MLA Transfer For Election: भिंड विधायक की घर वापसी, हाथी पर सवार हुए संजीव कुशवाह
MLA Transfer For Election : भिंड विधायक की घर वापसी, हुए हाथी पर सवार संजीव कुशवाह। भाजपा से टिकट कटने से नाराज चल रहे भिंड विधायक संजीव सिंह गुरुवार को बसपा में शामिल हो गए। सात माह पहले भाजपा में रहते हुए संजीव सिंह ने एक बैठक के दौरान गले में बसपा का गमछा पहन लिया था।
फोटो इंटरनेट मीडिया पर जमकर बहुप्रसारित हुआ था। वर्ष 2018 में बसपा से चुनाव जीतने के बाद भिंड विधायक संजीव सिंह अप्रैल 2022 में भाजपा में शामिल हो गए थे।
वर्ष 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में उन्होंने बसपा से चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। भाजपा ने उनका टिकट काटकर पूर्व विधायक नरेंद्र सिंह को टिकट दे दिया। इससे, नाराज होकर उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी। उधर बसपा ने रक्षपाल सिंह टिकट देकर चुनावी मैदान में उतारा है।
गुरुवार को रक्षपाल सिंह ने इंटरनेट मीडिया के माध्यम से लाइव आकर लोगों से अपील करते हुए कहा कि एक अफवाह चल रही है कि मेरा टिकट कट गया है। इस तरह की अफवाह में आप लोग न आएं। 27 तारीख की सुबह नामांकन जमा करने जाऊंगा।
सरकार का धोखा: एक किलोवाट भार वाले बिल माफ नहीं, स्थगित किये
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत व सेवानिवृत्त विंग कमांडर अनुमा आचार्य ने गुरुवार को नियमित प्रेस ब्रीफ्रिंग में कहा कि भाजपा सरकार ने एक किलोवाट तक के सभी उपभोक्ताओं के बिल माफ करने की बजाये अस्थाई रूप से स्थगित कर धोखाधड़ी की है।
कांग्रेस का आरोप है कि प्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कंपनियों ने एक षड्यंत्र के तहत एक किलोवाट के लगभग 80 से 90 प्रतिशत उपभोक्ताओं के भार को दो किलोवाट कर इस बिल स्थगित करने की प्रक्रिया से बाहर कर दिया। ऐसे उपभोक्ताओं की संख्या प्रदेश में 18 लाख के लगभग है।
मीड़िया से चर्चा के दौरान प्रदेश प्रवक्ता आरपी सिंह, राम पांडे व संभागीय प्रवक्ता धर्मेंद्र शर्मा मौजूद थे। राजपूत ने बताया कि भार बढ़ाने की एक निर्धारित प्रक्रिया है। बिजली कंपनी ने इस प्रक्रिया का पालन नहीं किया है।
उपभोक्ता को नहीं पता कि कब एक किलोवाट से उनका भार दो किलो वाट हो गया, जबकि इस प्रक्रिया के लिये उपभोक्ता से न तो आवेदन लिया गया और नहीं पंजीकरण शुल्क जमा कराया गया है। हालांक बता दें कि पूर्व में ही ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर साफ कर चुके हैं कि एक किलो वाट वाले बिल की वसूली फिलहाल स्थगित ही की गई है।