप्‍शन देता है. पीपीएफ अकाउंट की अवध‍ि 15 साल है. इसे आप अपनी सुव‍िधा के अनुसार पांच-पांच साल के आगे बढ़ा सकते हैं. इसमें हर साल के आधार पर कम से कम 500 रुपये और अधिकतम 1.5 लाख रुपये निवेश क‍िया जा सकता है.

अकाउंट ओपन करने के ल‍िए महज 100 रुपये की मासिक जमा राशि की जरूरत होती है. हालांकि, सालाना 1.5 लाख रुपये से अधिक के किसी भी निवेश पर ब्याज नहीं मिलेगा. इस राशि पर टैक्‍स सेव‍िंग के ल‍िए पात्र नहीं होंगे. पीपीएफ खाते में 15 साल तक हर व‍ित्‍तीय वर्ष में आपको कम से कम एक बार पैसा जमा करना होगा. सालाना कम से आपको 500 रुपये का न‍िवेश करना होगा.

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पीपीएफ में न‍िवेश का अलग फायदा है. इसमें आपकी इनकम और मैच्‍योर‍िटी राशि दोनों आयकर अधिनियम, 1961 के सेक्‍शन 80C के तहत टैक्‍स फ्री हैं. मौजूदा समय में सरकार की तरफ से पीपीएफ पर 7.1% की दर से ब्‍याज द‍िया जा रहा है. इस पर एक और फायदा यह है क‍ि आपको सालाना चक्रवृद्धि ब्‍याज (Compounding Interest) म‍िलता है

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एफडी, बैंक और एनबीएफसी (NBFC) की तरफ से दी जाने वाली सेव‍िंग स्‍कीम है. एफडी निवेश का सबसे सुरक्षित तरीका है. एफडी की अवधि आपके निवेश के मकसद के आधार पर अलग- अलग हो सकती है. इसमें आप 7 दिन से लेकर अधिकतम 10 साल तक न‍िवेश कर सकते हैं. एफडी पर अर्ध-वार्षिक, त्रैमासिक या मासिक आधार पर चक्रवृद्धि ब्याज मिलता है.

कुछ एफडी मंथली पेआउट का भी ऑप्‍शन देती हैं. इस तरह की एफडी व्यक्तियों के लिए इनकम के एक व‍िश्‍वसनीय स्रोत के रूप में काम करती हैं. इसके अलावा, टैक्‍स सेव‍िंग एफडी आपकी इनकम टैक्‍स देनदारी को कम करने में मदद कर सकती हैं. निवेशक आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80C के तहत 1,50,000 रुपये तक की टैक्‍स छूट की मांग कर सकते हैं.

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आख‍िर में पीपीएफ और एफडी में न‍िवेश के बीच व‍िकल्‍प का चयन करना हो तो यह आपके स्‍पेस‍िफ‍िक सेव‍िंग गोल पर निर्भर करता है. यदि आप फ्लैगज‍िब‍िल‍िटी के साथ एक न‍िश्‍च‍ित इनकम सोर्स और बेहतर रिटर्न चाहते हैं तो एफडी अच्छा ऑप्‍शन हो सकता है. हालांक‍ि यदि आप टैक्‍स बेन‍िफ‍िट के साथ लॉन्‍ग टर्म र‍िटायरमेंट सेव‍िंग को प्र‍ियोर‍िटी देते हैं तो पीपीएफ आपके लिए सबसे अच्छा विकल्प हो सकता है.