Kulbhushan Jadhav Case: कतर में 8 भारतीयों की मौत की सजा का मामला अभी ठंडा नहीं हुआ, पाकिस्तान में कुलभूषण केस ने फिर दी टेंशन
Kulbhushan Jadhav Pakistan: Kulbhushan Jadhav Case: कतर में 8 भारतीयों की मौत की सजा का मामला अभी ठंडा नहीं हुआ, पाकिस्तान में कुलभूषण केस ने फिर दी टेंशन। कतर (Qatar) में 8 भारतीयों को मौत की सजा का मामला अभी चल ही रहा है. भारत सरकार कई फ्रंट पर कतर सरकार से बातचीत कर रही है. कतर में फंसे भारतीयों को वापस लाने की जुगत में लगी हुई है. इस बीच, कुलभूषण जाधव (Kulbhushan Jadhav) के मामले में पाकिस्तान (Pakistan) की तरफ से एक और टेंशन आ गई है. दरअसल, पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जेहरा बलूच ने कहा है कि कुलभूषण जाधव के मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला लागू नहीं हो सकता है. आइए जानते हैं कि ममुताज जेहरा बलूच ने इसके पीछे क्या दलील दी है.
क्या कुलभूषण जाधव को मिलेगी राहत?
बता दें कि कुलभूषण जाधव एक भारतीय कैदी हैं. पाकिस्तानी मिलिट्री कोर्ट उन्हें मौत की सजा सुना चुकी है. पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जेहरा बलूच के मुताबिक, मिलिट्री की तरफ से आम लोगों पर मुकदमा चलाने से रोकने को लेकर दिया गया सुप्रीम कोर्ट का फैसला कुलभूषण जाधव के केस में लागू नहीं होता है.
पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट का क्या है फैसला?
जान लें कि पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने बीते 23 अक्टूबर को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया था. सुप्रीम कोर्ट ने 9 मई की हिंसा के बाद अरेस्ट किए गए लोगों के खिलाफ मिलिट्री ट्रायल्स को इनवैलिड कर दिया था. इसी को लेकर मुमताज जेहरा बलूच से पूछा गया था कि क्या सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का कुलभूषण जाधव के मामले पर कोई असर पड़ेगा.
पाकिस्तान विदेश मंत्रालय की दलील
कुलभूषण जाधव के मामले पर मुमताज जेहरा बलूच ने कहा कि मुझे हमारी कानून टीम से इसको लेकर बातचीत करनी होगी, लेकिन मेरी समझ से यह एक अलग केस है. दरअसल, यह मामला एक ऐसे इंसान से जुड़ा हुआ है, जो इंडियन नेवी का अधिकारी रह चुका है.
कुलभूषण जाधव केस क्या है?
गौरतलब है कि अप्रैल, 2017 में जासूसी और टेररिज्म के आरोप में कुलभूषण जाधव को पाकिस्तानी मिलिट्री कोर्ट ने मौत की सजा दी थी. फिर भारत ने कुलभूषण जाधव तक राजनयिक पहुंच ना होने देने और मौत की सजा को इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) में चैलेंज किया था. इसके बाद जुलाई, 2019 में आईसीजे ने फैसला देते हुए कहा था कि पाकिस्तान, कुलभूषण जाधव तक भारत को राजनयिक पहुंच दे. इसके अलावा सजा की समीक्षा करे.