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Uttarakhand Tunnel Rescue: प्‍लान प्‍लान और फि‍र DRDO का प्‍लान, आठवें दि‍न भी प्रेक्‍टि‍कल से मजदूरों को बाहर निकालने का मास्टरप्लान

Uttarakhand Tunnel Rescue: प्‍लान प्‍लान और फि‍र DRDO का प्‍लान, आठवें दि‍न भी प्रेक्‍टि‍कल से मजदूरों को बाहर निकालने का मास्टरप्लान।  उत्तरकाशी की निर्माणाधीन सुरंग में पिछले 8 दिनों से फंसे 41 मजदूरों के लिए पूरे देश में चिंता बनी हुई है. उन्हें सुरक्षित तरीके से बाहर निकालने के लिए भारत सरकार की तमाम एजेंसियां जुटी हुई हैं. अब उन्हें मदद पहुंचाने के लिए DRDO के जरिए रिमोट से चलने वाला व्हीकल मंगवाया जा रहा है. इसके साथ ही रोबोटिक्स इक्विपमेंट भी घटनास्थल पर लाए जा रहे हैं, जिन्हें सुरंग के अंदर भेजकर मजदूरों को बाहर निकालने का रास्ता बनाया जाएगा.

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माइक्रो ड्रोन भी मंगवाया जाएगा

सूत्रों के मुताबिक एक माइक्रो ड्रोन भी साइट पर मंगवाया जा रहा है, जिसे पाइप के जरिए अंदर भेजने की योजना है. यही नहीं, ऑप्टिकल फाइबर के जरिए टनल में फंसे लोगों तक इंटरनेट नेटवर्क भेजा जाएगा. अधिकारियों की ओर से तैयार किए गए नए बचाव प्लान के तहत हर एरिया में 2 cavity तैयार की जाएंगी. इनमें से एक रेस्क्यू के लिए होगी और एक खाना पहुंचाने के लिए होगी.

 

6 इंच का नया पाइप डाला गया

इसके साथ ही सिल्कयारा टनल में खाने की सामग्री पहुंचाने के लिए एक नया 6 इंच का पाइप डाल दिया गया है. ये 6 इंच का पाइप है, जिसे जरिए अब अब खाने पीने का ज्यादा सामान और जरूरत की दूसरी चीजें अंदर भेजी जा सकेंगी.

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टनल साइट के पास अस्थाई अस्पताल

सुरंग में अंदर फंसे 41 लोगों के टनल से बाहर निकलते ही उन्हें मेडिकल हेल्प देने के लिए टनल साइट के पास अस्थाई अस्पताल भी तैयार किया गया है. इस 6 बेड के अस्पताल में हर बेड के साथ ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था की गई है. इस अस्थाई अस्पताल में ECG, ऑक्सीजन मॉनिटर, ब्लड प्रेशर और प्राथमिक चिकित्सा से जुड़ी सभी चीजें रखी गई हैं.

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मनोचिकित्सक कर रहा लोगों से बात

इसके साथ ही एयर एम्बुलेंस और एम्स हरिद्वार समेत नजदीकी अस्पतालों को अलर्ट पर रखा गया है. एक मनोचिकित्सक को भी बुलाया गया है, जो टनल में फंसे लोगों की वॉकी-टॉकी के जरिए लगातार काउंसलिंग कर रहा है. फिलहाल उन्हें बाहर निकालने के लिए 6 अलग-अलग रेस्क्यू प्लान पर काम चल रहा है और अगले दो-ढाई दिनों में उनके बाहर निकलने की संभावना है.