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Uttarkashi Tunnel Update: मजदूरों को भेजे गए संतरे, सुरंग में ऑगर मशीन से ड्रिलिंग शुरू, शाम तक पाइपों के आर-पार होने की उम्मीद

Uttarkashi Tunnel Update: मजदूरों को भेजे गए संतरे, सुरंग में ऑगर मशीन से ड्रिलिंग शुरू, शाम तक पाइपों के आर-पार होने की उम्मीद है।  ऑगर मशीन से दोबारा ड्रिलिंग शुरू की गई है। सिलक्यारा सुरंग में ऑगर मशीन से दोबारा ड्रिलिंग शुरू हुई है। जिससे अब तक करीब 34 मीटर तक ड्रिलिंग की जा चुकी है। पूर्व में 900 एमएम व्यास के पाइप 22 मीटर तक डाले गए थे। इनके अंदर ही 820 एमएम व्यास के 12 मीटर तक पाइप डाले जा चुके हैं। सब कुछ ठीक रहा तो आज शाम तक पाइपों के आर-पार होने की उम्मीद की जा रही है।

श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए हर संभव प्रयास कर रही सरकार-सीएम धामी
सीएम धामी ने कहा कि सिलक्यारा टनल में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन के अंतर्गत छह इंच व्यास की पाइप मलबे के आर-पार किए जाने से श्रमिकों तक भोजन के साथ ही अन्य आवश्यक सामग्री पहुंचाई जा रही है। इस संबंध में आदरणीय प्रधानमंत्री जी का मार्गदर्शन एवं सहयोग भी हमें निरंतर प्राप्त हो रहा है। हमारी सरकार सभी श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।

ड्रोन से सुरंग की साइट का दिखा दृश्य
उत्तरकाशी के सिल्कयारा में जहां सुरंग के अंदर फंसे 41 श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए बचाव अभियान चल रहा है। वहां का ड्रोन से दृश्य कैद किया गया है।

ऑगर मशीन को फिर से शुरू किया गया
ड्रिलिंग के लिए लगाई गई पुरानी ऑगर मशीन को फिर से शुरू किया गया है। इससे अब पांचवें पाइप को आगे बढ़ाया जा रहा है। मशीन चलाते हुए भीतर अभी भी कम्पन्न महसूस हो रही है। इसलिए केवल केवल जरूरी ऑपरेटर और विशेषज्ञ ही सुरंग के अंदर हैं।

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सुरंग के ऊपर बोरिंग के लिए मशीन रवाना
सिलक्यारा सुरंग के ऊपर बोरिंग के लिए मशीन रवाना कर दी गई है। यह मशीन अस्थाई सड़क से ऊपर पहुंचकर बोरिंग करेगी। यह बोरिंग लाइफलाइन के रूप में की जाएगी।

मजदूरों को भेजे गए संतरे
सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को आज छह इंच के पाइप से फल भेजे गए हैं। अंदर फंसे मजदूरों के परिजनों का कहना है कि उन्हें खुशी है कि अंदर फंसे सभी लोग सुरक्षित हैं और उन्हें आज दसवें दिन फल भेजे गए हैं। वहीं, परिजनों ने श्रमिक से बात भी की।

ये हैं आज के बड़े अपडेट
1-टनल के भीतर रात तीन बजे छह इंच की पाइप लाइन ब्लॉक हुई थी, जिसे फायर ब्रिगेड की गाड़ी ने पानी के प्रेशर से साफ किया। इसके बाद ही कैमरा अंदर जा पाया।
2- एसजेवीएन की मशीन आज दोपहर तक टनल के ऊपर पहुंचने की उम्मीद। शाम या रात को शुरू हो सकती है वर्टिकल ड्रिल।
3- टनल के भीतर अमेरिकी ऑगर मशीन को जल्दी ही शुरू करने की तैयारी।
4- टनल में फंसे मजदूरों को फल जैसे संतरे भेजे गए।
5- परिजन टनल में पहुंचे। अपनों से बात करके संतुष्ट दिखे।
6- आज टनल के आसपास भारी बंदिशें हैं, सरकारी वाहन भी नहीं जाने दे रहे। यूपीसीएल के इंजीनियरों को टनल के ऊपर विद्युतीकरण करने जाना है लेकिन पास के बहाने उन्हें रोका गया।
7- आरवीएनएल ने टनल के ऊपर आठ इंच के लाइफलाइन पाइप की ड्रिल को बेस बनाया।

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पीएम मोदी ने सीएम धामी से लिया फीडबैक
पीएम नरेंद्र मोदी ने सीएम पुष्कर सिंह धामी को फोन कर सिलक्यारा में चल रहे बचाव कार्यों का फीडबैक लिया। कहा, केंद्र द्वारा आवश्यक उपकरण व संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। केंद्र और राज्य की एजेंसियों के परस्पर समन्वय से श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा। वहीं, सीएम धामी ने उन्हें श्रमिकों से एंडोस्कोपिक कैमरे की मदद से हुई बातचीत एवं उनकी कुशलता की जानकारी भी दी।

श्रमिकों के लिए तैयार हो रहा नाश्ता
सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों के लिए रात खिचड़ी भेजी गई थी। वहीं अब उनके लिए नाश्ता तैयार किया जा रहा है। यह नाश्ता भी उन्हें छह इंच के नए फूड पाइप से भेजा जाएगा।

वॉकी-टॉकी से बात करने की कोशिश
आज सुबह एंडोस्कोपिक फ्लेक्सी कैमरा सुरंग में फंसे मजदूरों तक पहुंचाया गया। बचावकर्मी वॉकी-टॉकी के माध्यम से फंसे हुए श्रमिकों से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं।

सीएम धामी ने किया ट्वीट
कैमरे के सुरंग में भेजे जाने को लेकर सीएम धामी ने भी ट्वीट कर जानकारी दी। उन्होंने लिखा ‘सिल्क्यारा, उत्तरकाशी में निर्माणाधीन टनल में फँसे श्रमिकों की पहली बार तस्वीर प्राप्त हुई है। सभी श्रमिक भाई पूरी तरह सुरक्षित हैं, हम उन्हें शीघ्र सकुशल बाहर निकालने हेतु पूरी ताक़त के साथ प्रयासरत हैं।’

एंडोस्कोपिक कैमरे से दिखे मजदूर

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सोमवार को मजदूरों की स्थिति देखने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था, पर अंदर धूल होने से तस्वीरें साफ नहीं आ पाईं। अब दिल्ली से एंडोस्कोपिक कैमरे मंगाए गए थे जिन्हें आज मंगलवार को पाइप से भीतर पहुंचाया गया। इस दौरान कैमरे से टनल के भीतर फंसे हुए सभी 41 मजदूर दिखाई दिए। सभी सुरक्षित हैं।

रेस्क्यू में ये संगठन जुटे
भारतीय सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, बीआरओ, एनएचआईडीसीएल, उत्तराखंड पुलिस, एसजेवीएनएल, आरवीएनएल, लार्सन एंड टूब्रो, टीएचडीसी, आपदा प्रबंधन विभाग, जिला प्रशासन, ओएनजीसी, आईटीबीपी, राज्य लोनिवि, डीआरडीओ, परिवहन मंत्रालय, होमगार्ड्स आदि।

आज ये काम किए जाएंगे
एसजेवीएन की ड्रिल मशीन सुरंग के ऊपर पहुंचेगी, 24 घंटे में इंस्टॉल होगी। आरवीएनएल की ड्रिल मशीन भी सुरंग के ऊपर जाएगी। रोबोट को चलाने का प्रयास किया जाएगा, ताकि मजदूरों तक पहुंच और आसान हो।

बड़कोट छोर से शुरू हुई ड्रिलिंग
बड़कोट छोर से भी सुंरग में ड्रिलिंग का काम शुरू हो गया है। इसके लिए टीएचडीसी की आठ से 10 लोगों की टीम पहुंच गई है। यहां से दो से ढाई मीटर व्यास की सुरंग तैयार की जाएगी। आज से ऑगर मशीन फिर तेजी से काम शुरू कर देगी।