Diwali 2023 Laxhmi Pujan Vidhi Shubh Muhurat Mantra : दीपावली आज, इस शुभ मुहूर्त में होगी मां लक्ष्मी की पूजा, जानें पूजा विधि, मंत्र और आरती
Diwali 2023 Laxhmi Pujan Vidhi Shubh Muhurat Mantra : दीपावली आज, इस शुभ मुहूर्त में होगी मां लक्ष्मी की पूजा, जानें पूजा विधि, मंत्र और आरती आज दीपोत्सव का महापर्व दिवाली का त्योहार पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। 5 दिनों तक चलने वाले इस पर्व की शुरुआत धनतेरस से होती है और पांचवें दिन भाईदूज पर इसका समापन होता है। दिवाली पर कार्तिक अमावस्या के दिन लक्ष्मी पूजन का विधान होता है। इस दिन मां लक्ष्मी के साथ विघ्नहर्ता श्रीगणेश और कुबेर देवता की पूजा होती है। पौराणिक मान्यता है कि कार्तिक अमावस्या की रात को मां लक्ष्मी वैकुंठ धाम से पृथ्वीलोक भ्रमण पर आती हैं और घर-घर जाकर यह देखती हैं कि किसका घर साफ और सुंदर है।
Diwali 2023 par kya na karein: दिवाली पर क्या न करें
1- नशे के सेवन से बचें
2- वाद-विवाद से बचें
3- दिवाली की शाम को न सोएं
4- किसी स्त्री का अपमान न करें
5- दिवाली का शाम झाड़ू न लगाएं
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1- मुख्य द्वार पर रंगोली
2- दरवाजे पर तोरण द्वार
3- मुख्य द्वार पर स्वास्तिक और शुभ-लाभ के निशान
4- पूजा स्थल पर लक्ष्मी जी की चरण पादुका
5- आम और अशोक के हरे पत्तों या फूलों की बंधनवार बांधना शुभ
6- ईशान कोण में जल से भरा पात्र रखें
7- पूजा में घी या तेल के दीपक
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Diwali 2023 Importance Of Broom: लक्ष्मी पूजन की रात को झाड़ू क्यों लगाते हैं?
बिना दोष नष्ट किए किसी भी गुण का महत्व नहीं है। यहां लक्ष्मी प्राप्ति के लिए उपाय के साथ ही अलक्ष्मी का नाश भी किया जाना चाहिए, इसलिए इस धनतेरस के दिन नई झाड़ू खरीदी जाती है उसे लक्ष्मी कहते हैं। मध्य रात्रि को नई झाड़ू से घर का कचरा सूप में भरकर उसे बाहर डालना चाहिए, ऐसा बताया गया है। इसे अलक्ष्मी (कचरा, दरिद्रता) निःसारण कहते हैं। सामान्यतः कभी भी रात को घर बुहारना एवं कचरा बाहर डालना जैसी कृति नहीं की जाती। केवल इसी दिन यह करना चाहिए। कचरा निकालते समय सूप बजाकर भी अलक्ष्मी को निकाला जाता है।
Diwali 2023 Rajyog: 5 राजयोग में मनाया जाएगा दीपोत्सव का पर्व
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कार्तिक कृष्ण प्रदोष व्यापिनी अमावस्या में दीपोत्सव का पर्व मनाया जायेगा। आज शुक्र,बुध, चंद्रमा व गुरु ग्रह की शुभ स्थिति से गजकेसरी, हर्ष, उभयचरी, काहल व दुर्धरा नामक पांच राजयोग बन रहे हैं ।
हर साल दीवाली पूजन में इस्तेमाल की जाने वाली लक्ष्मी व गणेश की मूर्तियां नई होनी चाहिए।
पूजा घर और मुख्य दरवाजे के दोनों तरफ रोली से स्वास्तिक का निर्माण करना भी शुभ माना जाता है।
दिवाली पर हमेशा ही प्रदोष काल में लक्ष्मी पूजा करनी चाहिए। प्रदोष काल वह समय होता है जब सूर्यास्त होता है, इसके बाद का मुहूर्त का प्रदोष काल का मुहूर्त कहलाता है।
दिवाली पर मां लक्ष्मी की पूजा अकेले नहीं करनी चाहिए बल्कि भगवान गणेश के साथ करना चाहिए। मां लक्ष्मी की अकेले पूजा करने पर पूजा का पूरा फल नहीं मिलता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गणेश जी माता लक्ष्मी के दत्तक पुत्र हैं। मां लक्ष्मी से भगवान गणेश की एक वरदान प्राप्त है कि जहां पर गणेश जी पूजा होगी है वहां पर मां लक्ष्मी स्थाई रूप से विराजमान होंगी।
दिवाली पर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा के साथ धन के देवता कुबेर की पूजा अवश्य करें। भगवान कुबेर को धन के भंडार यानी कोषाध्यक्ष होते हैं।
Diwali 2023 Lakshmi Pujan History: दीपावली का पौराणिक इतिहास
लक्ष्मी पूजन के दिन श्रीविष्णु ने लक्ष्मी सहित सभी देवताओं को बली के कारागृह से मुक्त किया था, तत्पश्चात उन सभी देवताओं ने क्षीरसागर में जाकर शयन किया ऐसी कथा है।
रंगोली से सजा हो आपका घर आंगन
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गणेश जी से मिले बुद्धि का वरदान,
लक्ष्मी जी से मिले धन-संपदा का दान।
यही कामना है हमारी, इस दिवाली
पाएं आप सुख-समृद्धि और मान सम्मान।
दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएं!
Diwali 2023 Shubh Yog: दिवाली पर बन रहे हैं ये शुभ योग
इस बार दिवाली पर आयुष्मान और सौभाग्य योग भी बन रहा है। वैदिक ज्योतिष शास्त्र में सौभाग्य योग को बहुत ही शुभ और मंगलकारी योग माना जाता है। इस योग में दिवाली पूजा और शुभ कार्य करने पर भाग्य में वृद्धि और सुख-समृद्धि आती है।
सौभाग्य योग- 12 नवंबर को शाम -04 बजकर 25 मिनट से 13 नवंबर को दोपहर 03 बजकर 23 मिनट तक।
आयुष्मान योग-12 नवंबर को सुबह से शाम 04 बजकर 25 मिनट तक।
Diwali 2023 Neeshith Kaal Shubh Muhurat: निशीथ काल का शुभ पूजा मुहूर्त
दिवाली का रात को महालक्ष्मी पूजा के लिए यह निशीथ काल मुहूर्त भी अच्छा माना जाता है। निशीथ काल का मुहूर्त 11:39 बजे से रात्रि 12:30 बजे तक रहेगा। जिसकी अवधि लगभग 52 मिनट की होगी।
Diwali 2023 Pradosh Kaal: प्रदोष काल का मुहूर्त
प्रदोष काल 12 नवंबर 2023- सायंकाल 05:11 से 07:39 बजे तक
वृषभ काल (स्थिर लग्न) – सायंकाल 05:22 बजे से 07:19 बजे तक
Diwali 2023 Shubh Muhurat: दिवाली पर लक्ष्मी पूजा के लिए शुभ मुहूर्त
इस वर्ष 12 नवंबर को दिवाली पर मां लक्ष्मी की पूजा के लिए 2 शुभ मुहूर्त होंगे। पहला शुभ मुहूर्त शाम के समय यानी प्रदोष काल में मिलेगा जबकि दूसरा शुभ मुहूर्त निशिथ काल में होगा।
प्रत्येक वर्ष कार्तिक माह की अमावस्या तिथि पर दीपोत्सव का पर्व मनाया जाता है। धनतेरस से शुरू होने वाला यह पंचदिवसीय पर्व है। इस बार दिवाली का त्योहार आज यानी 12 नवंबर को पूरे देश में पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। दिवाली पर घरों, दुकानों और प्रतिष्ठानों को रंगोली,फूलों और लाइट से सजाया जाता है। पौराणिक मान्यता है कि कार्तिक अमावस्या की रात को मां लक्ष्मी वैकुंठ धाम से पृ्थ्वीलोक भ्रमण पर आती हैं और घर-घर जाकर यह देखती हैं कि किसका घर साफ और सुंदर है। घर में लक्ष्मी का वास होने पर जीवन में धन-संपदा और सुख-समृद्धि आती है। इस बार दिवाली पर लक्ष्मी-गणेश की पूजन के लिए 2 शुभ मुहूर्त रहेगा। वैदिक पंचांग की गणना के अनुसार अमावस्या तिथि 12 नवंबर को दोपहर 02:44 बजे से शुरू हो जाएगी जो अगले दिन यानी 13 नवंबर, सोमवार को दोपहर 02:56 बजे खत्म होगी।