Uttarkashi Tunnel Hadsa: उत्तरकाशी टनल में फंसे मजदूरों ने भेजा संदेश, की लगातार ऑक्सीजन सप्लाई की मांग
Uttarkashi Tunnel Resque Update: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में टनल में फंसे 40 मजदूरों को बचाने की मुहिम जारी है. हालांकि, करीब 60 घंटे बीत जाने के बाद भी अब तक मजदूरों को निकाला नहीं जा सका है. टनल में फंसे मजदूरों से संपर्क हो रहा है और सभी सुरक्षित हैं. रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए आज का दिन बेहद अहम है, क्योंकि रेस्क्यू ऑरेशन में बड़ा बदलाव किया गया है. अब टनल में जमा मलबा को नहीं निकाला जाएगा, जबकि ड्रिल के जरिए मजदूरों तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है.
उत्तरकाशी टनल में फंसे मजदूरों ने भेजा संदेश
टनल में फंसे मजदूरों से प्रशासन लगातार संपर्क में है. राहत और बचाव टीम ने जब वॉकी-टॉकी के जरिए मजदूरों से बात की तो उन्होंने ऑक्सीजन की मांग की. मजदूरों ने बताया कि वे सभी सुरक्षित हैं और उन्हें खाने-पीने का सामान मिल रहा है. इसके साथ ही उन्होंने ऑक्सीजन की सप्लाई भी निरंतर बनाए रखने की मांग की.
सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए बचाव एवं राहत कार्य युद्ध स्तर पर जारी हैं. 900 मिमी व्यास के पाइप व ऑगर ड्रिलिंग मशीन साइट पर पहुंच गई है. मशीन से ड्रिलिंग की जा रही है. पुलिस ने टनल के अन्दर फंसे श्रमिकों से पाइप के माध्यम से उनके परिजनों से बातचीत भी करवाई है.
उत्तरकाशी पुलिस के सीओ ऑपरेशन प्रशांत कुमार द्वारा टनल के अन्दर फंसे श्रमिकों से पाइप के माध्यम से उनके परिजनों की बातचीत करवाकर धैर्य बंधाया जा रहा है. सभी श्रमिक सुरक्षित हैं. अंदर फंसे कोटद्वार निवासी गंभीर सिंह नेगी के बेट ने उनसे सम्पर्क कर कुशलक्षेम जानी. साथ ही उनको बाहर से शासन- प्रशासन द्वारा तेजी से किये जा रहे रेस्क्यू कार्यों की जानकारी दी. उत्तरकाशी पुलिस कंट्रोल रूम द्वारा भी श्रमिकों के परिजनों से सम्पर्क कर उनको अपडेट दिया जा रहा है. सुरंग में रसद, पानी व ऑक्सीजन की लगातार आपूर्ति की जा रही है.
8-10 घंटे में मिल सकती है सफलता
आज टनल से मलबा नहीं निकाला जा रहा है. टनल में 200 मीटर की दूरी पर आज से नया ऑपरेशन शुरू हुआ है. इसके लिए कई एजेंसियों के एक्सपर्ट भी पहुंचे हैं. नए ऑपरेशन के तहत आज 8 से 10 घंटे में रेस्क्यू में बड़ी कामयाबी मिल सकती है. अब टनल से मलबा निकालने की जगह ड्रिल के जरिए मजदूरों तक पहुंचाने की कोशिश हो रही है. इसके लिए बड़े-बड़े ट्रक से पाइप मंगाई गई है. ट्रक के जरिए स्टील की पाइप मंगाई गई है. पाइप के जरिए मजदूरों तक पहुंचने की कोशिश हो रही है. इसके साथ टनल में फंसे वर्कर्स के परिजन भी मौके पर पहुंच रहे हैं.
मजदूरों को स्टील के पाइप की मदद से निकाला जाएगा
टनल में फंसे 40 मजदूरों को बचाने की कोशिश और तेज कर दी गई है. इस सुरंग का निर्माण कर रही कंपनी ने बताया है कि सुरंग के अंदर से ‘शॉटक्रेटिंग’ (कंक्रीट स्प्रे) के साथ मिट्टी को हटाया जा रहा है. जबकि, ‘हाइड्रोलिक जैक’ की मदद से 900 मिमी व्यास के स्टील पाइप को अंदर डालने की योजना बनाई जा रही है, ताकि सुरंग में फंसे लोगों को निकाला जा सके. आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा का कहना है कि जल्द ही रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा हो जाएगा और सभी मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा.
60 घंटे में अब तक क्या-क्या हुआ?
200 मीटर की दूरी पर आज से नया ऑपरेशन शुरू
– 25 मीटर तक मलबा हटाया गया.
– पाइप के जरिए मजदूरों तक पहुंचने की कोशिश
– 40 मजदूरों तक खाना पहुंचाया गया.
– मजदूरों तक पहुंचाई गई ऑक्सीजन.
– खुदाई के दौरान फिर गिरा मलबा.
– PM नरेंद्र मोदी ने CM पुष्कर सिंह धामी से जानकारी ली.
– हाइड्रोलिक जैक के जरिए स्टील पाइप डाली जा रही.
– पाइप के जरिए मजदूरों को निकालने की कवायद है.
– NDRF-SDRF की टीमें मौके पर जुटी हुई हैं.
– वॉकी-टॉकी से मजदूरों से बात हुई है.
– CM पुष्कर सिंह धामी ग्राउंड जीरो पर पहुंचे थे.
सरकार और टनल बनाने वाली कंपनी पर उठ रहे सवाल
सवाल 1: 60 घंटे से फंसी जान, जिम्मेदार कौन?
सवाल 2: क्या टनल निर्माण में हुई लापरवाही?
सवाल 3: क्या सुरंग बनाने में नियमों का पालन हुआ?
सवाल 4: बिना सुपरवाइजर के मजदूर अंदर कैसे गए?
सवाल 5: पिछले हादसों से सबक क्यों नहीं लिया?
उत्तरकाशी टनल की इनसाइट स्टोरी
- पानी के पाइप से ऑक्सीजन की सप्लाई
- पानी के पाइप से ही खाने के पैकेट भेजे गए
- JCB और भारी मशीनों से बचाव अभियान
- पाइप का इस्तेमाल करके संचार स्थापित किया
- 205 से 260 मीटर के बीच सुरंग का एक हिस्सा ढहा
- 260 मीटर के निशान से आगे फंसे मजदूर
- चट्टान भुरभुरी होने की वजह से राहत के काम में परेशानी
पीएम मोदी लगातार ले रहे हैं हालात का जायजा
उत्तरकाशी टनल में चल रहे रेस्क्यू मिशन पर पीएम नरेंद्र मोदी की नजर है. लगातार दूसरे दिन पीएम मोदी ने सीएम पुष्कर सिंह धामी से फोन पर हालात का जायजा लिया है. सीएम धामी भी लगातार घटना को लेकर लगातार जानकारी ले रहे हैं. हादसे के 24 घंटे बाद सीएम धामी सोमवार को घटनास्थल पर कल पहुंचे थे. हादसे के बाद सीएम धामी ने कहा कि हमें केंद्र से पूरी मदद मिली है. इस पूरे मामले में धामी सरकार की नाकामी भी सवालों के घेरे में है.
टनल बनाने वाली कंपनी नयवुग का ‘ट्रैक रिकॉर्ड’?
यमुनोत्री में जिस नवयुग इंजनीयिरिंग कंपनी को टनल बनाने का टेंडर दिया गया था, उसका ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा नहीं रहा है. इसी साल अगस्त में महाराष्ट्र के ठाणे में समृद्धि हाईवे पर पुल के निर्माण के दौरान गर्डर गिर गया था. उस वक्त हादसे में 20 लोगों की जान चली गई थी. नवयुग इंजनीयिरिंग कंपनी ने ही ठाणे में समृद्धि पुल का निर्माण किया था. नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी के खिलाफ IPC की धारा 304 के तहत गैर इरादत हत्या का केस भी दर्ज हुआ था.
दिवाली के दिन हुआ था बड़ा हादसा
उत्तराखंड के धरासू और बड़कोट के बीच निर्माणाधीन सिलक्यारा-बड़कोट सुरंग में सिलक्यारा की ओर से 270 मीटर अंदर 30 मीटर क्षेत्र में ऊपर से मलबा गिरने के कारण 40 व्यक्ति फंस गए. यह हादसा रविवार को यानी दिवाली के दिन सुबह करीब 6-7 बजे हुआ था. उत्तरकाशी जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र द्वारा उपलब्ध सूची के अनुसार, सुरंग में फंसे श्रमिकों में से 15 झारखंड, आठ उत्तर प्रदेश, पांच ओडिशा, चार बिहार, तीन पश्चिम बंगाल, दो-दो उत्तराखंड और असम और एक हिमाचल प्रदेश के हैं. कुल 4531 मीटर लंबी सुरंग का 2340 मीटर हिस्सा सिलक्यारा की तरफ से और 1600 मीटर हिस्सा बड़कोट की तरफ से बन चुका है. घटना के कारणों की जांच के लिए उत्तराखंड भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र की अध्यक्षता में गठित तकनीकी समिति ने भी मौके का निरीक्षण किया.